भोपाल। विधानसभा चुनाव के पहले दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर साफ कह दिया है कि कांग्रेस पार्टी में उम्मीदवार इतने हैं कि किसको समझाएं और किसको क्या कहें, ऐसे में उन्होंने कार्यकर्ताओं को कहा है कि टिकटों का फैसला कमलनाथ ही करेंगे, कमलनाथ ही सर्वोपरि हैं. दिग्गी ने RSS और पीएम मोदी पर भी जमकर निशाना साधा. प्रदेश की भाजपा सरकार के घोटालों और भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस अब सड़कों पर इकट्ठा हो गई है. इन मुद्दों को लेकर प्रदेश भर में कांग्रेस ने हर जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में पहुंचे नेताओं ने बीजेपी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए.
कांग्रेस में कमलनाथ सर्वेसर्वा: भोपाल के रोशनपुरा पर चल रहे धरने में कुछ देर के लिए पहुंचे दिग्विजय सिंह ने आते ही कहा कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है लेकिन फिर भी वह कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए यहां आए हैं. दिग्विजय सिंह ने आते ही सीधे तौर पर महाकाल लोक और प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया. दिग्गी आते ही बीजेपी के हिंदुत्व एजेंडे पर निशाना साधा और कहा कि इनका धर्म आडंबर है, धर्म को बेचने से भी BJP पीछे नहीं है. दिग्विजय सिंह ने विधानसभा चुनावों को लेकर सारे नेता और कार्यकर्ताओं को कहा कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है अब लड़ने का समय है. ऐसे में टिकटों के लिए इधर-उधर ना भटकें और ना किसी के पास जाएं, सिर्फ कमलनाथ ही सर्वेसर्वा हैं वही टिकटों का फैसला करेंगे.
RSS पर निशाना: महाकाल लोक के निर्माण को लेकर दिग्विजय सिंह ने आरएसएस और बीजेपी पर निशाना साधा. दिग्विजय सिंह ने कहा कि मंदिर निर्माण में मूर्तियों का ठेका जिस कंपनी को दिया गया था, वह गुजरात की है और उसने कहा था कि 100 साल तक यह मूर्तियां खराब नहीं होगी लेकिन एक साल में ही घोटालों के चलते मूर्तियां गिर गई, मंदिर का पैसा खा रहे ये लोग. उज्जैन में सरस्वती मंदिर के नाम पर रेस्ट हाउस बनाया, आरएसएस के लोग उसमे रुकते हैं क्या करते है वहां के लोग बताएंगे.
दिग्गी बोले कि प्रदेश के बीजेपी नेताओं का तो यही उद्देश्य कि महाकाल को यश मिले न मिले, आरएसएस, मोहन भागवत को यश मिलता रहे. कर्नाटक में तो 40% रिश्वत के आरोप पुरानी सरकार पर लगे हैं लेकिन महाकाल के मंदिर में 80 प्रतिशत रिश्वत ली गई. मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं लेकिन यहां मौजूद सभी से यही कहना चाहूंगा कि कमलनाथ आएंगे सरकार में, तो सबसे वसूल लेंगे.
मोदी पर निशाना: दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ की गुफा में बैठकर ध्यान करने पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब मोदी गुफा में गए वहां ध्यान लगाया और उसके बाद वहां पर करोड़ों की लागत से सोना चढ़ाया गया लेकिन एक रात को जब मंदिर के पुजारी ने देखा तो वहां केदारनाथ में पीतल पर सोने का पॉलिश करते 2 लोग दिखे पुजारी को, वहां भी जनता के साथ धोखा हुआ. राम मंदिर को दी गई जमीन और उसके निर्माण में शिवराज जी दान की बात करते हैं ,जबकि राम मंदिर के लिए मैने भी चंदा दिया, ये लोग नकटे, अधार्मिक लोग है. वहीं ओरछा निवाड़ी में पुल में दरारों का जिक्र करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि राम पथ में ऐसा पुल बना कि दरारे आ गई, लूट लिया. हमारी सरकार आने पर जितने मंत्री, मुख्यमंत्री, अधिकारी हैं उनकी संपत्ति की जांच कराएंगे.
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भ्रष्टाचार के काले चिट्ठे जला दिए: सतपुड़ा की आग पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि इसमें भी वह फाइलें दबा दी गई और जला दी गईं जिनसे उनके भ्रष्टाचार के काले चिट्ठे उजागर हो जाते. अभी तक 15 सरकारी इमारतों पर आग लगी, चुनाव आते हैं आग लगती है प्रमाण समाप्त करने की मंशा. 20 साल इनको मौका दिया, 1 बार हमको दो, लाडली बहना योजना चुराई हुई, हिमाचल में हमने पहले ही लागू कर दी ये योजना.
टिकटों के सर्वेसर्वा: धरने पर मौजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और कांतिलाल भूरिया ने भी प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में लगातार भ्रष्टाचार चरम पर है. महाकाल घोटाले के साथ ही व्यापम घोटाला, सतपुड़ा में भ्रष्टाचार की फाइलें जलाने के नाम पर आग लगाने की बात, यह तमाम चीज है इसलिए हो रही है क्योंकि बीजेपी को लग रहा है कि वह जा रही है और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आ रही है. दिग्विजय सिंह सीधे तौर पर कमलनाथ को टिकटों के सर्वेसर्वा बताते हुए अपना भाषण खत्म करते हुए जय जय कमलनाथ का नारा लगाते हुए भी गए और कार्यकर्ताओं से भी जय जय कमलनाथ का नारा लगाया