भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश राज्य वन्य-प्राणी बोर्ड की 21वीं बैठक को संबोधित किया. बैठक में वन मंत्री विजय शाह समेत वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान सीएम ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि "वनों और वन्य-प्राणियों के संरक्षण के लिए प्रदेश में संचालित गतिविधियां स्थानीय निवासियों के भी अनुकूल हैं. बाघ संरक्षण के साथ ही चीता स्थापना प्रोजेक्ट और इससे जुड़ी गतिविधियों का इसी तरह व्यवस्थित संचालन जारी रखते हुए वन अपराधों पर नियंत्रण के निरंतर प्रयास किये जाएं"
स्थानीय निवासियों को बताएं चीता स्थापना परियोजना के लाभ
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में तीन टाइगर रिजर्व पन्ना, सतना और बांधवगढ़ में पर्यटकों के लिए सुविधाओं के विकास, श्योपुर जिले में चीता स्थापना परियोजना के अंतर्गत जागरूकता अभियान और बफर में सफर कार्यक्रम में साइकिल टूर जैसी गतिविधियों को भी सराहनीय बताया. सीएम ने कहा कि एक अभियान संचालित कर चीता स्थापना परियोजना क्षेत्र में स्थानीय लोगों को परियोजना के लाभ बताए जाए.
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इस दौरान वन मंत्री ने चीता परियोजना के संदर्भ में प्रस्तावित गाइड प्रशिक्षण-सत्र की जानकारी दी. प्रदेश के स्थापना दिवस 1 नवम्बर से संचालित सप्ताह के दौरान विभिन्न गतिविधियां संचालित की जायेंगी इस दौरान एक दिन चीता संरक्षण से संबंधित होगा.
बाघ संरक्षण में सबसे आगे है प्रदेश
अखिल भारतीय बाघ आंकलन वर्ष 2022 की प्रदेश में शुरूआत हो रही है. जिसपर बोलते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में वन क्षेत्र में बाघों के परस्पर संघर्ष या अन्य कारण से बाघ मृत्यु पर नजर रखी जाए. प्रयास यह हो कि देश में मध्यप्रदेश बाघ संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी बना रहे. बैठक में जानकारी दी गई कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और इंटरनेशनल रेंजर्स एसोसिएशन ने संजय टाइगर रिजर्व में बाघ संरक्षण के प्रयासों को पुरस्कृत किया है.