भोपाल। राजधानी भोपाल में 2021-22 के लिए प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन को लेकर उपजे विरोध के बाद एक मई से लागू करने की घोषणा की गई थी. इस बीच कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने एक बार रियल एस्टेट कारोबार को पटरी से उतार दिया. गाइड लाइन को लेकर रियल एस्टेट कारोबारियों के संगठन क्रेडाई ने कीमतों में बढ़ोतरी नहीं किए जाने की मांग की है. वित्तीय वर्ष 21-22 के लिए प्रस्तावित कलेक्टर गाइड लाइन में इस बार 3200 से अधिक लोकेशन पर वृद्धि प्रस्तावित कर दी गई है. इस दौरान अलग-अलग पंजीयन कार्यालयों में आई 51 में 48 दावा आपत्ति में अधिकांश लोगों ने जमीनों के रेट न बढ़ाने की अपील की है.
रियल एस्टेट को मिले राहत
क्रेडाई ने कोरोना महामारी को देखते हुए प्रापर्टी की दरें नहीं बढ़ाने की मांग सरकार से की है. क्रेडाई का कहना है कि सरकार को महामारी के बीच हुए नुकसान से बाहर लाने के लिए रियल एस्टेट को राहत देना चाहिए. पंजीयन शुल्क में राहत देकर रियल एस्टेट को उठने का मौका दिया जाए. संपत्ति की दरें पहले ही बहुत है. अब और बढ़ोतरी की गई तो कारोबार ठप हो जाएगा.
प्रोजेक्ट समाप्त होने की अवधि एक साल बढ़ाई जाए
क्रेडाई का कहना है कि रेरा के आने के बाद प्रोजेक्ट समाप्त होने की अवधि छह महीने बढ़ाई गई थी लेकिन अब कोरोना संक्रमण के चलते काम बंद होने से रियल एस्टेट का काम बंद है. इन हालातों में हमारी मांग है कि रेरा द्वारा प्रोजेक्ट समाप्त करने की अवधि को एक साल बढ़ाया जाना चाहिए, जिससे प्रोजेक्ट पूरे किए जा सकें और किसी का नुकसान न हो.
कोरोना काल में बढ़ी इम्युनिटी बूस्टर की डिमांड
10 से 20 फीसदी की वृद्धि प्रस्तावित
जानकारी के मुताबिक 2010 से 2015 तक शहर की कई लोकेशन ऐसी है जहां प्रोपर्टी की कीमतों में 300 से 615 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है. इन इलाकों में प्रापर्टी की कीमतें 10 से 20 फीसदी तक बढ़ाना पर्स्तावित है. शहरी क्षेत्री की 2800 लोकेशनों पर रेट बढ़ाए जाने प्रस्तावित है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों की 300 से अधिक लोकेशनों में मूल्यवृद्धि प्रस्तावित की गई है.
बीजेपी- कांग्रेस भी जता चुकी है आपत्ति
भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा गाइड लाइन में की जाने वाले वृद्धि को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख चुके हैं. इसमें उन्होंने रजिस्ट्री महंगी होने से सरकार को राजस्व के नुकसान का हवाला दिया था, साथ ही तीन साल में एक बार कलेक्टर गाइडलाइन में जमीनों के दाम तय किए जाने की बात कही थी. वहीं कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा भी बढ़ाई दरों को लेकर आपत्ति दर्ज करा चुके हैं. पीसी शर्मा ने कहा कि रियल एस्टेट की हालत खराब है, इन हालात में जिला मूल्यांकन समिति की तरफ से पास किए गए प्रस्ताव से आम आदमी और कारोबारी दोनों पर असर पड़ेगा.