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जहरीली शराब कांड के बाद अलर्ट पर जिला प्रशासन, शराब और दवा दुकानों की जांच के लिए बनाई कमेटी

उज्जैन में हुए जहरीली शराब कांड से सबक लेते हुए भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया के द्वारा शराब और दवा दुकानों की जांच करने के लिए 3 सदस्यी कमेटी का गठन किया गया है.

bhopal
शराब और दवा दुकानों की जांच के लिए बनाई कमेटी
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Published : Oct 20, 2020, 12:21 PM IST

भोपाल। उज्जैन में जहरीली शराब से हुई मजदूरों की मौत के बाद भोपाल जिला प्रशासन की नींद भी खुल गई है, और इस तरह की घटना शहर में घटित न हो इसे देखते हुए, अब जिला प्रशासन के द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. यही वजह है कि भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया के द्वारा शराब और दवा दुकानों की जांच करने के लिए 3 सदस्यी कमेटी का गठन किया गया है, जिसके आदेश भी देर रात जारी कर दिए गए हैं. इस आदेश में उज्जैन जिले में हुई घटना का जिक्र करते हुए बताया गया है, कि भोपाल जिले में भी संचालित मेडिकल स्टोर, शराब की दुकान एवं अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में ऐसे पदार्थों के विक्रय की संभावना हो सकती है. इसलिए भोपाल में अवैध रूप से 'डिनेर्चड स्प्रिट' युक्त दवा एवं पदार्थों के विक्रय की जांच के लिए इस नई समिति का गठन किया जा रहा है. ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है.

Collector Order
जहरीली शराब कांड के बाद अलर्ट पर जिला प्रशासन

कलेक्टर द्वारा बनाई गई कमेटी में संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी जिला भोपाल, सहायक जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र जैन एवं औषधि निरीक्षक को शामिल किया गया है. भोपाल कलेक्टर ने भोपाल पुलिस और सहायक जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र जैन को संपूर्ण भोपाल की जिम्मेदारी सौंपी है, इसके अलावा औषधि निरीक्षक जिला भोपाल को भी प्रभाराधीन क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है.

उज्जैन शराब कांड में SIT को बड़ी सफलता, 16 मौतों के गुनहगार गब्बर-सिकंदर गिरफ्तार

जारी किए गए आदेश के तहत बताया गया है कि समिति संपूर्ण भोपाल जिले में संचालित मदिरा की दुकानों एवं मेडिकल स्टोर की गहन जांच करे, और ये सुनिश्चित करें कि उनके द्वारा अवैध रूप से 'डिनेर्चड स्प्रिट' युक्त पदार्थों एवं अन्य हानिकारक उत्पादों का भंडारण एवं विक्रय तो नहीं किया जा रहा है, यदि किसी दुकान में ये पदार्थ का विक्रय किया जाता है तो संबंधित दुकान संचालक के विरुद्ध नियमानुसार आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कार्रवाई की जाए.

क्या था मामला

उज्जैन के तीन थाना क्षेत्रों में जहरीली शराब पीने से 16 मजदूरों की मौत हो गई थी. इस मामले में प्रदेश की सियासत भी गरमा गई थी. सीएम शिवराज ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के आदेश दिए थे. इस पूरे मामले की जांच एडीजी स्तर के अधिकारियों को दी गई है. जहरीली शराब कांड में दो निगमकर्मियों को मुख्य आरोपी के तौर पर गिरफ्तार किया गया है, जिनका नाम गब्बर और सिकंदर है. इस मामले में पुलिस विभाग के भी कई अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए, उन्हें निलंबित किया गया है.साथ है इस घटना से सबक लेते हुए पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है, साथ ही शराब और दवा दुकानों की जांच कर रही है

भोपाल। उज्जैन में जहरीली शराब से हुई मजदूरों की मौत के बाद भोपाल जिला प्रशासन की नींद भी खुल गई है, और इस तरह की घटना शहर में घटित न हो इसे देखते हुए, अब जिला प्रशासन के द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. यही वजह है कि भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया के द्वारा शराब और दवा दुकानों की जांच करने के लिए 3 सदस्यी कमेटी का गठन किया गया है, जिसके आदेश भी देर रात जारी कर दिए गए हैं. इस आदेश में उज्जैन जिले में हुई घटना का जिक्र करते हुए बताया गया है, कि भोपाल जिले में भी संचालित मेडिकल स्टोर, शराब की दुकान एवं अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में ऐसे पदार्थों के विक्रय की संभावना हो सकती है. इसलिए भोपाल में अवैध रूप से 'डिनेर्चड स्प्रिट' युक्त दवा एवं पदार्थों के विक्रय की जांच के लिए इस नई समिति का गठन किया जा रहा है. ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है.

Collector Order
जहरीली शराब कांड के बाद अलर्ट पर जिला प्रशासन

कलेक्टर द्वारा बनाई गई कमेटी में संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी जिला भोपाल, सहायक जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र जैन एवं औषधि निरीक्षक को शामिल किया गया है. भोपाल कलेक्टर ने भोपाल पुलिस और सहायक जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र जैन को संपूर्ण भोपाल की जिम्मेदारी सौंपी है, इसके अलावा औषधि निरीक्षक जिला भोपाल को भी प्रभाराधीन क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है.

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जारी किए गए आदेश के तहत बताया गया है कि समिति संपूर्ण भोपाल जिले में संचालित मदिरा की दुकानों एवं मेडिकल स्टोर की गहन जांच करे, और ये सुनिश्चित करें कि उनके द्वारा अवैध रूप से 'डिनेर्चड स्प्रिट' युक्त पदार्थों एवं अन्य हानिकारक उत्पादों का भंडारण एवं विक्रय तो नहीं किया जा रहा है, यदि किसी दुकान में ये पदार्थ का विक्रय किया जाता है तो संबंधित दुकान संचालक के विरुद्ध नियमानुसार आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कार्रवाई की जाए.

क्या था मामला

उज्जैन के तीन थाना क्षेत्रों में जहरीली शराब पीने से 16 मजदूरों की मौत हो गई थी. इस मामले में प्रदेश की सियासत भी गरमा गई थी. सीएम शिवराज ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के आदेश दिए थे. इस पूरे मामले की जांच एडीजी स्तर के अधिकारियों को दी गई है. जहरीली शराब कांड में दो निगमकर्मियों को मुख्य आरोपी के तौर पर गिरफ्तार किया गया है, जिनका नाम गब्बर और सिकंदर है. इस मामले में पुलिस विभाग के भी कई अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए, उन्हें निलंबित किया गया है.साथ है इस घटना से सबक लेते हुए पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है, साथ ही शराब और दवा दुकानों की जांच कर रही है

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