भोपाल। प्रदेश कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री की तमाम घोषणाओं के बाद भी प्रदेश में शिक्षकों की भर्तियां नहीं हो सकीं. प्रदेश में अंडर ग्रेजुएशन की 10 लाख 33 हजार सीटें हैं, इसमें से हर साल करीब साढ़े 4 लाख सीटें ही भर पातीं हैं. इसके बाद भी लगातार कॉलेजों में सीटें बढ़ाई जा रही हैं, ताकि कॉलेज लेवल काउंसलिंग के माध्यम से कालेज दूसरे राज्यों से बच्चे लाकर सीटें भर कर कर पैसे कमा सकें.
स्कूली शिक्षा की भी हालत खराब : कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में स्कूली शिक्षा की भी हालत खराब है. प्रदेश में करीब साढ़े 8 हजार हायर सेकेंडरी स्कूल हैं. इसमें 70 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश में 13 लाख 78 हजार बच्चे स्कूल शिक्षा छोड़ चुके हैं. इसमें से 3 लाख 35 हजार बच्चे वे हैं, जिनके परिवारों ने रोजी-रोटी के लिए पलायन किया. उधर, शिक्षा के अधिकार के तहत 2 लाख सीटों पर कुल 1 लाख 60 हजार आवेदन जुलाई तक आए हैं. जिनमें से भी केवल 95301 स्टूडेंट्स का ही सत्यापन हो पाया है.
सिर्फ पंचायत बुलाई, नियुक्ति नहीं की : कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 10 साल पहले दिव्यांग बच्चों की पंचायत बुलाई थी. प्रदेश में अभी करीब 3 लाख दिव्यांग बच्चे शिक्षा ले रहे हैं. इनके लिए स्पेशल टीचर्स की भर्तियां होनी थी, लेकिन अभी तक नहीं हो सकीं, जबकि इसके लिए कोर्ट तक सरकार को फटकार लगा चुकी है. डेढ़ लाख बच्चों पर एक भी विशेष शिक्षक भर्ती नहीं किया गया. (Congress allegation on Shivraj government) (State education system in bad shape) (No books for 10 lakh students)