भोपाल। मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों की मतगणना 3 दिसंबर को सभी जिला मुख्यालय में होगी. मतगणना की निगरानी के लिए कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है. इस कंट्रोल रूम में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह पूरे समय बैठेंगे और यहां से काउंटिंग की प्रक्रिया पर नजर रखेंगे. कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में राज्यसभा सांसद विवेक तंखा भी सीनियर वकीलों के साथ मौजूद रहेंगे, ताकि किसी जिले में मतगणना में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर तुरंत जरूरी कदम उठाए जा सके.
सभी प्रत्याशियों और एजेंट को बताई गई बारीकियां: काउंटिंग में किसी तरह की गड़बड़ियां ना हो उसको लेकर कांग्रेस ने काउंटिंग को लेकर बड़ी तैयारी की है. कांग्रेस ने चुनाव मैदान में उतरे सभी प्रत्याशियों और उनके चुनावी एजेंट को कांग्रेस प्रदेश कार्यालय बुलाकर काउंटिंग की बारीकियां से रूबरू कराया जा रहा है. एक्सपर्ट द्वारा इन्हें बताया जा रहा है कि काउंटिंग के दौरान किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखा जाना है. किन चीजों पर काउंटिंग के दौरान विशेष नजर बनाए रखनी है.
ताकि, काउंटिंग में किसी तरह की गड़बड़ी न हो और इसका नुकसान पार्टी को ना उठाना पड़े. उधर, कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में पूरी प्रक्रिया पर नजर बनाए रखने के लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया जा रहा है. इसमें करीबन 40 से ज्यादा अधिवक्ताओं की टीम रहेगी ताकि किसी जिले में कोई शिकायत मिलने पर सीनियर वकीलों द्वारा इन्हें तत्काल राय दी जाए. काउंटिंग में लगे अधिकारियों से बात की जा सके कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा भी मौजूद रहेंगे. कमलनाथ और दिग्विजय सिंह भी लगातार काउंटिंग की प्रक्रिया पर नजर रखेंगे.
2018 में भी पीसीसी में बनाया गया था कंट्रोल रूम: 2018 के विधानसभा चुनाव कीमत गणना के दौरान भी 11 दिसंबर को कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया था. इसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और उसे वक्त कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया करीब शाम 7:00 बजे तक पीसीसी में ही रुके थे. उसे वक्त प्रदेश की करीब 30 सीटों पर बेहद काला मुकाबला हुआ था इन सीटों पर विवेक तंखा और उनकी अधिवक्ताओं की टीम ने लगातार इन विधानसभा सीटों की काउंटिंग में कोऑर्डिनेशन बनाए रखा था.