भोपाल। कोरोना संक्रमण के दौरान दिन-रात काम कर रहे फ्रंटलाइन वॉरियर्स को संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है. स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी लगातार कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. इसी कड़ी में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के दौरान रायसेन जिले के बरेली तहसील में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर बीएमओ के पद पर कार्यरत डॉ. गिरीश वर्मा बीते 15 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए थे. जिसके बाद उन्हें राजधानी के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
- नेचुरल थैरेपी से मेंटेन किया ऑक्सीजन लेबल
डॉ. गिरीश वर्मा का हमीदिया अस्पताल में 7 दिन इलाज चलने के बाद उन्हें 22 अप्रैल को घर भेज दिया गया था. डॉ. गिरीश ने अपने इलाज के दौरान ऑक्सीजन सपोर्ट नहीं लिया. उन्होंने नेचुरल थैरेपी से अपने ऑक्सीजन सैचुरेशन को मेंटेन रखा. इस दौरान उन्होंने इस थैरेपी को लेकर वीडियो बनाकर लोगों के बीच पहुंचाने का प्रयास किया जिसमें उन्होंने सभी से घर पर रहकर ऑक्सीजन लेवल कैसे मेंटेन किया जा सकता है, इसकी पूरी जानकारी दी है.
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- 1 मई से ड्यूटी पर जाने की तैयारी
हमीदिया अस्पताल से डॉ. गिरीश वर्मा को 22 अप्रैल को घर भेज दिया गया था. भोपाल में साकेत नगर 9 बी में डॉक्टर वर्मा का घर है, जहां वह अभी होम आइसोलेशन पर हैं. डॉ. गिरीश वर्मा ने बताया की अस्पताल से छुट्टी होने के बाद करीब 2 सप्ताह तक उन्हें होम आइसोलेशन पर रहना है, लेकिन सिविल अस्पताल बरेली में मरीजों का इलाज करने के लिए वह 1 मई से ड्यूटी पर जाएंगे क्योंकि अस्पताल में पहले से ही डॉक्टर और स्टाफ की कमी है. उन्होंने कहा कि वह अस्पताल में नेचुरल थैरेपी के जरिए जब उन्होंने ऑक्सीजन लेबल को मेंटेन रखने की कोशिश की तो शुरुआत में उन्हें काफी परेशानी हुई, लेकिन उन्होंने इसके निरंतर प्रयास से अपने ऑक्सीजन लेवल को मेंटेन रखा है और अब वह अस्पताल जाकर मरीजों को भी इसके लिए प्ररित करेंगे.