भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर की भयाभयता के आंकड़े सामने आ रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर में राज्य में 2,457 बच्चे बेसहारा हो गए. इसमें से 714 बच्चों ने तो अपने मां-बाप दोनों को ही हमेशा के लिए खो दिया, जबकि 1,536 बच्चे ऐसे हैं, जिनके मां या बाप में से किसी एक को कोरोना ने छीन लिया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में अधिकारियों की बैठक कर निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में सभी बेसहारा बच्चों की देखभाल सुनिश्चित करने के लिए नई योजना बनाई जाए. ऐसे सभी बच्चों के खाने-पीने, शिक्षा, रहने आदि की व्यवस्था सरकार करेगी.
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पहली प्राथमिकता बच्चों को अभिभावक मिल जाए
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि पहली कोशिश यह की जाए कि बच्चों को अभिभावक मिल जाएं. जिन्हें अभिभावक नहीं मिलते हैं. उनके रहने की व्यवस्था शासकीय संस्थाओं में की जाए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने निर्देश दिए कि जो अशासकीय संस्थाएं बेसहारा बच्चों की देखभाल करती हैं. उनके कायों का भी निरीक्षण किया जाए कि वे बच्चों की ठीक देखभाल कर रहे हैं या नहीं. कई संस्थाएं बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं.
2,457 अनाथ बच्चे
बैठक में बताया गया कि मार्च 2021 से आज तक की स्थिति में प्रदेश में कुल 2457 बच्चे बेसहारा हुए हैं. इनमें से 714 बच्चों के मां-बाप नहीं हैं. 1,536 बच्चों के मां-बाप में से एक नहीं है, 207 बच्चे परित्यक्त हैं. कोविड बाल सेवा योजना में 329 बच्चों को स्पॉन्सरशिप और फॉस्टर केअर योजना में 939 बच्चों को सहायता दी गई है. अभी 1,189 बच्चों की सहायता की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, ने निर्देश दिए कि सर्वे कर प्रदेश में सभी बेसहारा बच्चों की सही संख्या पता की जाए तथा उनकी देखभाल के लिए एक समेकित नई योजना बनाई जाएए जिससे हर बच्चे की सही देखभाल हो सके.