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व्यापमं घोटाला: प्री-पीजी 2012 एग्जाम मामले में 28 आरोपियों के खिलाफ पेश होगा चालान

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Published : Nov 2, 2019, 10:27 AM IST

व्यापमं घोटाले में एक बार फिर सीबीआई ने रिपोर्ट पेश की है, जिसमें रिटायर्ड अधिकारी सहित 28 लोगों को आरोपी बनाया गया है. सभी आरोपियों पर प्री-पीजी 2012 में पैसे लेकर परीक्षा पास कराने के आरोप लगे हैं.

28 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश करने की तैयारी

भोपाल। प्रदेश में सियासत की जड़ें हिला देने वाला व्यापमं महाघोटाला अभी तक अनसुलझा है. पिछले आठ सालों से लगातार अलग-अलग संस्थाओं द्वारा इसकी जांच की जा रही है. इस मामले में कई बड़ी हस्तियां जेल की हवा खा चुकी हैं. हालांकि ज्यादातर मामलों में आरोपी जमानत पर बाहर हैं. फिलहाल एक बार फिर सीबीआई ने व्यापमं फर्जीवाड़े के प्री-पीजी 2012 एग्जाम मामले में जांच पूरी कर ली है.

सीबीआई इस मामले में 28 आरोपियों सहित रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी आरके शिवहरे के खिलाफ चालान पेश करने की तैयारी में है. वहीं दो रिटायर्ड आईएएस अधिकारी रंजना चौधरी और केसी जैन को सीबीआई की ओर से राहत मिल सकती है. बताया जा रहा है कि दोनों को क्लीन चिट दे दी गई है. यही वजह है जिन आरोपियों के नाम सामने आए हैं, उनमें इन दोनों ही अधिकारियों का नाम शामिल नहीं है.

बता दें कि सभी आरोपियों पर प्री-पीजी 2012 परीक्षा में 50 से 75 लाख रुपए लेकर स्नातक डॉक्टरों को पास कराने के आरोप लगे हैं. इसमें श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस सिम्स में प्रवेश पाने वाले अभ्यर्थी डॉक्टर भी शामिल हैं, जिन पर व्यापमं के अधिकारियों के साथ मिलकर परीक्षा पास कराने का आरोप लगा है.

भोपाल। प्रदेश में सियासत की जड़ें हिला देने वाला व्यापमं महाघोटाला अभी तक अनसुलझा है. पिछले आठ सालों से लगातार अलग-अलग संस्थाओं द्वारा इसकी जांच की जा रही है. इस मामले में कई बड़ी हस्तियां जेल की हवा खा चुकी हैं. हालांकि ज्यादातर मामलों में आरोपी जमानत पर बाहर हैं. फिलहाल एक बार फिर सीबीआई ने व्यापमं फर्जीवाड़े के प्री-पीजी 2012 एग्जाम मामले में जांच पूरी कर ली है.

सीबीआई इस मामले में 28 आरोपियों सहित रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी आरके शिवहरे के खिलाफ चालान पेश करने की तैयारी में है. वहीं दो रिटायर्ड आईएएस अधिकारी रंजना चौधरी और केसी जैन को सीबीआई की ओर से राहत मिल सकती है. बताया जा रहा है कि दोनों को क्लीन चिट दे दी गई है. यही वजह है जिन आरोपियों के नाम सामने आए हैं, उनमें इन दोनों ही अधिकारियों का नाम शामिल नहीं है.

बता दें कि सभी आरोपियों पर प्री-पीजी 2012 परीक्षा में 50 से 75 लाख रुपए लेकर स्नातक डॉक्टरों को पास कराने के आरोप लगे हैं. इसमें श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस सिम्स में प्रवेश पाने वाले अभ्यर्थी डॉक्टर भी शामिल हैं, जिन पर व्यापमं के अधिकारियों के साथ मिलकर परीक्षा पास कराने का आरोप लगा है.

Intro:व्यापमं - प्री- पीजी 2012 मामले में सीबीआई की जांच पूरी , आईपीएस अधिकारी सहित 28 आरोपितों के खिलाफ जल्द करेगी चालान पेश


भोपाल | प्रदेश में हुआ व्यापमं फर्जीवाड़ा इतने वर्षों के बाद भी सुलझ नहीं पाया है . पिछले 8 वर्षों से लगातार इस मामले में अलग-अलग संस्थाओं के द्वारा जांच की जा रही है . अब तक व्यापम मामले में कई बड़ी हस्तियां जेल की हवा खा चुकी हैं . फिलहाल ज्यादातर आरोपित जमानत पर बाहर चल रहे हैं . लेकिन एक बार फिर सीबीआई के द्वारा व्यापमं फर्जीवाड़े के प्री- पीजी 2012 मामले में जांच पूरी कर ली गई है .







Body:सीबीआई के द्वारा जल्द ही इस मामले में 28 आरोपितों के साथ सेवानिवृत्त हो चुके आईपीएस अधिकारी आरके शिवहरे के खिलाफ चालान पेश करने की तैयारी हो गई है इस परीक्षा में संदेही माने गए तो सेवानिवृत्त हो चुके दो आईएएस अधिकारी रंजना चौधरी और केसी जैन को सीबीआई की ओर से राहत मिल सकती है माना जा रहा है कि इन दोनों को क्लीन चिट दे दी गई है यही वजह है कि जिन आरोपितों के नाम सामने आए हैं उनमें इन दोनों ही अधिकारियों का नाम शामिल नहीं है .



प्री- पीजी 2012 परीक्षा में 50 लाख से लेकर 75 लाख रुपए लेकर स्नातक डॉक्टरों को परीक्षा में पास कराने के आरोप लगे हैं इसमें श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस सिम्स में प्रवेश पाने वाले डॉक्टर अभ्यार्थी भी शामिल है जिन्हें व्यापमं के अधिकारियों के साथ मिलकर परीक्षा पास कराने का आरोप लगा है परीक्षा में रंजना चौधरी का नाम भी पूर्व में सामने आ चुका है . जिसमें व्यापम के तत्कालीन अधिकारी पंकज त्रिवेदी ने उन्हें करीब 42 लाख रुपए देने के आरोप लगाए थे हालांकि यह राशि पंकज द्वारा रंजना चौधरी के सेवानिवृत्त होने के डेढ़ महीने बाद देने की बात निकल कर सामने आई है .


बताया जा रहा है कि रंजना चौधरी को इसी चीज का लाभ मिला है क्योंकि सेवानिवृत्ति के बाद राशि लेकर चौधरी द्वारा परिणामों को प्रभावित किए जाने की संभावना ही नहीं बनती थी एक अन्य रिटायर्ड आईएएस अधिकारी केसी जैन की अपने बेटे के प्री- पीजी मैं पास कराने की भूमिका को लेकर जांच की गई थी लेकिन उनके खिलाफ किसी भी प्रकार का कोई ठोस आधार नजर नहीं आया है इस मामले में केसी जैन तो बच गए हैं लेकिन उनके बेटे और रिश्तेदार विवेक कुमार जैन घोटाले में आरोपी बनाए गए हैं



प्री- पीजी 2012 मामले में सीबीआई की जांच के दौरान सेवा आईपीएस अधिकारी आरके शिवहरे को अपनी बेटी नेहा और दामाद आशीष आनंद गुप्ता के लिए व्यापमं के अधिकारियों को पैसे देकर प्रीजी पास कराने के मामले में आरोपित बनाया गया है उनकी बेटी और दामाद भी इसमें आरोपित है वही बता दें कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ मध्य प्रदेश कैडर की महिला आईपीएस अधिकारी सोनाली मिश्रा के भाई भरत मिश्रा को बिचौलियों की तरह काम करने का आरोपी माना गया है .



Conclusion:सीबीआई के द्वारा जिन मुख्य आरोपितों के खिलाफ चालान पेश किया जाना है उनके नाम इस प्रकार है .
पंकज त्रिवेदी व्यवसायिक परीक्षा मंडल के तत्कालीन अधिकारी ,
नितिन महेंद्रा - व्यावसायिक परीक्षा मंडल के तत्कालीन अधिकारी
विनोद भंडारी - संचालक श्री अरविंदो इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस
भरत मिश्रा- आईपीएस सोनाली मिश्रा का भाई

प्रदीप रघुवंशी - महाप्रबंधक श्री अरविंदो इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस
आरके शिवहरे - अभिभावक , सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी

अनुराग जैन - प्रीति प्री- पीजी 2012 अभ्यार्थी , केसी जैन के बेटे
आशीष आनंद गुप्ता प्री- पीजी 2012 अभ्यार्थी , आरके शिवहरे के दामाद

नेहा शिवहरे - प्री- पीजी 2012 अभ्यार्थी , आरके शिवहरे की बेटी . इन सभी आरोपितों के खिलाफ जल्द ही सीबीआई के द्वारा चालान पेश किया जाएगा . सीबीआई के द्वारा इस मामले में चालान पेश किए जाने के बाद उन लोगों की मुसीबत बढ़ सकती है जो फिलहाल जमानत पर बाहर हैं क्योंकि अदालत इस मामले में उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दे सकती है .
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