भोपाल। कोरोना महामारी के बीच सीएम शिवराज सिंह भी कोरोना की चपेट में हैं, राजधानी के चिरायु अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. इस बीच मंगलवार को उन्होंने कैबिनेट की वर्चुअल बैठक की है, जिसके बाद से कांग्रेस लगातार प्रदेश सरकार पर निशाना साध रही है. सीएम शिवराज की इस बैठक को कांग्रेस ने सस्ती लोकप्रियता के लिए पद एवं गोपनीयता की शपथ का हनन बताया है.
मध्यप्रदेश कांग्रेस का कहना है कि, 'इस दिखावटी कार्यक्रम के कारण सरकार की समूची नीति, नियत और कार्यप्रणाली पर ही गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है. जब पहले आपने काफी दिनों तक कैबिनेट मीटिंग नहीं की, तो फिर आज ऐसी क्या आवश्यकता आ गई कि, वर्चुअल मीटिंग करना आवश्यक लगा. क्या ये मीटिंग कुछ दिनों के लिए टाली नहीं जा सकती थी ? क्या ये मीटिंग 5 दिनों बाद नहीं हो सकती थी ? इस मीटिंग में कुछ मंत्री जिला स्तर कार्यालय में बैठे हैं, जो उनके सोशल मीडिया में किए गए पोस्ट से साफ प्रतीत हो रहा है. क्या इससे मीटिंग की गोपनीयता भंग नहीं हुई होगी' ? ऐसा मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि, कैबिनेट मीटिंग सार्वजनिक मीटिंग हो गई, जो प्रदेश के हित में और सरकार के हित में नहीं है.
वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए कैबिनेट मीटिंग का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया. उनके सभी मंत्रियों ने वाहवाही लूटने के लिए मीटिंग की फोटो अलग-अलग पोर्टल पर वायरल कर दी. शर्मा ने कहा है कि, आज जब पूरे विश्व में सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले किसी भी कंटेंट को हैकर्स द्वारा आसानी से हैक किया जा सकता है, उसे सार्वजनिक किया जा सकता है, तो ऐसे में वर्चुअल कैबिनेट मीटिंग की आवश्यकता क्यों पड़ गई ? यह समझ के परे है.
कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने कहा कि, 'क्या आज शिवराज सिंह चौहान अपने साथियों पर भरोसा नहीं करते हैं ? अगर वो चाहते तो अपने किसी साथी को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में इस तरह की मीटिंग को संचालित कराने की जिम्मेदारी दे सकते थे', कांग्रेस ने शिवराज सिंह से सवाल करते हुए कहा है कि, 'क्या आपको किसी को अपने दल में द्वितीय स्थान देने में अपने राजनीतिक भविष्य का खतरा महसूस तो नहीं हो रहा ? इसलिए बीमारी में भी सभी कार्य अपने तक सीमित रखे हुए हैं'.