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इन्वेस्टर समिट में प्रदेश की ब्रांडिंग करेगी कमलनाथ सरकार, उद्योगों को बढ़ावा देने पर जोर

मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार अक्टूबर में देश के तीन शहरों में होने जा रही इन्वेस्टर समिट में प्रदेश की ब्रांडिंग करेगी. मुंबई, पुणे और अहमदाबाद में होने वाली इस समिट में प्रदेश सरकार मध्य प्रदेश की खासियत और यहां उद्योग के अवसरों की बारे में जानकारी देगी. जिससे प्रदेश में उद्योग को बढ़ावा मिल सके.

सीएम कमलनाथ
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Published : Jul 31, 2019, 11:18 PM IST

Updated : Aug 1, 2019, 7:26 PM IST

भोपाल। कमलनाथ सरकार अक्टूबर में होने जा रही इन्वेस्टर समिट के लिए देश के तीन बड़े शहरों में दो अगस्त से प्रदेश की ब्रांडिंग करने जा रही है. पुणे, अहमदाबाद और मुंबई में होने वाली इस ब्रांडिंग में मध्य प्रदेश की खासियत और यहां उद्योग के अवसरों की बारे में जानकारी दी जाएगी.

इन्वेस्टर समिट में प्रदेश की ब्रांडिंग करेगी कमलनाथ सरकार,

मध्य प्रदेश की छठवीं ग्लोबल इन्वेस्टर समिट होने जा रही है. पिछली दो इन्वेस्टर्स समिट में 31 करोड़ से ज्यादा खर्च करने के बाद भी प्रदेश सरकार के हाथ निराशा ही हाथ लगी है. इस बार सरकार इन्वेस्टर समिट को हिट कराने की कोशिश में जोर-शोर से जुटी हुई है.

इन्वेस्टर्स समिट के लिए प्रदेश सरकार ने जमीनी स्तर पर ब्रांडिंग शुरु करने जा रही है. अगस्त माह के शुरुआती हफ्ते में तीन ब्रांडिंग कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएंगी. इसमें 2 अगस्त को पुणे, 8 से 9 अगस्त को मुंबई और 20 अगस्त को अहमदाबाद में उद्योगपति और कॉरपोरेट घरानों के बीच मध्य प्रदेश में व्यवसाय की संभावनाओं की रुपरेखा पेश की जाएगी.

समिट में उद्योगपतियों की जरुरत के बारे में पता किया जाएगा. सरकार ने तय किया है की इस बार समिट को बहुत बड़ा रूप नहीं दिया जाएगा इसमें चुनींदा उद्योगपतियों को ही बुलाया जाएगा. समिट पर मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि इस तरह की ब्रांडिंग से सरकार को फायदा मिलेगा.

पिछली समिट में करोड़ों रुपए खर्च, रिजल्ट जीरो
मध्य प्रदेश में तत्कालीन बीजेपी की शिवराज सरकार के दौरान 2007 से 2016 के बीच 5 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हुई है. इसमें से 2014 और 2016 में हुई इन्वेस्टर ग्लोबल समिट सरकार ने जमकर पैसा बहाया गया. लेकिन सरकार के हाथ कोई उपलब्धि नहीं लगी. 8 से 10 अक्टूबर 2014 को हुई चौथी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 14.28 करोड़ रुपए खर्च हुए. इसी तरह 22 से 23 अक्टूबर 2016 में इंदौर में आयोजित पांचवी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 16.85 करोड़ रुपए हुए. लेकिन कोई एमओयू साइन नहीं हुए. हालांकि 2007 में आयोजित पहली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 1 लाख 2 हजार 611 करोड़ के एमओयू साइन हुए थे. इसी तरह 2010 में खजुराहो में आयोजित दूसरी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 2 लाख 37 हजार 877 करोड़ और 2012 में इंदौर में आयोजित तीसरी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 1 लाख 67हजार 430 करोड़ रुपए के एमओयू साइन हुए थे.

5 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश में आई 59 कंपनियां
मध्यप्रदेश में 2007 से लेकर 2016 के बीच हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हुए एमओयू के बाद मध्य प्रदेश में 59 कंपनियों में अपने उद्योग स्थापित किए हैं. इसमें सिंगरौली, सतना में रिलायंस एनर्जी लिमिटेड, सतना में प्रिज्म सीमेंट लिमिटेड, सीहोर में एसपीएल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड, धार और देवास में व्हीई कमर्शियल व्हीकल लिमिटेड, रायसेन, सीहोर में वर्धमान टेक्सटाइल लिमिटेड, भिंड में कैडबरी इंडिया लिमिटेड, बालाघाट में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल है. इसमें सबसे ज्यादा 9 उद्योग इंदौर में स्थापित हुए हैं. प्रदेश में स्थापित हुई इन 59 कंपनियों से प्रदेश के 32962 युवाओं को रोजगार मिला है.

भोपाल। कमलनाथ सरकार अक्टूबर में होने जा रही इन्वेस्टर समिट के लिए देश के तीन बड़े शहरों में दो अगस्त से प्रदेश की ब्रांडिंग करने जा रही है. पुणे, अहमदाबाद और मुंबई में होने वाली इस ब्रांडिंग में मध्य प्रदेश की खासियत और यहां उद्योग के अवसरों की बारे में जानकारी दी जाएगी.

इन्वेस्टर समिट में प्रदेश की ब्रांडिंग करेगी कमलनाथ सरकार,

मध्य प्रदेश की छठवीं ग्लोबल इन्वेस्टर समिट होने जा रही है. पिछली दो इन्वेस्टर्स समिट में 31 करोड़ से ज्यादा खर्च करने के बाद भी प्रदेश सरकार के हाथ निराशा ही हाथ लगी है. इस बार सरकार इन्वेस्टर समिट को हिट कराने की कोशिश में जोर-शोर से जुटी हुई है.

इन्वेस्टर्स समिट के लिए प्रदेश सरकार ने जमीनी स्तर पर ब्रांडिंग शुरु करने जा रही है. अगस्त माह के शुरुआती हफ्ते में तीन ब्रांडिंग कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएंगी. इसमें 2 अगस्त को पुणे, 8 से 9 अगस्त को मुंबई और 20 अगस्त को अहमदाबाद में उद्योगपति और कॉरपोरेट घरानों के बीच मध्य प्रदेश में व्यवसाय की संभावनाओं की रुपरेखा पेश की जाएगी.

समिट में उद्योगपतियों की जरुरत के बारे में पता किया जाएगा. सरकार ने तय किया है की इस बार समिट को बहुत बड़ा रूप नहीं दिया जाएगा इसमें चुनींदा उद्योगपतियों को ही बुलाया जाएगा. समिट पर मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि इस तरह की ब्रांडिंग से सरकार को फायदा मिलेगा.

पिछली समिट में करोड़ों रुपए खर्च, रिजल्ट जीरो
मध्य प्रदेश में तत्कालीन बीजेपी की शिवराज सरकार के दौरान 2007 से 2016 के बीच 5 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हुई है. इसमें से 2014 और 2016 में हुई इन्वेस्टर ग्लोबल समिट सरकार ने जमकर पैसा बहाया गया. लेकिन सरकार के हाथ कोई उपलब्धि नहीं लगी. 8 से 10 अक्टूबर 2014 को हुई चौथी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 14.28 करोड़ रुपए खर्च हुए. इसी तरह 22 से 23 अक्टूबर 2016 में इंदौर में आयोजित पांचवी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 16.85 करोड़ रुपए हुए. लेकिन कोई एमओयू साइन नहीं हुए. हालांकि 2007 में आयोजित पहली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 1 लाख 2 हजार 611 करोड़ के एमओयू साइन हुए थे. इसी तरह 2010 में खजुराहो में आयोजित दूसरी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 2 लाख 37 हजार 877 करोड़ और 2012 में इंदौर में आयोजित तीसरी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 1 लाख 67हजार 430 करोड़ रुपए के एमओयू साइन हुए थे.

5 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश में आई 59 कंपनियां
मध्यप्रदेश में 2007 से लेकर 2016 के बीच हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हुए एमओयू के बाद मध्य प्रदेश में 59 कंपनियों में अपने उद्योग स्थापित किए हैं. इसमें सिंगरौली, सतना में रिलायंस एनर्जी लिमिटेड, सतना में प्रिज्म सीमेंट लिमिटेड, सीहोर में एसपीएल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड, धार और देवास में व्हीई कमर्शियल व्हीकल लिमिटेड, रायसेन, सीहोर में वर्धमान टेक्सटाइल लिमिटेड, भिंड में कैडबरी इंडिया लिमिटेड, बालाघाट में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल है. इसमें सबसे ज्यादा 9 उद्योग इंदौर में स्थापित हुए हैं. प्रदेश में स्थापित हुई इन 59 कंपनियों से प्रदेश के 32962 युवाओं को रोजगार मिला है.

Intro:भोपाल। प्रदेश की कमलनाथ सरकार अक्टूबर में होने जा रही इन्वेस्टर समिट के लिए देश के 3 बड़े शहरों में 2 अगस्त से ब्रांडिंग करने जा रही है। पुणे, अहमदाबाद और महाराष्ट्र मैं होने वाली इस ब्रांडिंग में मध्य प्रदेश की खासियत और यहां उद्योग के अवसरों की बारे में जानकारी दी जाएगी। मध्य प्रदेश कि यह छठी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट है। पिछली दो इन्वेस्टर्स समिट में 31 करोड़ से ज्यादा खर्च करने के बाद भी प्रदेश सरकार के हाथ निराशा ही हाथ लगी है, हालांकि इस बार सरकार इन्वेस्टर समिट को हिट कराने की कोशिश में जोर-शोर से जुटी हुई है.


Body:इन्वेस्टर्स समिट के लिए प्रदेश सरकार ने जमीनी स्तर पर ब्रांडिंग शुरू करने जा रही है। अगस्त माह के शुरुआती हफ्ते में तीन ब्रांडिंग कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएंगी। इसमें 2 अगस्त को पुणे, 8 से 9 अगस्त को मुंबई और 20 अगस्त को अहमदाबाद में उद्योगपति और कारपोरेट घरानों के बीच मध्यप्रदेश में व्यवसाय की संभावनाओं की रूपरेखा पेश की जाएगी। इसके जरिए समिट में आने वाले उद्योगपतियों की जरूरत के बारे में पता किया जाएगा। सरकार ने तय किया है की इस बार समिट को बहुत बड़ा रूप नहीं दिया जाएगा इसमें चुनिंदा उद्योगपतियों को ही बुलाया जाएगा। उधर सरकार के प्रवक्ता मंत्री पीसी शर्मा के मुताबिक इस तरह की ब्रांडिंग से सरकार को फायदा मिलेगा।

पिछली दो समिट में 3000 करोड़ फूके रिजल्ट आया जीरो

मध्यप्रदेश में बीजेपी की शिवराज सरकार के दौरान 2007 से 2016 के बीच 5 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हुई है। इसमें से 2014 और 2016 में हुई इन्वेस्टर ग्लोबल समिट सरकार ने जमकर पैसा बहाया लेकिन सरकार के हाथ कोई उपलब्धि नहीं लगी। 8 से 10 अक्टूबर 2014 को हुई चौथी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 14.28 करोड़ो रुपए खर्च किए थे लेकिन एक भी एमओयू साइन नहीं। इसी तरह 22 से 23 अक्टूबर 2016 में इंदौर में आयोजित पांचवी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 16.85 करोड़ रुपए खर्च किए गए लेकिन इसमें भी एक भी एमओयू साइन नहीं किए जा सके। हालांकि 2007 में आयोजित पहली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 102611 करोड़ के एमओयू साइन हुए थे. इसी तरह 2010 में खजुराहो में आयोजित दूसरी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 237877 करोड़ और 2012 में इंदौर में आयोजित तीसरी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 167430 करोड़ रुपए के एमओयू साइन हुए थे.

5 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश में आई 59 कंपनियां

मध्यप्रदेश में 2007 से लेकर 2016 के बीच हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हुए एमओयू के बाद मध्य प्रदेश में 59 कंपनियों में अपने उद्योग स्थापित किए हैं. इसमें सिंगरौली सतना में रिलायंस एनर्जी लिमिटेड, सतना में प्रिज्म सीमेंट लिमिटेड, सीहोर में एसपीएल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड, धार और देवास में व्हीई कमर्शियल व्हीकल लिमिटेड, रायसेन सीहोर में वर्धमान टेक्सटाइल लिमिटेड, भिंड में कैडबरी इंडिया लिमिटेड, बालाघाट में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल है। इसमें सबसे ज्यादा 9 उद्योग इंदौर में स्थापित हुए हैं। प्रदेश में स्थापित हुई इन 59 कंपनियों से प्रदेश के 32962 युवाओं को रोजगार मिला है।





Conclusion:
Last Updated : Aug 1, 2019, 7:26 PM IST
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