भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. वहीं मध्यप्रदेश में कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस द्वारा चरणबद्ध आंदोलन चल रहा है. आज इसी सिलसिले में मुरैना में किसान खाट महापंचायत का आयोजन किया गया है. जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता शामिल हो रहे हैं. वहीं कांग्रेस की खाट महापंचायत को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. जिस पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेसी दिग्गजों की एकजुटता पर तंज कसा है, तो वहीं कांग्रेस भी नरोत्तम के बयान पर पलटवार करने से पीछे नहीं हटी.
नरोत्तम का तंज - अब पछताए होत का
कृषि कानून के खिलाफ प्रदेश में कांग्रेस की इस एकजुटता पर तंज कसते हुए गृह मंत्री ने कहा है कि पहले इकट्ठे हो जाते, तो यह हाल क्यों होता, अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि भोपाल से दिल्ली तक सब साफ है, ना कोई इनको देख रहा है, ना सुन रहा है. यह अपने स्वार्थों के वशीभूत होकर एकता का प्रदर्शन करते हैं. जब सरकार में आ जाते हैं, तो रथ के परखच्चे उड़ा देते हैं और अलग-अलग दिशा में सारे लोग दौड़ते हैं.
खेत तो नरोत्तम मिश्रा का चुगा गया
नरोत्तम मिश्रा के तंज पर जवाब देने में कांग्रेस भी पीछे नहीं रही. कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि चिड़िया तो नरोत्तम भैया का खेत चुग गई. अब उनकी फल्लियों में कुछ नहीं बचा है, तो नरोत्तम मिश्रा ऐसे ही बयान दे सकते हैं. मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन भगवान ने व्यवस्था बिगाड़ दी. उनका आंतरिक दुख कांग्रेस के बहाने निकल रहा है कि अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत. भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि भगवान उनके खेत में 2-4 फल्लियां बचा कर रखें, हम लोग तो यही कामना कर सकते हैं.
मुरैना की खाट महापंचायत के बाद होगा राजभवन का घेराव
दरअसल, कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस लंबे समय से चरणबद्ध आंदोलन कर रही है. इस सिलसिले में जहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अलग-अलग इलाकों में हो रही ट्रैक्टर रैली में शामिल हो रहे हैं तो आज मुरैना में हो रही किसान खाट महापंचायत में कमलनाथ सहित तमाम कांग्रेसी दिग्गजों शामिल हो रहे हैं. इसके बाद 23 जनवरी को राजधानी भोपाल में राजभवन का घेराव किया जाना है. राजभवन के घेराव के बाद 24 जनवरी को इंदौर में भी विशाल आंदोलन होने वाला है.