भोपाल। बालाघाट में चीनी कंपनी ने मध्यप्रदेश के मजदूरों को नौकरी से निकाल दिया है. इस मामले को उठाते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस ने पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार की 70 फीसदी स्थानीय रोजगार नीति उद्योगों पर लागू करने की मांग की है. कांग्रेस का कहना है कि केवल चीनी बहिष्कार के नारे न लगाएं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कार्रवाई करें.
चीनी कंपनी ने 62 भारतीय मजदूरों को नौकरी से निकाला
मध्यप्रदेश के बालाघाट में मैग्नीज ओर इंडिया लिमिटेड में काम कर रही एक चीनी कंपनी ने 62 भारतीय मजदूरों को नौकरी से निकाल दिया है. बताया गया है कि चायना कोल सीसी-3 कंपनी ने हटाए गए मजदूरों से कहा है कि उन्हें ऊपर से भारतीय मजदूर न लिए जाने के आदेश हैं. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि तत्काल ऐसी कंपनियों को मध्य प्रदेश से बाहर करें जो मध्य प्रदेश के मजदूरों के स्वाभिमान पर हमला करती हैं.
कांग्रेस ने की तत्काल कार्रवाई की मांग
भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि एक तरफ तो भारत में भाजपा चीनी कंपनियों के बहिष्कार की बात करती है. वहीं दूसरी तरफ उन्हें सरकारी कंपनियों में बड़े-बड़े ठेके आवंटित किए जा रहे हैं. चायना कोल सीसी-3 कंपनी को 225 करोड़ का ठेका दिया है. भारत की भूमि पर रहकर भारत के मजदूरों के इस अपमान को कैसे मध्य प्रदेश सरकार देख सकती है, उन्होंने कहा कि नकली नारे और छद्म आश्वासनों से अब और नहीं ठगा जा सकता.
भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि पूववर्ती कमलनाथ सरकार ने 70 फीसदी रोजगार प्रदेश के मजदूरों को देने की नीति बनाई थी. शिवराज सरकार उसे इस चीनी कंपनी में लागू करवाए. मजदूरों को वापस रोजगार दिलवाए, मजदूर तीन महीने से बेरोजगार हैं. कलेक्टर से मजदूरों ने शिकायत भी की है, लेकिन शिकायत पर श्रम विभाग के माध्यम से कार्रवाई करने की बजाय उसे मायल की तरफ बढ़ा दिया है. पता चला है कि अब कंपनी मजदूरों पर कोरोना होने का आरोप लगा रही है, जबकि मजदूरों के साथ काम करने वाले 30 चीनी मजदूर अब भी काम कर रहे हैं.
पूर्ण लॉकडाउन के दौरान भी ये कंपनी काम करती रही है और उस पर लॉकडाउन का पालन नहीं करने का भी आरोप है. गुप्ता ने कहा कि अगर सरकार तत्काल कार्रवाई नहीं करती है तो कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ वर्चुअल आंदोलन चलाएगी.