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कमलनाथ ने दिया शिवराज को जवाब, नहीं खुलेगी नई शराब दुकान, शराब माफिया पर होगा नियंत्रण

सीएम कमलनाथ ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर शराब नीति पर जवाब दिया है. सीएम ने पत्र के जरिए शिवराज सिंह को बताया है कि उनके कार्यकाल में ज्यादा शराब दुकानें खोलीं गई हैं.

CM Kamanlath wrote a letter to Shivraj Singh Chauhan and responded to the alcohol policy
शिवराज सिंह और सीएम कमलनाथ
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Published : Jan 11, 2020, 4:06 AM IST

भोपाल। प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई गई शराब नीति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई तरह के सवाल उठाए हैं. विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर शराब को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहा है. वहीं देर शाम मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्र के जरिए शिवराज सिंह को जवाब दिया है. क्योंकि शिवराज सिंह चौहान ने भी शुक्रवार सुबह सीएम कमलनाथ को नई शराब नीति को लेकर पत्र लिखा था.


सीएम कमलनाथ ने जवाब देते हुए साफ कर दिया है कि नई शराब की दुकानें प्रदेश में फिलहाल तो नहीं खुलेंगे. लेकिन जो नई नीति लाई गई है, उससे शराब माफिया पर नियंत्रण जरूर हो जाएगा. उन्होंने इस पत्र के माध्यम से तत्कालीन शिवराज सरकार के कार्यकाल पर भी निशाना साधा है. उन्होंने लिखा है कि शिवराज सरकार के समय सबसे ज्यादा शराब की दुकान खोली गई हैं.

CM Kamanlath wrote a letter to Shivraj Singh Chauhan and responded to the alcohol policy
सीएम ने पूर्व सीएम को लिखा पत्र


जनता के बीच भ्रम फैला रहे शिवराज
राज्य सरकार माताओं और बहनों की सुरक्षा नागरिकों की स्वास्थ्य और युवाओं के अच्छे भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है. यह कहना आधारहीन है कि नई आबकारी नीति में उप दुकान खोलने के प्रावधान से नई शराब की दुकानें खुल रही हैं. यह जनता के बीच में भ्रम फैलाने की घृणास्पद राजनीति है. सीएम ने लिखा कि नई नीति से प्रदेश में शराब की दुकानें नहीं बढ़ेगी, बल्कि अवैध व्यापार करने वाले माफिया पर सख्ती से अंकुश लगेगा. 15 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने नई आबकारी नीति की सत्यता जानने की बजाय जो अनर्गल प्रलाप किया है. उससे साफ है कि वे सिर्फ प्रचार पाने के लिए असत्य और भ्रामक बातें कर रहे हैं. सच यह है कि उनके कार्यकाल में सबसे ज्यादा शराब की दुकानें खोली गई हैं.

CM Kamanlath wrote a letter to Shivraj Singh Chauhan and responded to the alcohol policy
सीएम द्वारा लिखे पत्र की प्रति


शिवराज पहले अधिसूचित नीति का करें अध्ययन
सीएम ने पूर्व सीएम को लिखे पत्र में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह सत्य है की उप दुकान नीति के कारण दो हजार से ढाई हजार नई शराब दुकानें खुलने जा रही हैं. वह दुकान खोलने के संबंध में अधिसूचित नीति का अध्ययन किए बगैर ऐसा कहना जनता को गुमराह करना है. मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि ग्रामीण क्षेत्र में उप-दुकान तभी खोली जा सकती है, जब दो मूल शराब दुकानों के बीच कम से कम 10 किलोमीटर की दूरी हो. इसी प्रकार, नगरीय क्षेत्र में उप-दुकान खोलने के लिए मूल शराब दुकानों के बीच न्यूनतम दूरी 5 किलोमीटर होना चाहिए. ये उप-दुकानें सरकार द्वारा नहीं खोली जाएंगी. लायसेंसी यदि चाहे तो प्रतिबंध के अधीन अतिरिक्त वार्षिक मूल्य जमा कर उप-दुकान खोल सकता है.


शिवराज सरकार से समय खुलीं ज्यादा दुकानें
मुख्यमंत्री ने पत्र में जानकारी दी कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के अंतिम वित्तीय वर्ष 2003-04 में देशी शराब की प्रदेश में 2221 दुकानें थीं. जो बीजेपी शासन काल में बढ़ते हुए वर्ष 2010-11 में 2770 हो गईं. इसी तरह विदेशी शराब की दुकानें 2003-04 में 581 थीं, जो साल 2010-11 में 916 हो गईं है. इससे स्पष्ट है 2003-04 में देशी/विदेशी शराब दुकानों की संख्या प्रदेश में 2792 थीं. जो शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में बढ़कर 3683 हो गईं.

भोपाल। प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई गई शराब नीति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई तरह के सवाल उठाए हैं. विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर शराब को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहा है. वहीं देर शाम मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्र के जरिए शिवराज सिंह को जवाब दिया है. क्योंकि शिवराज सिंह चौहान ने भी शुक्रवार सुबह सीएम कमलनाथ को नई शराब नीति को लेकर पत्र लिखा था.


सीएम कमलनाथ ने जवाब देते हुए साफ कर दिया है कि नई शराब की दुकानें प्रदेश में फिलहाल तो नहीं खुलेंगे. लेकिन जो नई नीति लाई गई है, उससे शराब माफिया पर नियंत्रण जरूर हो जाएगा. उन्होंने इस पत्र के माध्यम से तत्कालीन शिवराज सरकार के कार्यकाल पर भी निशाना साधा है. उन्होंने लिखा है कि शिवराज सरकार के समय सबसे ज्यादा शराब की दुकान खोली गई हैं.

CM Kamanlath wrote a letter to Shivraj Singh Chauhan and responded to the alcohol policy
सीएम ने पूर्व सीएम को लिखा पत्र


जनता के बीच भ्रम फैला रहे शिवराज
राज्य सरकार माताओं और बहनों की सुरक्षा नागरिकों की स्वास्थ्य और युवाओं के अच्छे भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है. यह कहना आधारहीन है कि नई आबकारी नीति में उप दुकान खोलने के प्रावधान से नई शराब की दुकानें खुल रही हैं. यह जनता के बीच में भ्रम फैलाने की घृणास्पद राजनीति है. सीएम ने लिखा कि नई नीति से प्रदेश में शराब की दुकानें नहीं बढ़ेगी, बल्कि अवैध व्यापार करने वाले माफिया पर सख्ती से अंकुश लगेगा. 15 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने नई आबकारी नीति की सत्यता जानने की बजाय जो अनर्गल प्रलाप किया है. उससे साफ है कि वे सिर्फ प्रचार पाने के लिए असत्य और भ्रामक बातें कर रहे हैं. सच यह है कि उनके कार्यकाल में सबसे ज्यादा शराब की दुकानें खोली गई हैं.

CM Kamanlath wrote a letter to Shivraj Singh Chauhan and responded to the alcohol policy
सीएम द्वारा लिखे पत्र की प्रति


शिवराज पहले अधिसूचित नीति का करें अध्ययन
सीएम ने पूर्व सीएम को लिखे पत्र में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह सत्य है की उप दुकान नीति के कारण दो हजार से ढाई हजार नई शराब दुकानें खुलने जा रही हैं. वह दुकान खोलने के संबंध में अधिसूचित नीति का अध्ययन किए बगैर ऐसा कहना जनता को गुमराह करना है. मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि ग्रामीण क्षेत्र में उप-दुकान तभी खोली जा सकती है, जब दो मूल शराब दुकानों के बीच कम से कम 10 किलोमीटर की दूरी हो. इसी प्रकार, नगरीय क्षेत्र में उप-दुकान खोलने के लिए मूल शराब दुकानों के बीच न्यूनतम दूरी 5 किलोमीटर होना चाहिए. ये उप-दुकानें सरकार द्वारा नहीं खोली जाएंगी. लायसेंसी यदि चाहे तो प्रतिबंध के अधीन अतिरिक्त वार्षिक मूल्य जमा कर उप-दुकान खोल सकता है.


शिवराज सरकार से समय खुलीं ज्यादा दुकानें
मुख्यमंत्री ने पत्र में जानकारी दी कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के अंतिम वित्तीय वर्ष 2003-04 में देशी शराब की प्रदेश में 2221 दुकानें थीं. जो बीजेपी शासन काल में बढ़ते हुए वर्ष 2010-11 में 2770 हो गईं. इसी तरह विदेशी शराब की दुकानें 2003-04 में 581 थीं, जो साल 2010-11 में 916 हो गईं है. इससे स्पष्ट है 2003-04 में देशी/विदेशी शराब दुकानों की संख्या प्रदेश में 2792 थीं. जो शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में बढ़कर 3683 हो गईं.

Intro:कमलनाथ ने दिया शिवराज को जवाब , नई शराब दुकान नहीं खुलेगी, शराब माफिया पर होगा नियंत्रण


भोपाल | प्रदेश सरकार के द्वारा जारी की गई गई शराब नीति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा कई तरह के सवाल उठाए गए थे वहीं विपक्ष भी लगातार सत्ता पक्ष पर शराब को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहा है देर शाम मुख्यमंत्री के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से जवाब दिया गया है क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी शुक्रवार सुबह सीएम कमलनाथ को नई शराब नीति को लेकर पत्र लिखा था देर शाम कमलनाथ ने जवाब देते हुए साफ कर दिया है कि नई शराब की दुकानें प्रदेश में फिलहाल तो नहीं खुलेंगे लेकिन जो नई नीति लाई गई है उससे शराब माफिया पर नियंत्रण जरूर हो जाएगा उन्होंने इस पत्र के माध्यम से शिवराज सरकार के कार्यकाल पर भी निशाना साधा है उन्होंने कहा है कि शिवराज सरकार में सबसे ज्यादा शराब की दुकान खोली गई हैBody:पत्र का जवाब देते हुए सीएम कमलनाथ ने कहा है कि राज्य सरकार माताओं और बहनों की सुरक्षा नागरिकों की स्वास्थ्य और युवाओं के अच्छे भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है यह कहना आधारहीन है कि नई आबकारी नीति में उप दुकान खोलने के प्रावधान से नई शराब की दुकानें खुल रही है यह जनता के बीच में भ्रम फैलाने की गिरना घृणास्पद
राजनीति है


कमलनाथ ने पत्र के माध्यम से कहा है कि नई नीति से प्रदेश में शराब की दुकानें नहीं बढ़ेगी बल्कि अवैध व्यापार करने वाले माफिया पर सख्ती से अंकुश लगेगा 15 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने नई आबकारी नीति की सत्यता जानने की बजाय जो अनर्गल प्रलाप किया है उससे साफ है कि वे सिर्फ प्रचार पाने के लिए असत्य और भ्रामक बातें कर रहे हैं सच यह है कि उनके कार्यकाल में सबसे ज्यादा शराब की दुकानें खोली गई हैConclusion:सीएम ने पूर्व मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह सत्य है की उप दुकान नीति के कारण दो हजार से ढाई हजार नई शराब दुकानें खुलने जा रही हैं वह दुकान खोलने के संबंध में अधिसूचित नीति का अध्ययन किए बगैर ऐसा कहना जनता को गुमराह करना है नीति के अनुसार नई दुकान नहीं खुलेगी बल्कि मूल दुकानों का लाइसेंसी चाहे तो कुछ शर्तों के अधीन उप दुकान खोल सकता है इससे आपकारी अपराधों पर नियंत्रण बढ़ेगा .

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि ग्रामीण क्षेत्र में उप-दुकान तभी खोली जा सकती है, जब दो मूल मदिरा दुकानों के बीच कम से कम 10 किलोमीटर की दूरी हो। इसी प्रकार, नगरीय क्षेत्र में उप-दुकान खोलने के लिए मूल मदिरा दुकानों के बीच न्यूनतम दूरी 5 किलोमीटर होना चाहिए। ये उप-दुकानें सरकार द्वारा नहीं खोली जाएंगी। लायसेंसी यदि चाहे, तो प्रतिबंध के अधीन अतिरिक्त वार्षिक मूल्य जमा कर उप-दुकान खोल सकता है।

मुख्यमंत्री ने इस दावे को भी झूठा बताया कि पूववर्ती सरकार के कार्यकाल में नई शराब की दुकानें नहीं खोली गईं। मुख्यमंत्री ने पत्र में जानकारी दी कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के अंतिम वित्तीय वर्ष 2003-04 में देशी मदिरा की प्रदेश में 2221 दुकानें थीं, जो भाजपा शासन काल में बढ़ते हुए वर्ष 2010-11 में 2770 हो गईं। इसी प्रकार, विदेशी मदिरा की दुकानें 2003-04 में 581 थीं, जो वर्ष 2010-11 में 916 हो गईं। इससे स्पष्ट है 2003-04 में देशी/विदेशी मदिरा दुकानों की संख्या प्रदेश में 2792 थी, जो शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में बढ़कर 3683 हो गईं।

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि आज भी मध्यप्रदेश में जनसंख्या क्षेत्रफल के आधार पर भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश की तुलना में मदिरा दुकानों की संख्या बहुत कम है। मध्यप्रदेश में जहाँ प्रति एक लाख की जनंसख्या पर मात्र 5 मदिरा दुकानें संचालित हैं, वहीं उत्तर प्रदेश में यह संख्या 12 है, जो ढाई गुना अधिक है। इसी तरह, मध्यप्रदेश में प्रति एक हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में मदिरा दुकानों की संख्या मात्र 12 है, वहीं उत्तर प्रदेश में यह संख्या 41 है, जो साढ़े तीन गुना अधिक है। कमल नाथ ने सवाल किया कि क्या उत्तर प्रदेश में बहुत अधिक मदिरा दुकानों के कारण वहाँ शराब माफिया सक्रिय है? क्या उत्तर प्रदेश में माताएँ और बहने असुरक्षित हैं?

मुख्यमंत्री ने नई आबकारी नीति का हवाला देते हुए कहा कि यह माफिया को बढ़ावा नहीं देगा बल्कि उन पर नियंत्रण रखेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने मुझे पत्र लिखने के पूर्व अपने 15 वर्ष के कार्यकाल में इस संबंध में लिए गए निर्णयों और कार्यों की जानकारी ही नहीं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि माफिया की उत्पत्ति एवं विकास के कारणों का उन्हें संभवत: ज्ञान ही नहीं है। माफिया यानि संगठित अपराधी ऐसे स्थानों एवं व्यवसायों में ही पनपते है, जहाँ प्रतिबंध न हो या व्यवसाय को वैध तरीके से संचालित करना दुष्कर हो। वैधानिक और वैध व्यवसायिक गतिविधियाँ संचालित होने से माफिया पर अंकुश लगता है और उन पर नियंत्रण रखा जा सकता है, जैसा की नई आबकारी नीति में सरकार ने प्रावधान किया है। इससे शराब माफिया और संगठित अपराधियों द्वारा मदिरा के अवैध व्यापार पर पूरी तरह प्रतिबंध लगेगा।


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