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कांग्रेस सरकार फिर लेगी एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज, पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू

मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार एक बार फिर एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने की तैयारी कर रही है. सरकार की माने तो ये कर्ज प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए लिया जा रहा है.

Congress government will take loan
कांग्रेस सरकार फिर लेगी एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज
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Published : Jan 14, 2020, 6:01 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार एक बार फिर एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने की तैयारी कर रही है. सरकार की माने तो ये कर्ज प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए लिया जा रहा है. सरकार ने अभी 15 दिन पहले ही दो हजार करोड़ का कर्ज लिया था और अब एक हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है. सरकार के कर्ज लेने के कदम को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. मध्यप्रदेश भाजपा का आरोप है कि प्रदेश की सरकार देश में सबसे ज्यादा पेट्रोलियम पदार्थ पर टैक्स ले रही है. गांव-गांव, घर-घर शराब बेच रही है, उसके बाद भी कर्ज लेना पड़ रहा है. इसका मतलब है कि सरकार कंबल ओढ़ कर घी पी रही है. वहीं कांग्रेस का कहना है कि हमारी सरकार ने 365 दिनों में 365 वचन पूरे किए और विकास कार्य के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है. प्रदेश विकास की ओर अग्रसर हो रहा है. ऐसी स्थिति में कर्ज लेना गलत नहीं है.

कांग्रेस सरकार फिर लेगी एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज


मध्यप्रदेश की मौजूदा स्थिति में देखें तो प्रदेश पर फिलहाल एक लाख 80 हजार 288 करोड़ रुपए का कर्ज है. कमलनाथ सरकार पिछले 1 साल में 20,810 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है. साल भर में ये 22 वां मौका है, जब सरकार कर्ज लेने जा रही है. इस मामले में मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का आरोप है कि कांग्रेस जब से सरकार में आई है, तब से लूटपाट मची है. कोई विकास नहीं हो रहा है, जन कल्याणकारी योजनाएं ठप पड़ी हुई हैं. विकास की दर लगातार पीछे खिसक रही है, कर्ज बढ़ रहा है. हालात समझी जा सकती हैं. राजस्व के दूसरे उपाय उन्होंने खोजे ही नहीं हैं.


वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि राज्य बहुत बड़ा है. जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई और सत्ता संभाली तो हमें जो आर्थिक स्थिति मिली, उसको देखते हुए यदि पूरे साल भर के कमलनाथ सरकार के काम को देखते हैं तो उन्होंने जनता की भावनाओं के अनुरूप 365 दिनों में 365 रन पूरे किए. जनता को जो वचन दिए, वो निभाए हैं. जब विकास होता है, काम होते हैं तो पैसा लगता है.

भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार एक बार फिर एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने की तैयारी कर रही है. सरकार की माने तो ये कर्ज प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए लिया जा रहा है. सरकार ने अभी 15 दिन पहले ही दो हजार करोड़ का कर्ज लिया था और अब एक हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है. सरकार के कर्ज लेने के कदम को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. मध्यप्रदेश भाजपा का आरोप है कि प्रदेश की सरकार देश में सबसे ज्यादा पेट्रोलियम पदार्थ पर टैक्स ले रही है. गांव-गांव, घर-घर शराब बेच रही है, उसके बाद भी कर्ज लेना पड़ रहा है. इसका मतलब है कि सरकार कंबल ओढ़ कर घी पी रही है. वहीं कांग्रेस का कहना है कि हमारी सरकार ने 365 दिनों में 365 वचन पूरे किए और विकास कार्य के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है. प्रदेश विकास की ओर अग्रसर हो रहा है. ऐसी स्थिति में कर्ज लेना गलत नहीं है.

कांग्रेस सरकार फिर लेगी एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज


मध्यप्रदेश की मौजूदा स्थिति में देखें तो प्रदेश पर फिलहाल एक लाख 80 हजार 288 करोड़ रुपए का कर्ज है. कमलनाथ सरकार पिछले 1 साल में 20,810 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है. साल भर में ये 22 वां मौका है, जब सरकार कर्ज लेने जा रही है. इस मामले में मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का आरोप है कि कांग्रेस जब से सरकार में आई है, तब से लूटपाट मची है. कोई विकास नहीं हो रहा है, जन कल्याणकारी योजनाएं ठप पड़ी हुई हैं. विकास की दर लगातार पीछे खिसक रही है, कर्ज बढ़ रहा है. हालात समझी जा सकती हैं. राजस्व के दूसरे उपाय उन्होंने खोजे ही नहीं हैं.


वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि राज्य बहुत बड़ा है. जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई और सत्ता संभाली तो हमें जो आर्थिक स्थिति मिली, उसको देखते हुए यदि पूरे साल भर के कमलनाथ सरकार के काम को देखते हैं तो उन्होंने जनता की भावनाओं के अनुरूप 365 दिनों में 365 रन पूरे किए. जनता को जो वचन दिए, वो निभाए हैं. जब विकास होता है, काम होते हैं तो पैसा लगता है.

Intro:भोपाल। मप्र की कमलनाथ सरकार एक बार फिर एक हजार करोड़ कर्ज लेने की तैयारी कर रही है। सरकार की माने तो यह कर्ज प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए लिया जा रहा है. सरकार ने अभी 15 दिन पहले ही 2000 करोड़ का कर्ज लिया था और अब 1000 करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। सरकार के कर्ज लेने के कदम को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। मप्र भाजपा का आरोप है कि प्रदेश की सरकार देश में सबसे ज्यादा पेट्रोलियम पदार्थ पर टैक्स ले रही है। गांव-गांव,घर-घर शराब बेच रही है,उसके बाद भी कर्ज लेना पड़ रहा है। इसका मतलब है कि सरकार कंबल ओढ़ कर दी पी रही है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि हमारी सरकार ने 365 दिनों में 365 वचन पूरे किए और विकास कार्य के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है। मप्र विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। ऐसी स्थिति में कर्ज ले ना गलत नहीं है। फिलहाल कर्ज को लेकर चल रही है। प्रदेश की माली हालत को देखते हुए भले ही सियासत चरम पर है।लेकिन सरकार बीजेपी की या कांग्रेस की। सरकार को समय समय पर कर्ज की जरूरत पड़ती है और यही हाल शिवराज सरकार का था। अब यही हाल कमलनाथ सरकार का है।


Body:दरअसल,मध्यप्रदेश की मौजूदा स्थिति में देखें तो प्रदेश पर फिलहाल एक लाख 80 हजार 288 करोड़ रुपए का कर्ज है। कमलनाथ सरकार पिछले 1 साल में 20,810 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। साल भर में यह 22 वां मौका है, जब सरकार कर्ज लेने जा रही है। सरकार कर्ज पर 12867 करोड़ रुपए का ब्याज भी चुका रही है।सरकार के सूत्रों का मानना है कि कर्ज माफी और विकास कार्यों में खर्च के लिए सरकार को कड़ी राशि की जरूरत है इसलिए कर्ज लिया जा रहा है।

इस मामले में मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का आरोप है कि कांग्रेस जब से सरकार में आई है, तब से लूटपाट मची है। राजस्व आधिक्य (रिवेन्यू सरप्लस) प्रदेश में भाजपा सरकार के दौरान था। अब पेट्रोलियम पदार्थ में सबसे ज्यादा टैक्स मध्यप्रदेश में वसूला जा रहा है। देश में सबसे ज्यादा शराब प्रदेश में बेचने के लिए सरकार उतारू हैं।गांव-गांव,घर-घर शराब पग पग शराब, डग-डग शराब के लिए सरकार आतुर है।इसके बाद भी सरकार कर्ज लेने पर लगी हुई है। इसका मतलब है कि कंबल ओढ़ कर भी पीने का काम हो रहा है।कोई विकास नहीं हो रहा है, जन कल्याणकारी योजनाएं ठप पड़ी हुई है।विकास की दर लगातार पीछे खिसक रही है,कर्ज बढ़ रहा है। हालात समझे जा सकते हैं। राजस्व के दूसरे उपाय उन्होंने खोजे ही नहीं है।


Conclusion:वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि राज्य बहुत बड़ा है। जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई और सत्ता संभाली। तो हमें जो आर्थिक स्थिति मिली,उसको देखते हुए यदि हम पूरे साल भर के कमलनाथ सरकार के काम को देखते हैं। तो उन्होंने जनता की भावनाओं के अनुरूप 365 दिनों में 365 रन पूरे किए। जनता को जो हमने वचन दिए,वह हमने निभाए हैं। जब विकास होता है,काम होते हैं,तो पैसा लगता है। कोई भी व्यापारी है, तो अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए लोन लेता है। मध्य प्रदेश इस समय विकास की तरफ अग्रसर हो रहा है। प्रदेश में जिस तरह से जिस तेजी से काम कमलनाथ कर रहे हैं। तो कर्ज लेना गलत बात नहीं है।
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