भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस के अवसर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना की राशि प्रदान की. जिसके अंतर्गत 1040 प्रकरणों में 12.27 करोड़ रूपये की राशि और प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के अंतर्गत 2655 हितग्राहियों को 52.12 लाख रूपये की राशि ट्रांसफर करने के लिए बैंक को ऑनलाइन आदेश जारी किए. इस दौरान उन्होंने लाड़ली लक्ष्मियों की माताओं और मातृत्व वंदना योजना की हितग्राहियों से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरfए बात भी की. इस अवसर पर प्रमुख सचिव सहित दूसरे अधिकारी उपस्थित थे.
जरूरत पड़ने पर भैया को करें याद: शिवराज
मुख्यमंत्री चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लाड़ली लक्ष्मियों की माताओं से बातचीत की. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जन्म से लेकर मृत्यु तक बेटियों के कल्याण के लिए योजनाएं बनायी गयी हैं. लाड़ली लक्ष्मी योजना को 2007 में किया गया था, जिसमें अभी तक 35 लाख 35 हजार 28 बालिकाओं को लाभान्वित किया जा चुका है.
योजना में बालिका को छठवीं पास करने पर 2 हजार रूपए, 9वीं पास करने पर 4 हजार रूपए, ग्यारहवीं पास करने पर 6 हजार रूपए, बारहवीं पास करने पर 6 हजार रूपए और 21 साल की होने पर एक लाख रूपए दिए जाएंगे. इसके अलावा बेटियों को नि:शुल्क किताब, यूनीफार्म, साइकिल आदि भी दिए जाते हैं.
बिटिया की शादी के लिए सहायता दी जाती है और संबल योजना के अंतर्गत बच्चे के जन्म से पहले 4 हजार रूपये और जन्म के बाद 12 हजार रूपये की सहायता प्रदान की जाती है. इस दौरान उन्होंने लाड़लियों को भी संदेश देते हुए का कि अच्छे से पढ़ाई करो, मामा आपके साथ हैं. मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की हितग्राहियों से भी बातचीत की. उन्होंने सभा का वंदन करते कहा कि सदैव खुश रहें, जरूरत पड़े तो भैया को याद करें.
मातृत्व वंदना योजना में मध्यप्रदेश को प्रथम पुरस्कार
प्रमुख सचिव अनुपम राजन ने बताया कि मातृत्व वंदना योजना में सभी गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को 5 हजार रूपये की राशि प्रदान की जाती है. इसमें से एक हजार रूपये गर्भावस्था के पंजीयन पर, दो हजार रूपये गर्भावस्था के 6 महीने बाद तथा दो हजार रूपये जन्म के बाद प्रदान किये जाते हैं. योजना वर्ष 2017 में शुरू की गई थी तथा इसमें अभी तक 16 लाख 56 हजार हितग्राहियों को 671 करोड़ रूपये राशि का भुगतान किया जा चुका है. वर्ष 2019-20 में पूरे भारत में मध्यप्रदेश को उत्कृष्ट कार्य के लिये प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया था.