भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान कोरोना वायरस के इलाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, कोरोना वायरस के इलाज के लिए भोपाल एम्स में क्लीनिकल ट्रायल किया जाएगा, जिसके लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने मंजूरी दे दी है.
एम्स प्रबंधन के मुताबिक मरीजों के इलाज के लिए कुष्ठ रोग में दी जाने वाली दवा माइकोबैक्टेरियम डब्ल्यू का कोरोना वायरस के मरीजों पर इस्तेमाल कर मरीजों में हो रहे बदलाव की समीक्षा की जाएगी, कुष्ठ रोग में काम आने वाली इस दवा को अहमदाबाद में बनाया जाता है, 7 दिन में ये दवा एम्स को मिल जाएगी और इसका ट्रायल शुरू हो जाएगा, वहीं 3 महीने में स्टाइल का रिजल्ट भी मिल जाएगा, ट्रायल के दौरान कोविड19 के कम गंभीर मरीज और गंभीर मरीजों को इस दवा का एक निश्चित डोज दिया जाएगा और उनका तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा.
एमडब्ल्यू रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करती है, जानकारी के मुताबिक ये दवा शरीर में बाहरी संक्रमण को रोकने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करती है, इससे मरीज की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.