भोपाल। मध्य प्रदेश के पहले मैकेनाइज्ड किचन की शुरुआत हो गई है. भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका शुभारंभ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य का ख्याल रखना हम सभी की जिम्मेदारी है. हमारी कोशिश है कि आने वाले समय में इस तरह की मशीनें प्रदेश के अन्य शहरों में भी लगाई जाएं. बता दें कि इस किचन में एक बार में मशीन के माध्यम से 20 हजार रोटियां बन सकती हैं. साथ ही एक बार में 12 हजार लीटर दाल और 125 किलो चावल पक सकते हैं. बता दें कि मिडडे मील को लेकर हमेशा शिकायतें मिला करती हैं, जिससे मध्य प्रदेश शासन के कई विभाग परेशान हैं. आए दिन मिलने वाली शिकायतें और खाने की खराब क्वालिटी के चलते इसके संचालन के नए उपाय खोजे जा रहे थे.
12 करोड़ मे सेटअप तैयार : ऐसे में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मैकेनाइज्ड किचन की शुरुआत की गई है. अक्षय पात्र फाउंडेशन ने मंडीदीप की एचइजी कंपनी के सीएसआर फंड से करीब ₹12 करोड़ में यह हाईटेक सेटअप तैयार किया है. इस किचन का संचालन करने वाली अक्षयपात्र फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि इसमें जो मशीनें लगी हैं, वह अलग तरीके से खाना तैयार करती हैं. जिसमें सब्जियों को छीलने से लेकर आटा गूंथने, रोटियां सेंकने तक की पूरी प्रोसेस मशीनों के माध्यम से ही हो जाती है.
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एक बार में 20 हजार रोटियां : मशीन में काम करने वाले कर्मचारी सुनील ने बताया कि इस मशीन में एक बार में 20 हजार रोटियां 12 हजार लीटर दाल या कोई पतली सब्जी और 125 किलो चावल एक साथ पकाए जा सकते हैं. अक्षय पात्र फाउंडेशन के अधिकारियों का कहना है कि देश में अभी तक 65 मशीन तैयार कर चुके हैं. भोपाल में यह 66 वीं रसोई है. जिसकी लागत लगभग 12 करोड आई है. वैसे तो यह मशीन 2 साल पहले बनकर तैयार हो गई थी, लेकिन कोरोना के चलते रसोई की शुरुआत नहीं हुई थी, क्योंकि स्कूल बंद थे. भोपाल के शाहपुरा थाने के पीछे करीब 1 एकड़ जमीन पर यह रसोई बनकर तैयार हुई है. इस रसोई के माध्यम से भोपाल के बैरागढ़ से लेकर मंडीदीप तक लगभग 40 से 45 किलोमीटर की सीमा में आने वाले तकरीबन 900 स्कूलों के 48 हजार बच्चों को रोजाना पका हुआ गर्म खाना उपलब्ध होगा.