भोपाल। केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3 की तैयारियों के लिए सीएम शिवराज सिंह ने अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देशित किया कि आत्मनिर्भर भारत योजना का क्रियान्वयन तेजी से प्रदेश में होना चाहिए, इसका लाभ सभी जरूरतमंदों को मिलना चाहिए. अधिकारी इस काम के लिए अभी से जुट जाएं और जल्द ही इसकी कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करें.
वीसी में वाणिज्यिक कर, वित्त, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा, जल संसाधन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री तुलसी सिलावट, किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल, बड़वानी से पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल, शिवपुरी से उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री भारत सिंह कुशवाहा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त केके सिंह और सभी संबंधित अधिकारी मौजूद रहे.
सीएम ने कहा कि प्रदेश को केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में पूरे देश में नंबर वन पर ही रखना है. ये प्रसन्नता का विषय है कि प्रदेश में प्रधानमंत्री की स्ट्रीट वेंडर योजना को सबसे पहले क्रियान्वित किया गया है. हमें आत्मनिर्भर भारत योजना को भी प्रदेश में सबसे पहले क्रियान्वित करना है, इसे सबसे पहले मूर्त रूप देना है. केंद्रीय योजनाओं के अंतर्गत तत्परता से कार्रवाई की जाए. जिसका लाभ गरीबों, किसानों और संबंधित हितग्राहियों को मिले.
सीएम ने आत्मनिर्भर पैकेज के अंतर्गत शामिल सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो योजना के संबंध में कोई स्थिति स्पष्ट न होने और इनके संबंध में केंद्र सरकार की अन्य किसी सहायता के लिए प्रारूप बनाकर प्रस्तुत करें. जिसके बाद प्रधानमंत्री को पत्र भिजवाया जाएगा. सीएम ने बताया कि एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश के लिए साल 2023-24 तक के लिए 7440 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है, जिसमें इस वित्तीय वर्ष में 744 करोड़ का प्रावधान है. इसके अंतर्गत प्रति प्रकरण दो करोड़ की क्रेडिट गारंटी दी जाएगी और ब्याज में 3 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी.
केंद्र की इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष में एक हजार कृषक उत्पादक संगठनों का गठन किया जाएगा. सरकार की ओर से एफपीओ के सभी सदस्य को 2 हजार रूपये और प्रत्येक एफपीओ को अधिकतम 15 लाख रुपए तक बराबर मैचिंग इक्विटी ग्रांट प्रदान की जाएगी. प्रत्येक एफपीओ दो करोड़ रूपये तक की क्रेडिट गारंटी फैसिलिटी दी जाएगी. प्रत्येक जिले में एफपीओ गठन का कार्य तत्परता के साथ किया जाए, साथ ही पुराने कृषक उत्पादक संघों को भी मजबूत बनाया जाए.
पैकेज के अंतर्गत किसानों को फसल ऋण के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को नाबार्ड ने स्पेशल लिक्विडिटी फैसिलिटी प्रदान की है. इसके अंतर्गत अपेक्स बैंक ने नाबार्ड को 3000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भिजवाया था, जिसमें से नाबार्ड ने 2000 करोड़ रुपए प्रदेश के लिए स्वीकृत कर दिए हैं, जोकि बैंक को प्राप्त हो गए हैं. राशि कृषकों को ऋण वितरण के लिए जिला सहकारी बैंकों को भिजवाई जा चुकी है. कोरोना संकट के चलते किसानों की सुविधा के लिए राज्य शासन ने खरीफ 2019 तथा रबी 2019-20 के ऋणों की ड्यू डेट बढ़ाकर 31 अगस्त 2020 कर दी है.