भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और व्यावसायिक राजधानी इंदौर में अगले एक हफ्ते में कमिश्नर प्रणाली (Commissioner system) लागू हो जाएगी. प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने कहा कि कमिश्नर प्रणाली के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा, बल्कि अध्यादेश के माध्यम से इसे लागू किया जाएगा. कमिश्नर के अधिकार क्षेत्र में नगर निगम सीमा के सभी थाने आएंगे.
गृह विभाग ने सीएम सचिवालय को भेजा प्रस्ताव
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ऐलान के बाद पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) ने भोपाल और इंदौर में लागू किये जाने वाले कमिश्नर सिस्टम को लेकर प्रस्ताव तैयार कर गृह विभाग को भेजा था, जिसके बाद विभाग ने इस प्रस्ताव का परीक्षण कर इसे सीएम सचिवालय भेज दिया है. माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव का प्रजेंटेशन मदुरै से लौटने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) के सामने किया जाएगा.
कमिश्नर प्रणाली के लिए जारी होंगे 5 नॉटिफिकेशन
प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक इंदौर और भोपाल में अगले एक सप्ताह में कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी जाएगी, इसके लिए कैबिनेट और विधानसभा में प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा. कमिश्नर प्रणाली के प्रस्ताव को वित्त विभाग से चर्चा के बाद अध्यादेश के माध्यम से लागू किया जाएगा, इसमें नगर निगम सीमा के अधीन आने वाले सभी थाने कमिश्नर के क्षेत्र में आएंगे. कमिश्नर प्रणाली के तहत 2 अधिकारी मुख्य होंगे, इसके अलावा आठ उपायुक्त, 8 अतिरिक्त पुलिस अधिकारी और 29 सहायक पुलिस अधिकारी शामिल होंगे. कमिश्नर प्रणाली लागू करने के लिए पांच अलग-अलग नॉटिफिकेशन जारी किए जाएंगे.
नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर साधा निशाना
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा के बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की आज की जाने वाली रामधुन को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उन पर तंज कसते हुए कहा कि अच्छा है चाचा जान, आज रामधुन गाएंगे, वैसे वे प्रसाद खाने के लिए मना करते हैं, इफ्तारी खाने से मना नहीं करते. वैसे देखना होगा सोनिया गांधी कहीं राम धुन पर दिग्विजय के नाम फतवा न जारी न कर दें. उधर कांग्रेस की आदिवासी क्षेत्रों में सक्रियता के सवाल पर उन्होंने कहा कि अलीराजपुर-झाबुआ के परिणाम ने कांग्रेस को आईना दिखा दिया है, आदिवासी वर्ग अब कांग्रेस पर भरोसा नहीं करता.