भोपाल। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती लगातार शराबबंदी को लेकर आवाज उठा रही हैं. अब एक बार फिर उमा भारती ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को पत्र लिखकर शराबबंदी की मांग दोहराई है. उन्होंने लिखा कि शराब की बिक्री बंद होना चाहिए. राजस्व के लिए अन्य विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए.
उमा भारती के पत्र के बाद कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि सरकार शराब माफियाओं के सामने नतमस्तक हैं.
'शराब के अहाते तत्काल बंद हों'
उमा भारती ने एक बार फिर शराबबंदी की मांग दोहराई है. इसके लिए उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को पत्र भी लिखा. उमा भारती ने पत्र में साफ तौर पर लिखा कि शराब के अहाते होना शर्मनाक है. इन्हें तत्काल बंद किया जाना चाहिए. साथ ही राजस्व के लिए अन्य विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि मैं इस बात से सहमत हूं कि शराब और नशा स्वेच्छा से ही छोड़ा जाना चाहिए, लेकिन समाज को समग्र रूप से स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी सरकार की होती है. शराब और नशे को रोकने के बारे में सरकार को सोचना चाहिए.
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उन्होंने गुजरात और बिहार की तुलना करते हुए लिखा कि मध्य प्रदेश में भी शराबबंदी की जा सकती है. साथ ही उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि राजस्व की हानि की पूर्ति के विकल्प तलाशने के लिए एक कमेटी बनाई जाए. नशे के खिलाफ जन जागरण अभियान चलाया जाए.
शराब माफिया के सामने नतमस्तक सरकार
इधर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के पत्र पर कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार शराब माफियाओं के सामने नतमस्तक है. चाल, चरित्र और चेहरे की बात करने वाली बीजेपी अब न तो अपने लोगों की बात सुन रही है और न ही विपक्ष की बात सुन रही है. जहरीली शराब के चलते कई लोगों की मौत हो गई है. इसके बावजूद भी सरकार शराब माफियाओं को संरक्षण दे रही है.