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विस नतीजों के अगले दिन ही दिए गए थे करोड़ों के टेंडर, सीएम कमलनाथ ने दिए जांच के आदेश - बीजेपी सरकार ने जारी किए थे टेंडर

प्रदेश की कांग्रेस सरकार विधानसभा चुनाव के नतीजों के दूसरे दिन ही आनन-फानन में जारी किए गए करोड़ों रुपए के टेंडरों की जांच कराने जा रही है. सीएम कमलनाथ ने इस पूरे मामले में निर्देश जारी कर दिए हैं कि इन टेंडरों की जांच कराई जाए.

सीएम कमलनाथ
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Published : Jun 13, 2019, 6:26 PM IST

भोपाल। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के दूसरे दिन ही आनन-फानन में जारी किए गए करोड़ों रुपए के टेंडरों की कांग्रेस सरकार जांच कराने जा रही है. जल निगम बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले की जांच कराने के आदेश दिए हैं. जब यह टेंडर जारी किए गए उस वक्त प्रदेश में आचार संहिता लागू थी. सरकार इसको लेकर चुनाव आयोग को भी पत्र लिखने जा रही है.

विस नतीजों के अगले दिन ही दिए गए टेंडरों की जांच कराएंगी कमलनाथ सरकार

टेंडरों में गड़बड़ियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है ई टेंडर घोटालों को लेकर चर्चा में आए जल निगम के 16 सौ करोड़ के टेंडर की सरकार जांच कराने जा रही है. गुरुवार को मंत्रालय में हुई जल निगम के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में सीएम कमलनाथ ने अधिकारियों से सवाल किया की आखिर चुनाव परिणाम के ठीक दूसरे दिन 12 दिसंबर को आनन-फानन में टेंडर कैसे जारी कर दिए गए. जिस पर अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए. जिस वक्त यह टेंडर जारी किए गए थे, उस वक्त प्रदेश में आचार संहिता लागू थी.

बावजूद इसके इसके 16 सौ करोड़ कीमत के यह टेंडर एलएनटी और अन्य एजेंसियों को जारी कर दिए गए. जबकि 12 दिसंबर को यह साफ हो गया था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई है. आनन-फानन में किए गए टेंडर से अधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है की सरकार टेंडर की जांच विभाग से ही कराएंगी या किसी दूसरी एजेंसी को इसका जिम्मा सौंपा जाएगा. गौरतलब है कि जल निगम काउंसिल का अध्यक्ष मुख्यमंत्री ही होता है और जब यह टेंडर किए गए उस वक्त काउंसिल के अध्यक्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे.

भोपाल। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के दूसरे दिन ही आनन-फानन में जारी किए गए करोड़ों रुपए के टेंडरों की कांग्रेस सरकार जांच कराने जा रही है. जल निगम बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले की जांच कराने के आदेश दिए हैं. जब यह टेंडर जारी किए गए उस वक्त प्रदेश में आचार संहिता लागू थी. सरकार इसको लेकर चुनाव आयोग को भी पत्र लिखने जा रही है.

विस नतीजों के अगले दिन ही दिए गए टेंडरों की जांच कराएंगी कमलनाथ सरकार

टेंडरों में गड़बड़ियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है ई टेंडर घोटालों को लेकर चर्चा में आए जल निगम के 16 सौ करोड़ के टेंडर की सरकार जांच कराने जा रही है. गुरुवार को मंत्रालय में हुई जल निगम के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में सीएम कमलनाथ ने अधिकारियों से सवाल किया की आखिर चुनाव परिणाम के ठीक दूसरे दिन 12 दिसंबर को आनन-फानन में टेंडर कैसे जारी कर दिए गए. जिस पर अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए. जिस वक्त यह टेंडर जारी किए गए थे, उस वक्त प्रदेश में आचार संहिता लागू थी.

बावजूद इसके इसके 16 सौ करोड़ कीमत के यह टेंडर एलएनटी और अन्य एजेंसियों को जारी कर दिए गए. जबकि 12 दिसंबर को यह साफ हो गया था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई है. आनन-फानन में किए गए टेंडर से अधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है की सरकार टेंडर की जांच विभाग से ही कराएंगी या किसी दूसरी एजेंसी को इसका जिम्मा सौंपा जाएगा. गौरतलब है कि जल निगम काउंसिल का अध्यक्ष मुख्यमंत्री ही होता है और जब यह टेंडर किए गए उस वक्त काउंसिल के अध्यक्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे.

Intro:मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने की दूसरे दिन आनन-फानन में जारी किए गए करोड़ों के टेंडर की सरकार जांच कराने जा रही है। जल निगम के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले की जांच कराने के आदेश दिए हैं। जब यह टेंडर जारी किए गए उस वक्त प्रदेश में आचार संहिता लागू थी। सरकार इसको लेकर चुनाव आयोग को भी पत्र लिखने जा रही है।


Body:टेंडरों में गड़बड़ियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है ई टेंडर घोटालों को लेकर चर्चा में आए जल निगम के 16 सौ करोड़ के टेंडर की सरकार जांच कराने जा रही है। गुरुवार को मंत्रालय में हुई जल निगम के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों से सवाल किया की आखिर चुनाव परिणाम के ठीक दूसरे दिन 12 दिसंबर को आनन-फानन में टेंडर कैसे जारी कर दिए गए। मुख्यमंत्री कमलनाथ के सवाल से अधिकारियों के पसीने छूट गए। दरअसल जब यह टेंडर जारी किए गए उस वक्त प्रदेश में आचार संहिता लागू थी। इसके बाद भी 16 सौ करोड़ कीमत के यह टेंडर एलएनटी और अन्य एजेंसियों को जारी कर दिए गए। जबकि 12 दिसंबर को यह साफ हो गया था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई है। आनन-फानन में किए गए टेंडर से अधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है की सरकार टेंडर की जांच विभाग से ही कर आएगी या किसी दूसरी एजेंसी को इसका जिम्मा सौंपा जाएगा। गौरतलब है कि जल निगम काउंसिल का अध्यक्ष मुख्यमंत्री ही होता है और जब यह टेंडर किए गए उस वक्त काउंसिल के अध्यक्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे।


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