ETV Bharat / state

कमलनाथ पर चुनाव आयोग की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी कांग्रेस

author img

By

Published : Oct 30, 2020, 8:20 PM IST

Updated : Oct 30, 2020, 8:28 PM IST

चुनाव आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया है. जिस पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. चुनाव आयोग के इस फैसले पर कांग्रेस का कहना है कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है और इस फैसले को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

Kamal Nath
कमलनाथ

भोपाल। चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश में हो रहे उपचुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है. चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया है. चुनाव आयोग ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि लगातार विवादित बयानों के चलते यह फैसला लिया है और अगर कमलनाथ स्टार प्रचारक के तौर पर कहीं सभाएं करते हैं, तो उनकी सभाओं का खर्च प्रत्याशी के खर्चे में जोड़ा जाएगा. चुनाव आयोग के इस फैसले पर कांग्रेस का कहना है कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है और इस फैसले को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. जिस चुनाव आयोग की पूरी दुनिया में प्रशंसा होती थी, आज उसकी तटस्थता ब्लैक बॉक्स में खड़ी हुई है.

कांग्रेस का बयान
चुनाव आयोग के फैसला पर कांग्रेस ने उठाए सवाल


मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है. आज जब पूरे देश में संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. तब इस तरह के फैसले देश के जनमानस को ठेस पहुंचाने वाले हैं. जिन बयानों को लेकर कमलनाथ पर यह फैसला लिया गया है. उससे 100 गुना घातक बयान बिसाहूलाल सिंह, मुख्यमंत्री और बीजेपी के नेताओं ने दिए हैं. जिन पर चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की है. जिससे पता चलता है कि चुनाव आयोग एकांकी रूप से फैसला ले रहा है. चुनाव आयोग को बीजेपी के नेताओं के विवादित बयान सुनाई नहीं पड़ता है क्या. एक भरी सभा में 16 बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपशब्द का इस्तेमाल किया था. वहीं इमरती देवी ने कमलनाथ के परिवार की महिलाओं को 4 दिन तक गाली दी थी. क्या चुनाव आयोग को यह सब सुनाई नहीं पड़ता है.

बीजेपी का बयान

कांग्रेस चुनाव आयोग के फैसले के विरोध में खटखटाएगी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा


भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि इस मामले में हम निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. आज इस चेहरे को बेनकाब करने की जरूरत है. जिस भारत की चुनाव व्यवस्था की पूरी दुनिया इज्जत करती थी. पूरी दुनिया के देश हमारे चुनाव आयोग के लोगों से ट्रेनिंग लेते थे.आज वहां की तटस्थता ब्लैक बॉक्स में खड़ी है.

कमलनाथ का ट्वीट

चुनाव आयोग द्वारा स्टार प्रचारक का दर्जा छीनने के बाद कमलनाथ ने ट्वीट किया है. कमलनाथ ने कहा कि जनता फ़ैसला करेगी. मेरी आवाज़ को रोकने का, दबाने का प्रयास है. कांग्रेस की आवाज को कुचलने का प्रयास है. सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं. जनता सच्चाई का साथ देगी.

  • अब जनता फ़ैसला करेगी।

    मेरी आवाज़ को रोकने का, दबाने का प्रयास है।

    कांग्रेस की आवाज़ को कुचलने का प्रयास है।

    सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।

    जनता सच्चाई का साथ देगी।

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 30, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

केके मिश्रा का ट्वीट

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्वीट करते हुए निशाना साधा है कि हम आभारी हैं भारत निर्वाचन आयोग के जिसने हमारे नेता कमलनाथ जी की नागरिकता नहीं छीनी, चुनाव प्रचार समाप्ति के मात्र 48 घंटों पहले यह "निष्पक्षता" किसे लाभ पहुंचाने के लिए है ? अब तो तय है कि चुनाव निष्पक्ष नहीं होंगे.

  • हम आभारी हैं भारत निर्वाचन आयोग के,जिसने हमारे नेता मान.कमलनाथ जी की नागरिकता नहीं छीनी,चुनाव प्रचार समाप्ति के मात्र 48 घंटों पहले यह "निष्पक्षता" किसे लाभ पहुंचाने के लिए है?अब तो तय है कि चुनाव निष्पक्ष नहीं होंगे! @ChouhanShivraj @OfficeOfKNath

    — KK Mishra (@KKMishraINC) October 30, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें : मतदान से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, चुनाव आयोग ने कमलनाथ से छीना स्टार प्रचारक का दर्जा

कमलनाथ पर चुनाव आयोग की कार्रवाई


पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर उपचुनाव के प्रचार रुकने के ठीक 2 दिन पहले स्टार प्रचारक का दर्जा छीनने के चुनाव आयोग के फैसले में कहा गया है कि कमलनाथ लगातार विवादित बयान बाजी कर रहे थे और इस सिलसिले में उन्हें 22 अक्टूबर को नोटिस भी जारी किया गया था.

उन्होंने बीजेपी की प्रत्याशी इमरती देवी को 'आइटम' कहकर संबोधित किया था. जिसके सिलसिले में चुनाव आयोग ने नोटिस जारी करते हुए उनसे 2 दिन के अंदर जवाब मांगा था. चुनाव आयोग का कहना है कि उनके जवाब से आयोग संतुष्ट नहीं हैं. चुनाव आयोग का कहना है कि नोटिस दिए जाने के बाद भी वह लगातार इस तरह के बयान देते रहे. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बारे में कहा कि 'शिवराज नौटंकी करते हैं वे मुंबई जाकर एक्टिंग क्यों नहीं करते'.

वहीं उन्होंने एक सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा था कि 'आपके भगवान तो वह माफिया हैं, जिससे आपने मध्यप्रदेश की पहचान बनाई. यह सब शिकायतें बीजेपी द्वारा चुनाव आयोग में दर्ज कराई गई थी. इस मामले में कमलनाथ को नोटिस दिया गया था और कमलनाथ ने तय समय पर जवाब दिया था, लेकिन चुनाव आयोग ने उस जवाब को संतुष्टि कारक नहीं मानते हुए कहा है कि जिस तरह से कमलनाथ ने लगातार चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है और अगर वह कहीं स्टार प्रचारक के तौर पर प्रचार करते हैं. तो उनके कार्यक्रम का खर्चा प्रत्याशी के खर्च में जोड़ा जाएगा.

बीजेपी ने चुनाव आयोग के फैसले का किया स्वागत

चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए बीजेपी प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी ने कहा कि मैं चुनाव आयोग का बहुत बहुत धन्यवाद करना चाहता हूं. क्योंकि जिस तरह से मध्यप्रदेश में कमलनाथ इस तरह से बयान और भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे वो काफी निंदनीय है. उनका कहना है कि इस फैसले से पूरे देश में एक मिसाल कायम होगी. अगर नेताओं को बयान देना है तो किन मर्यादाओं का ध्यान रखाना चाहिए.

भोपाल। चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश में हो रहे उपचुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है. चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया है. चुनाव आयोग ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि लगातार विवादित बयानों के चलते यह फैसला लिया है और अगर कमलनाथ स्टार प्रचारक के तौर पर कहीं सभाएं करते हैं, तो उनकी सभाओं का खर्च प्रत्याशी के खर्चे में जोड़ा जाएगा. चुनाव आयोग के इस फैसले पर कांग्रेस का कहना है कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है और इस फैसले को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. जिस चुनाव आयोग की पूरी दुनिया में प्रशंसा होती थी, आज उसकी तटस्थता ब्लैक बॉक्स में खड़ी हुई है.

कांग्रेस का बयान
चुनाव आयोग के फैसला पर कांग्रेस ने उठाए सवाल


मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है. आज जब पूरे देश में संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. तब इस तरह के फैसले देश के जनमानस को ठेस पहुंचाने वाले हैं. जिन बयानों को लेकर कमलनाथ पर यह फैसला लिया गया है. उससे 100 गुना घातक बयान बिसाहूलाल सिंह, मुख्यमंत्री और बीजेपी के नेताओं ने दिए हैं. जिन पर चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की है. जिससे पता चलता है कि चुनाव आयोग एकांकी रूप से फैसला ले रहा है. चुनाव आयोग को बीजेपी के नेताओं के विवादित बयान सुनाई नहीं पड़ता है क्या. एक भरी सभा में 16 बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपशब्द का इस्तेमाल किया था. वहीं इमरती देवी ने कमलनाथ के परिवार की महिलाओं को 4 दिन तक गाली दी थी. क्या चुनाव आयोग को यह सब सुनाई नहीं पड़ता है.

बीजेपी का बयान

कांग्रेस चुनाव आयोग के फैसले के विरोध में खटखटाएगी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा


भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि इस मामले में हम निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. आज इस चेहरे को बेनकाब करने की जरूरत है. जिस भारत की चुनाव व्यवस्था की पूरी दुनिया इज्जत करती थी. पूरी दुनिया के देश हमारे चुनाव आयोग के लोगों से ट्रेनिंग लेते थे.आज वहां की तटस्थता ब्लैक बॉक्स में खड़ी है.

कमलनाथ का ट्वीट

चुनाव आयोग द्वारा स्टार प्रचारक का दर्जा छीनने के बाद कमलनाथ ने ट्वीट किया है. कमलनाथ ने कहा कि जनता फ़ैसला करेगी. मेरी आवाज़ को रोकने का, दबाने का प्रयास है. कांग्रेस की आवाज को कुचलने का प्रयास है. सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं. जनता सच्चाई का साथ देगी.

  • अब जनता फ़ैसला करेगी।

    मेरी आवाज़ को रोकने का, दबाने का प्रयास है।

    कांग्रेस की आवाज़ को कुचलने का प्रयास है।

    सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।

    जनता सच्चाई का साथ देगी।

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 30, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

केके मिश्रा का ट्वीट

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्वीट करते हुए निशाना साधा है कि हम आभारी हैं भारत निर्वाचन आयोग के जिसने हमारे नेता कमलनाथ जी की नागरिकता नहीं छीनी, चुनाव प्रचार समाप्ति के मात्र 48 घंटों पहले यह "निष्पक्षता" किसे लाभ पहुंचाने के लिए है ? अब तो तय है कि चुनाव निष्पक्ष नहीं होंगे.

  • हम आभारी हैं भारत निर्वाचन आयोग के,जिसने हमारे नेता मान.कमलनाथ जी की नागरिकता नहीं छीनी,चुनाव प्रचार समाप्ति के मात्र 48 घंटों पहले यह "निष्पक्षता" किसे लाभ पहुंचाने के लिए है?अब तो तय है कि चुनाव निष्पक्ष नहीं होंगे! @ChouhanShivraj @OfficeOfKNath

    — KK Mishra (@KKMishraINC) October 30, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें : मतदान से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, चुनाव आयोग ने कमलनाथ से छीना स्टार प्रचारक का दर्जा

कमलनाथ पर चुनाव आयोग की कार्रवाई


पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर उपचुनाव के प्रचार रुकने के ठीक 2 दिन पहले स्टार प्रचारक का दर्जा छीनने के चुनाव आयोग के फैसले में कहा गया है कि कमलनाथ लगातार विवादित बयान बाजी कर रहे थे और इस सिलसिले में उन्हें 22 अक्टूबर को नोटिस भी जारी किया गया था.

उन्होंने बीजेपी की प्रत्याशी इमरती देवी को 'आइटम' कहकर संबोधित किया था. जिसके सिलसिले में चुनाव आयोग ने नोटिस जारी करते हुए उनसे 2 दिन के अंदर जवाब मांगा था. चुनाव आयोग का कहना है कि उनके जवाब से आयोग संतुष्ट नहीं हैं. चुनाव आयोग का कहना है कि नोटिस दिए जाने के बाद भी वह लगातार इस तरह के बयान देते रहे. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बारे में कहा कि 'शिवराज नौटंकी करते हैं वे मुंबई जाकर एक्टिंग क्यों नहीं करते'.

वहीं उन्होंने एक सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा था कि 'आपके भगवान तो वह माफिया हैं, जिससे आपने मध्यप्रदेश की पहचान बनाई. यह सब शिकायतें बीजेपी द्वारा चुनाव आयोग में दर्ज कराई गई थी. इस मामले में कमलनाथ को नोटिस दिया गया था और कमलनाथ ने तय समय पर जवाब दिया था, लेकिन चुनाव आयोग ने उस जवाब को संतुष्टि कारक नहीं मानते हुए कहा है कि जिस तरह से कमलनाथ ने लगातार चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है और अगर वह कहीं स्टार प्रचारक के तौर पर प्रचार करते हैं. तो उनके कार्यक्रम का खर्चा प्रत्याशी के खर्च में जोड़ा जाएगा.

बीजेपी ने चुनाव आयोग के फैसले का किया स्वागत

चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए बीजेपी प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी ने कहा कि मैं चुनाव आयोग का बहुत बहुत धन्यवाद करना चाहता हूं. क्योंकि जिस तरह से मध्यप्रदेश में कमलनाथ इस तरह से बयान और भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे वो काफी निंदनीय है. उनका कहना है कि इस फैसले से पूरे देश में एक मिसाल कायम होगी. अगर नेताओं को बयान देना है तो किन मर्यादाओं का ध्यान रखाना चाहिए.

Last Updated : Oct 30, 2020, 8:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.