भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चिरायु अस्पताल से आत्मनिर्भर भारत पैकेज के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की. सीएम शिवराज ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने के लिए प्रदेश में उद्योग और खनिज को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाएगा. उद्योगों को आकर्षित करने और निवेश के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बहुत जरूरी है, लेकिन अक्सर इसका दिखावा होता है. हम सुनिश्चित करेंगे कि मध्य प्रदेश में "रियल इज ऑफ डूइंग बिजनेस" हो जिससे निवेशक यहां बिना किसी परेशानी के अपने उद्योग स्थापित कर सकें, सरकार उन्हें पूरा सहयोग देगी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत अब कमर्शियल माइनिंग का प्रावधान किया गया है, जो कि उद्योग एवं व्यवसाय के लिए अत्यंत उपयोगी होगा. मध्यप्रदेश में कोयले के साथ ही बॉक्साइट भी मात्रा में उपलब्ध है. कोयला खदानों के साथ बॉक्साइट की संयुक्त नीलामी उद्योगों को बढ़ावा देने में अत्यंत सहायक होगी. हम अपनी खनिज संपदा के दोहन में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. गत वर्षो में यह कार्य धीमा रहा है, परंतु भविष्य में तेजी लाई जाएगी. इससे शासन को राजस्व तो प्राप्त होगा ही, रोजगार के बड़े अवसर सृजित होंगे. संबंधित विभाग इसके लिए विस्तृत कार्य योजना बनाकर समयबद्ध तरीके से कार्य करें
बता दें हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी की गई कोल खदानों की नीलामी सूचना में देश की 41 कोयला खदानों को शामिल किया गया है. जिनमें प्रदेश की कुल 11 कोयला खदानें सम्मिलित की गई है. इसकी ड्यू डेट 18 अगस्त रखी गई है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि समय अवधि में सारी कार्रवाई पूरी कर ली जाए.
खनिज राजस्व में होगी ढाई गुना वृद्धि
भारत सरकार की इस नई नीति के चलते मध्य प्रदेश की खनिज आय में लगभग ढाई गुना तक वृद्धि होगी. अभी यह लगभग 5000 करोड़ रुपए है, जो बढ़कर 12000 करोड़ रुपए के लगभग हो जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने निर्देश दिए कि न केवल कोयला बल्कि अन्य खनिजों के उत्खनन संबंधी ऐसी रूपरेखा बनाई जाए, जिससे प्रदेश को अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त हो सके, अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके.
13 खनिज ब्लॉक की नीलामी पूर्ण
प्रदेश के 13 खनिज ब्लॉक की नीलामी पूर्ण कर ली गई है. इनसे प्रदेश को 600 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा. अन्य 17 खनिज ब्लॉक की नीलामी 3 माह बाद होगी तथा 66 खनिज ब्लॉक में पूर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है.
कोल-बैड मीथेन के दोहन की नीति बनेगी
आगामी समय में कोल्ड बैड मीथेन के दोहन की भी नीति बनाई जाएगी. इसके साथ ही कोयले के गैसीकरण एवं तरलीकरण के उद्योग लगाने के क्षेत्र में भी कार्य होंगे. इससे जहां एक और पर्यावरण को हानि नहीं होती है वहीं इसका परिवहन भी आसान होता है.
अधोसंरचना विकास के कार्य में तेजी लाई जाए
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिये औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग, लोक निर्माण, ऊर्जा विभाग, जल निगम तथा नगरीय प्रशासन विभाग से समन्वय कर अधोसंरचना विकास के कार्यों में तेजी लाई जाये.
औद्योगिक क्षेत्रों/पार्कों के उन्नयन के कार्य
वीडियों कॉन्फ्रेंस में प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों/पार्कों के उन्नयन के प्रस्ताव तैयार किये जा रहे है. अगले 4-5 वर्षों में लगभग 10 हजार हेक्टेयर भूमि विकसित करने का प्रस्ताव है. इनमें चंबल प्रोग्रेस-वे और इंदौर-भोपाल इंडस्ट्रियल कॉरीडोर के आस-पास 2-2 हजार हेक्टेयर और 19 नए चिन्हित औद्योगिक क्षेत्रों में 1910 हेक्टेयर भूमि के विकास के प्रस्ताव शामिल है. उन्होंने बताया कि औद्योगिक अधोसंरचना उन्नयन के क्षेत्र में पीथमपुर में सेक्टर 4 व 5 में 587 हेक्टेयर क्षेत्र के विकास की प्रक्रिया जारी है.
फार्मास्युटिकल क्षेत्र में निवेश
आत्मनिर्भर भारत के लिये भारत सरकार द्वारा फार्मास्युटिकल क्षेत्र में निवेश के लिये नई गाइडलाइन जारी की गई है. इस गाइडलाइन के आधार पर मध्यप्रदेश में फार्मा पार्क की स्थापना हेतु कंसल्टेंट की नियुक्ति की कार्यवाई प्रारम्भ कर दी गई है. फार्मास्युटिकल, ड्रग और उपकरण निर्माताओं से चर्चा कर निवेश हेतु प्रयास किये जा रहे है. फार्मा पार्क की स्थापना के लिये 1500 से 2000 हेक्टेयर भूमि चिन्हित करने की कार्रवाई भी की जा रही है. इस उद्योग से प्रदेश के लगभग 40 से 50 हजार लोगों को रोजगाार प्राप्त होगा. सीएम ने कहा कि प्रदेश में फार्मास्युटिकल पार्क की स्थापना के लिए प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को समय सीमा में भिजवाया जाये.