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शिवराज की कार्यप्रणाली पर पार्टी में ही उठे सवाल, कांग्रेस ने साधा निशाना

मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद अब शिवराज सिंह की कार्यप्रणाली पर उनकी ही पार्टी में विरोध होने लगा है. बता दें कि बीते दिन बीजेपी कार्यालय में लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर विभाग, प्रकल्प और प्रकोष्ठ की बैठक में शिवराज पहले तो देरी से आए, उसके बाद वे भाषण देकर वहां से निकल गए. शिवराज का यह रवैया किसी को भी पसंद नहीं आया

शिवराज सिंह
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Published : Mar 4, 2019, 10:47 PM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद अब शिवराज सिंह की कार्यप्रणाली पर उनकी ही पार्टी में विरोध होने लगा है. बता दें कि बीते दिन बीजेपी कार्यालय में लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर विभाग, प्रकल्प और प्रकोष्ठ की बैठक में शिवराज पहले तो देरी से आए, उसके बाद वे भाषण देकर वहां से निकल गए. शिवराज का यह रवैया किसी को भी पसंद नहीं आया.

जानकारी के मुताबिक बीजेपी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष के सामने नाराजगी जताते हुए कहा कि एक तो समय पर बैठक शुरू नहीं होती और अगर होती भी है तो कार्य योजना बनाने की बजाय भाषणबाजी होती है. सिर्फ भाषण देकर नेता लोग चले जाते हैं, रघुनंदन शर्मा ने प्रदेश बीजेपी में मौजूद मुख्यमंत्री जन कल्याण प्रकोष्ठ पर भी सवाल उठाए.

कांग्रेस प्रवक्ता मिथुन अहिरवार

उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में आपका मुख्यमंत्री नहीं है, फिर भी इस तरह का प्रकोष्ठ काम क्यों कर रहा है, इसे बंद कर देना चाहिए. प्रदेश अध्यक्ष ने उनके सुझाव पर विचार-विमर्श करने की बात कही. वहीं कांग्रेस ने शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा कि दिक्कत यह है कि मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भी शिवराज सिंह खुद को राजनीति का सुपरस्टार मानते हैं.

भोपाल। मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद अब शिवराज सिंह की कार्यप्रणाली पर उनकी ही पार्टी में विरोध होने लगा है. बता दें कि बीते दिन बीजेपी कार्यालय में लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर विभाग, प्रकल्प और प्रकोष्ठ की बैठक में शिवराज पहले तो देरी से आए, उसके बाद वे भाषण देकर वहां से निकल गए. शिवराज का यह रवैया किसी को भी पसंद नहीं आया.

जानकारी के मुताबिक बीजेपी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष के सामने नाराजगी जताते हुए कहा कि एक तो समय पर बैठक शुरू नहीं होती और अगर होती भी है तो कार्य योजना बनाने की बजाय भाषणबाजी होती है. सिर्फ भाषण देकर नेता लोग चले जाते हैं, रघुनंदन शर्मा ने प्रदेश बीजेपी में मौजूद मुख्यमंत्री जन कल्याण प्रकोष्ठ पर भी सवाल उठाए.

कांग्रेस प्रवक्ता मिथुन अहिरवार

उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में आपका मुख्यमंत्री नहीं है, फिर भी इस तरह का प्रकोष्ठ काम क्यों कर रहा है, इसे बंद कर देना चाहिए. प्रदेश अध्यक्ष ने उनके सुझाव पर विचार-विमर्श करने की बात कही. वहीं कांग्रेस ने शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा कि दिक्कत यह है कि मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भी शिवराज सिंह खुद को राजनीति का सुपरस्टार मानते हैं.

Intro:भोपाल। मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद अब शिवराज सिंह की कार्यप्रणाली को लेकर उनकी ही पार्टी के अंदर विरोध होने लगा है। दरअसल रविवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर विभाग, प्रकल्प और प्रकोष्ठ की बैठक बुलाई गई थी। लेकिन इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह एक तो देरी से पहुंचे और उसके बाद भाषण देकर निकल लिए। एक तो कार्यकर्ता शिवराज की देरी से पहुंचने से नाराज थे और फिर कार्यकर्ताओं से बिना मुलाकात के उनका इस तरह जाना, किसी को पसंद नहीं आया। इसी बात पर पूर्व सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा बिफर गए और उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष से इस तरह की कार्यप्रणाली को लेकर जमकर सवाल खड़े किए।


Body:भाजपा सूत्रों की माने तो वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष के सामने नाराजगी जताते हुए कहा कि एक तो समय पर बैठकर शुरू नहीं होती और अगर होती है। तो इनमे कार्य योजना बनाने की जगह भाषण बाजी होती है और सिर्फ भाषण देकर नेता लोग चले जाते हैं। रघुनंदन शर्मा के बयान के कारण कार्यक्रम में सन्नाटा खिंच गया। वहीं रघुनंदन शर्मा ने प्रदेश भाजपा में मौजूद मुख्यमंत्री जन कल्याण प्रकोष्ठ पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में आपका मुख्यमंत्री नहीं है। फिर भी इस तरह का प्रकोष्ठ काम क्यों कर रहा है, इसे बंद कर देना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष ने उनके सुझाव पर विचार विमर्श करने की बात कही जैसे तैसे मामला ठंडा कराया।


Conclusion:अब इन खबरों के मीडिया में आने के बाद कांग्रेस को शिवराज सिंह पर हमला करने का मौका मिल गया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मिथुन अहिरवार का कहना है कि दिक्कत यह है कि मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भी शिवराज सिंह खुद को राजनीति का सुपरस्टार मानते हैं। उनकी पार्टी ने ना तो उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया, ना ही नेता प्रतिपक्ष और ना ही मध्य प्रदेश में कोई महत्वपूर्ण भूमिका दी है। बल्कि उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर केंद्र में भेज दिया गया है। फिर भी वह मध्य प्रदेश में वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसी वजह से भाजपा संगठन उनके खिलाफ खड़ा हो गया है कि एक व्यक्ति जिसने 15 साल के कुशासन के बाद हमें हराया है, इन को किसी तरह से निष्क्रिय किया जाए। इस घटना से पार्टी की अंतर्कलह खुलकर सामने आ गई है, आने वाले समय में यह और ज्यादा बढ़ेगी। वहीं मुख्यमंत्री प्रकोष्ठ की बात करें,तो शिवराज सिंह को बनाना है तो वह है अब पूर्व मुख्यमंत्री प्रकोष्ठ बनाए। क्योंकि अब आपके दोबारा मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद तो है नहीं। इसलिए समय आ गया है कि आप सच्चाई स्वीकारें और प्रदेश की जनता आपको पहले नकार चुकी है और अब भाजपा संगठन भी नकार रहा है।
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