भोपाल। प्रदेश की सियासत में पिछले 2 दिनों से हॉर्स ट्रेडिंग का बोलबाला है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के आरोपों से शुरू हुआ ये सिलसिला यहां तक पहुंचा कि बीजेपी पर कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों के खरीद-फरोख्त के आरोप लगे. आखिरकार जब कांग्रेस अपने विधायकों को सकुशल भोपाल लेकर पहुंची, तब कमलनाथ की सरकार महफूज नजर आई. लेकिन सियासी गलियारों में अब एक सवाल बार-बार उठ रहा है कि इस घटनाक्रम के बाद क्या कांग्रेस बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश करेगी. क्योंकि इस घटनाक्रम के बीच जिस तरह से कमलनाथ सरकार के मंत्रियों के बयान आए हैं, उससे तो लग रहा है कि कांग्रेस भी कुछ इस तरह की उठापटक जरूर करेगी. वहीं सियासी गलियारों में ये भी चर्चा जोरों पर है कि अभी बीजेपी का प्लान बी बाकी है.
दरअसल, एक तरफ दिल्ली में बैठकर पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह बीजेपी पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे थे और दूसरी तरफ कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी, जयवर्धन सिंह और तरुण भनोत सभी विधायकों को इकट्ठा करने में जुटे थे. दो दिनों तक चले सियासी ड्रामे के बाद बुधवार शाम को कमलनाथ की सरकार तब सुरक्षित नजर आई, जब विधायक भोपाल में सीएम हाउस पहुंचे.
इस घटनाक्रम के बीच जिस तरह की बयानबाजी कांग्रेस नेताओं और कमलनाथ सरकार के मंत्रियों की सामने आई है, उससे लग रहा है कि अपनी सरकार को महफूज करने के बाद कांग्रेस, बीजेपी के गढ़ में सेंध लगा सकती है, क्योंकि लगातार कांग्रेस की तरफ से यह बयान आते रहे हैं कि हमारी सरकार को तो कुछ नहीं होगा, लेकिन बीजेपी को अपने विधायकों की चिंता करनी चाहिए.
दरअसल हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों के बीच कमलनाथ सरकार के मंत्री प्रियव्रत सिंह का बयान आया था कि ये बीजेपी का चरित्र और चेहरा है. प्रदेश ही नहीं पूरे देश में लोकतंत्र की हत्या का प्रयास किया जा रहा है. लोक-लुभावन वादे और प्रलोभन दे रहे हैं, लेकिन ये कमलनाथ की सरकार है,जिसको कोई नहीं हिला सकता है. ये जो हार्स ट्रेडिंग कर रहे हैं और जो ट्रेडिंग में लगे हैं, ये ध्यान रखें कि कहीं उनके नीचे की जमीन न खिसक जाए.
वहीं विधायकों को भोपाल वापस लाने में अहम भूमिका निभाने वाले मंत्री जयवर्धन सिंह भी कह चुके हैं कि बीजेपी के 10-15 विधायक भी हमारे संपर्क में हैं.