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कांग्रेस का दावाः राज्यसभा चुनाव के बाद बीजेपी में छिड़ेगा 'गृह युद्ध', कई बड़े नेता हैं नाराज

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Published : Jun 18, 2020, 11:04 PM IST

Updated : Jun 19, 2020, 1:12 AM IST

राज्यसभा चुनाव बीजेपी के लिए सरकार चलाने का लिटमस टेस्ट साबित हो सकता है. इस चुनाव के परिणाम काफी हद तक साफ कर देंगे कि, आगामी उपचुनाव में किसका पलड़ा भारी है. हालांकि कांग्रेस का दावा है कि, इस चुनाव के बाद बीजेपी की अंदरूनी कलह खुल कर सामने आएगी.

Madhya Pradesh Congress spokesperson Ajay Singh Yadav
मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव

भोपाल। राज्यसभा चुनाव का बीजेपी के अंदर चल रहे असंतोष पर क्या असर पड़ेगा, इसकी तस्वीर शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव के बाद साफ हो जाएगी. राजनीतिक गलियारों में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि, राज्यसभा चुनाव के बाद एक बार फिर शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल को लेकर असंतोष चरम पर होगा. पिछले 3 महीने से मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पाई भाजपा को फिर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. जो नेता अलग-अलग तरीकों से भाजपा में अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं, उन पर कांग्रेस की पैनी नजर है. 19 जून को साफ हो जाएगा कि, बीजेपी के अंदर चल रही नाराजगी का कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में फायदा उठा पाई या नहीं. राज्यसभा चुनाव बीजेपी के लिए मध्य प्रदेश में सरकार चलाने के लिए लिटमस टेस्ट साबित होगा.

मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव

जब से प्रदेश में शिवराज सरकार अस्तित्व में आई है, तब से ही बीजेपी के कई नेता असंतुष्ट नजर आ रहे हैं. कई दिग्गज प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए अपना दावा ठोक रहे हैं. कभी गोपाल भार्गव, गौरी शंकर बिसेन और विजय शाह जैसे नेता एकजुट होकर मंत्रणा करते नजर आते हैं, तो कभी राजेंद्र शुक्ला जैसे पूर्व मंत्री सोनू सूद के बहाने अपनी पार्टी के कामकाज पर सवालिया निशान खड़े कर देते हैं.

हाल ही में सिंधिया की वजह से कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए पूर्व विधायक वीरेंद्र रघुवंशी किसानों के नाम पर नाराजगी जाहिर करते नजर आए. इसके अलावा सुरेंद्र पटवा जैसे पूर्व मंत्री अपने कामकाज का ब्यौरा देकर मंत्रिमंडल में शामिल होने की दावेदारी कर रहे हैं. ये परिस्थितियां 19 जून के बाद फिर नजर आ सकती हैं, जो उपचुनाव के पहले और उपचुनाव में बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन सकती हैं.

मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि, 'बीजेपी ने खरीद- फरोख्त करके सरकार तो बना ली है, लेकिन अब उस सरकार को चलाना उनके लिए असंभव हो गया है. उनके खुद के नेताओं और कांग्रेस से गए नेताओं में बगावत की स्थिति बन रही है. पांच से छह बार विधायक रहे सीनियर नेता उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. ये सब चीजें ऐसी हैं, जो बीजेपी के निष्ठावान कार्यकर्ता किसी भी स्थिति में स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं. जिस तरह राजेंद्र शुक्ला ने सोनू सूद मामले में सरकार की कलई खोल दी, इसी तरह कई बड़े नेता मिलकर रणनीति बना रहे हैं. इन सभी परिस्थितियों में भाजपा में जल्द ही कोई बड़ी बगावत होगी. कांग्रेस पार्टी नेताओं का स्वागत करेगी, जो भाजपा में घुटन महसूस कर रहे हैं'.

भोपाल। राज्यसभा चुनाव का बीजेपी के अंदर चल रहे असंतोष पर क्या असर पड़ेगा, इसकी तस्वीर शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव के बाद साफ हो जाएगी. राजनीतिक गलियारों में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि, राज्यसभा चुनाव के बाद एक बार फिर शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल को लेकर असंतोष चरम पर होगा. पिछले 3 महीने से मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पाई भाजपा को फिर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. जो नेता अलग-अलग तरीकों से भाजपा में अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं, उन पर कांग्रेस की पैनी नजर है. 19 जून को साफ हो जाएगा कि, बीजेपी के अंदर चल रही नाराजगी का कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में फायदा उठा पाई या नहीं. राज्यसभा चुनाव बीजेपी के लिए मध्य प्रदेश में सरकार चलाने के लिए लिटमस टेस्ट साबित होगा.

मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव

जब से प्रदेश में शिवराज सरकार अस्तित्व में आई है, तब से ही बीजेपी के कई नेता असंतुष्ट नजर आ रहे हैं. कई दिग्गज प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए अपना दावा ठोक रहे हैं. कभी गोपाल भार्गव, गौरी शंकर बिसेन और विजय शाह जैसे नेता एकजुट होकर मंत्रणा करते नजर आते हैं, तो कभी राजेंद्र शुक्ला जैसे पूर्व मंत्री सोनू सूद के बहाने अपनी पार्टी के कामकाज पर सवालिया निशान खड़े कर देते हैं.

हाल ही में सिंधिया की वजह से कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए पूर्व विधायक वीरेंद्र रघुवंशी किसानों के नाम पर नाराजगी जाहिर करते नजर आए. इसके अलावा सुरेंद्र पटवा जैसे पूर्व मंत्री अपने कामकाज का ब्यौरा देकर मंत्रिमंडल में शामिल होने की दावेदारी कर रहे हैं. ये परिस्थितियां 19 जून के बाद फिर नजर आ सकती हैं, जो उपचुनाव के पहले और उपचुनाव में बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन सकती हैं.

मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि, 'बीजेपी ने खरीद- फरोख्त करके सरकार तो बना ली है, लेकिन अब उस सरकार को चलाना उनके लिए असंभव हो गया है. उनके खुद के नेताओं और कांग्रेस से गए नेताओं में बगावत की स्थिति बन रही है. पांच से छह बार विधायक रहे सीनियर नेता उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. ये सब चीजें ऐसी हैं, जो बीजेपी के निष्ठावान कार्यकर्ता किसी भी स्थिति में स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं. जिस तरह राजेंद्र शुक्ला ने सोनू सूद मामले में सरकार की कलई खोल दी, इसी तरह कई बड़े नेता मिलकर रणनीति बना रहे हैं. इन सभी परिस्थितियों में भाजपा में जल्द ही कोई बड़ी बगावत होगी. कांग्रेस पार्टी नेताओं का स्वागत करेगी, जो भाजपा में घुटन महसूस कर रहे हैं'.

Last Updated : Jun 19, 2020, 1:12 AM IST
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