भोपाल। राजधानी में सोमवार को मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया. यहां दो अस्पतालों की लापरवाही से कोरोना पीड़ित 59 साल के एक मरीज की मौत हो गई. दरअसल, पीपुल्स अस्पताल में मरीज को 10 दिन पहले किडनी की बीमारी के चलते भर्ती किया गया था, इस दौरान उसका कोरोना टेस्ट कराया गया. सोमवार शाम मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने तत्काल चिरायु अस्पताल में फोन कर मरीज को भर्ती करने के लिए कहा.
एंबुलेंस में बिना ऑक्सीजन के मरीज
हैरान कर देने वाली बात ये है कि, जिस एंबुलेंस से मरीज को चिरायु अस्पताल शिफ्ट किया जा रहा था, उसमें ऑक्सीजन और वेंटिलेटर तक नहीं था. अस्पताल ले जाते वक्त अचानक मरीज की तबीयत बिगड़ गई, हालत बिगड़ी तो मरीज को एंबुलेंस के कर्मचारी बीच रास्ते से लौटाकर फिर पीपुल्स अस्पताल लेकर आ गए, लेकिन यहां के डॉक्टरों ने मरीज को दोबारा भर्ती नहीं किया. अस्पताल के बाहर ही मरीज को बचाने के लिए पीपुल्स अस्पताल के डॉक्टरों ने प्रयास किए, लेकिन आधे घंटे की भीतर ही बुजुर्ग की मौत हो गई.
दो घंटे तक पड़ा रहा शव
लापरवाही का आलम ये रहा कि, कोरोना पीड़ित मरीज की मौत हो जाने के बावजूद करीब 2 घंटे तक उसका शव अस्पताल के बाहर ही पड़ा रहा, परिजनों ने इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग से की है. जिस समय यह पूरा घटनाक्रम हो रहा था, वहां मौजूद कुछ लोगों ने वीडियो बनाया लिया.
परिजनों का आरोप है कि, बार-बार बोलने पर भी पीपुल्स अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज को दोबारा भर्ती नहीं किया, साथ ही चिरायु अस्पताल के कर्मचारी भी मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे. यहां तक की, प्रशासनिक अधिकारियों के दखल के बाद मरीज को पार्किंग में इलाज देने की कोशिश की गई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और थोड़ी देर बाद बुजुर्ग की मौत हो गई.