भोपाल। केंद्र सरकार ने किसानों को उनकी फसल की बिक्री में सहूलियत देने के लिए कई प्रावधान किए हैं. आवश्यक वस्तु कानून में बदलाव कर अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू को इससे सामान्य स्थितियों में बाहर कर दिया गया है. इसी तरह मंडी कानून में बदलाव कर किसानों को अपनी फसल नोटिफाइड बाजार समिति के बाहर और दूसरे राज्यों में भी बेचने की छूट दे दी गई है. इसी तरह अब किसानों को सीधे निर्यातकों और बड़े विक्रेताओं से एग्रीमेंट करने की छूट भी होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में कैबिनेट ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी है. इसे लेकर प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ऐतिहासिक कदम बताया है. उन्होंने कहा है कि अब किसान कृषि उपज का वादा मुक्त व्यापार कर सकेंगे. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को मंजूरी दिये जाने से अब किसान कृषि उपज का बाधा मुक्त व्यापार कर सकेंगे. इससे किसानों को अपनी उपज बेचने में अभी तक की सभी बाधाएं हट जायेंगी. इससे किसानों को अपनी फसल का अच्छा लाभ मिल सकेगा.
मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में किये गये इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री को धन्यवाद दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि अभी तक किसान मण्डी के लायसेंसधारी व्यापारी को ही अपनी फसल बेच सकते थे, लेकिन अब उनके सामने फसल बेचने के लिये कई विकल्प होंगे. वह अपने खेत से, घर से और राज्य के बाहर भी, जहां उन्हें अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिल सके, वह अपनी फसल बेच सकेंगे. किसानों की फसलों को बेचने के लिये ई-प्लेटफार्म भी बनाया जा रहा है.
बता दें कि कई तरह के नियामक प्रतिबंधों के चलते किसानों को अपने उत्पाद बेचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. अधिसूचित कृषि उत्पाद विपणन समिति वाले बाजार क्षेत्र के बाहर किसानों पर उत्पाद बेचने पर कई तरह के प्रतिबंध हैं. उन्हें अपने उत्पाद सरकार द्वारा लाइसेंस प्राप्त खरीदारों को ही बेचने की बाध्यता है. इसके अलावा एक राज्य से दूसरे राज्य को ऐसे उत्पादों के सुगम व्यापार के रास्ते में भी कई तरह की बाधाएं थी.