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बेटी ने किया पिता का अंतिम संस्कार - लॉ विश्वविद्यालय रायपुर

बेटे का फर्ज निभाते हुए राजधानी भोपाल की बेटी ने पिता का अंतिम संस्कार किया.

Daughter cremated father funeral
बेटी ने किया पिता का अंतिम संस्कार
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Published : Feb 12, 2021, 9:48 AM IST

भोपाल। जिस पिता के कंधों पर बेटी खेलकर बड़ी हुई थी. रविवार को उसी पिता की अर्थी को उसने कंधा भी दिया. मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया. बेटी को पिता की अर्थी कंधे पर ले जाते देख लोगों की आंखे नम हो गईं.

आम तौर पर बेटा ही अर्थी को कंधा देता है, लेकिन इस परंपरा को तोड़ते हुए इन्द्रपुरी की बेटी ने पिता कमलेश दुबे के अंतिम संस्कार के सभी काम पूरे किए.

इन्द्रपुरी के रहने वाले कमलेश रामकिशुन दुबे किडनी की समस्या से पीड़ित थे, जिनका इलाज पिछले कुछ माह से इलाज जारी था, जिनकी मृत्यु आज सुबह इलाज के दौरान एम्स में हुई. चूंकि उनकी एक ही बेटी है, जिसका नाम कुमारी श्री दुबे है. वह अभी लॉ विश्वविद्यालय रायपुर में तृतीय वर्ष में अध्ययनरत है. परिवार के सभी सदस्यों ने ही यह निर्णय लिया कि स्वर्गीय कमलेश का अंतिम संस्कार उनकी बेटी ही करेगी.

बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज
बेटी श्री दुबे का कहना है कि परिवार में कभी भी बेटी-बेटा में फर्क नहीं समझा गया. हमेशा बेटे की तरह की पाला गया. पिता के अंतिम संस्कार में शांति घाट पर परिवार की सभी महिलाएं पहुंची थी.

भोपाल। जिस पिता के कंधों पर बेटी खेलकर बड़ी हुई थी. रविवार को उसी पिता की अर्थी को उसने कंधा भी दिया. मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया. बेटी को पिता की अर्थी कंधे पर ले जाते देख लोगों की आंखे नम हो गईं.

आम तौर पर बेटा ही अर्थी को कंधा देता है, लेकिन इस परंपरा को तोड़ते हुए इन्द्रपुरी की बेटी ने पिता कमलेश दुबे के अंतिम संस्कार के सभी काम पूरे किए.

इन्द्रपुरी के रहने वाले कमलेश रामकिशुन दुबे किडनी की समस्या से पीड़ित थे, जिनका इलाज पिछले कुछ माह से इलाज जारी था, जिनकी मृत्यु आज सुबह इलाज के दौरान एम्स में हुई. चूंकि उनकी एक ही बेटी है, जिसका नाम कुमारी श्री दुबे है. वह अभी लॉ विश्वविद्यालय रायपुर में तृतीय वर्ष में अध्ययनरत है. परिवार के सभी सदस्यों ने ही यह निर्णय लिया कि स्वर्गीय कमलेश का अंतिम संस्कार उनकी बेटी ही करेगी.

बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज
बेटी श्री दुबे का कहना है कि परिवार में कभी भी बेटी-बेटा में फर्क नहीं समझा गया. हमेशा बेटे की तरह की पाला गया. पिता के अंतिम संस्कार में शांति घाट पर परिवार की सभी महिलाएं पहुंची थी.

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