ETV Bharat / state

BLACK FUNGUS को डिटेक्ट करने के लिए चलेगा विशेष अभियान: विश्वास सारंग

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि ब्लैक फंगस की प्राथमिक पहचान के लिए अगले तीन दिनों तक सघन अभियान चलाया जाएगा.

Black fungus
ब्लैक फंगस
author img

By

Published : May 18, 2021, 3:35 PM IST

Updated : May 18, 2021, 4:30 PM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण महामारी से ज्यादा अब ब्लैक फंगस का खतरा प्रदेश पर मंडराने लगा हैं. राजधानी में म्यूकोरमाइकोसिस से संक्रमित तीन मरीजों की जान बचाने के लिए उनकी एक-एक आंख निकालनी पड़ी. वहीं एक मरीज के जबड़े का एक हिस्सा भी निकाला गया.

ईएनटी चिकित्सकों की ली जाएगी मदद

म्यूकोरामाइकोसिस के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य सरकार अब इसकी प्राथमिक पहचान के लिए तीन दिवसीय सघन अभियान चलाने जा रही हैं, जिसमें मरीजों की नेजलएंडोस्कोपी की जाएगी.

मरीजों की होगी नेजलएंडोस्कोपी

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि देश में ब्लैक फंगस को लेकर सबसे पहले प्रदेश सरकार ने काम करना शुरू किया. इसके लिए प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेज में अलग यूनिट स्थापित की गई हैं. वहां पर इलाज भी शुरू कर दिया गया हैं. उन्होंने कहा कि अगर इस बीमारी को शुरू में ही पकड़ लिया जाए, तो इसकी भयावहता में कमी आ सकती हैं.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग
Black Fungus: इस मर्ज की दवा है 'मेथिलीन ब्लू मेडिसिन' !

मध्य प्रदेश में अगले तीन दिनों तक ब्लैक फंगस की प्राथमिक पहचान सरकारी मेडिकल कॉलेज और निजी ईएनटी सर्जन के सहयोग से की जाएगी. मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि इस तरह की मुहिम चलाने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य होगा, क्योंकि अभी तक की स्टडी कहती है कि ब्लैक फंगस बीमारी नाक से आंख और आंख से दिमाग तक पहुंचती हैं. इसलिए अगले तीन दिन नेजलएंडोस्कोपी की एक सघन मुहिम प्रदेश में चलाई जाएगी.

कमलनाथ ने साधा निशाना

वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि 'प्रदेश में अभी तक करीब 500 मरीज इस बीमारी के सामने आ चुके हैं, लेकिन जरूरी इंजेक्शनों की कमी से उनकी यह बीमारी भयावह होती जा रही हैं. सरकार ने इन इंजेक्शनों की आपूर्ति को लेकर अभी तक कोई ठोस कार्ययोजना ना बनाई हैं, और ना इसके आवश्यक इंतजाम किये है ?'

  • प्रदेश में अभी तक क़रीब 500 मरीज़ इस बीमारी के सामने आ चुके है लेकिन ज़रूरी इंजेक्शनो की कमी से उनकी यह बीमारी भयावह होती जा रही है।
    सरकार ने इन इंजेक्शनो की आपूर्ति को लेकर अभी तक कोई ठोस कार्ययोजना ना बनायी है और ना इसके आवश्यक इंतज़ाम किये है ?

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 18, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भोपाल। कोरोना संक्रमण महामारी से ज्यादा अब ब्लैक फंगस का खतरा प्रदेश पर मंडराने लगा हैं. राजधानी में म्यूकोरमाइकोसिस से संक्रमित तीन मरीजों की जान बचाने के लिए उनकी एक-एक आंख निकालनी पड़ी. वहीं एक मरीज के जबड़े का एक हिस्सा भी निकाला गया.

ईएनटी चिकित्सकों की ली जाएगी मदद

म्यूकोरामाइकोसिस के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य सरकार अब इसकी प्राथमिक पहचान के लिए तीन दिवसीय सघन अभियान चलाने जा रही हैं, जिसमें मरीजों की नेजलएंडोस्कोपी की जाएगी.

मरीजों की होगी नेजलएंडोस्कोपी

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि देश में ब्लैक फंगस को लेकर सबसे पहले प्रदेश सरकार ने काम करना शुरू किया. इसके लिए प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेज में अलग यूनिट स्थापित की गई हैं. वहां पर इलाज भी शुरू कर दिया गया हैं. उन्होंने कहा कि अगर इस बीमारी को शुरू में ही पकड़ लिया जाए, तो इसकी भयावहता में कमी आ सकती हैं.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग
Black Fungus: इस मर्ज की दवा है 'मेथिलीन ब्लू मेडिसिन' !

मध्य प्रदेश में अगले तीन दिनों तक ब्लैक फंगस की प्राथमिक पहचान सरकारी मेडिकल कॉलेज और निजी ईएनटी सर्जन के सहयोग से की जाएगी. मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि इस तरह की मुहिम चलाने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य होगा, क्योंकि अभी तक की स्टडी कहती है कि ब्लैक फंगस बीमारी नाक से आंख और आंख से दिमाग तक पहुंचती हैं. इसलिए अगले तीन दिन नेजलएंडोस्कोपी की एक सघन मुहिम प्रदेश में चलाई जाएगी.

कमलनाथ ने साधा निशाना

वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि 'प्रदेश में अभी तक करीब 500 मरीज इस बीमारी के सामने आ चुके हैं, लेकिन जरूरी इंजेक्शनों की कमी से उनकी यह बीमारी भयावह होती जा रही हैं. सरकार ने इन इंजेक्शनों की आपूर्ति को लेकर अभी तक कोई ठोस कार्ययोजना ना बनाई हैं, और ना इसके आवश्यक इंतजाम किये है ?'

  • प्रदेश में अभी तक क़रीब 500 मरीज़ इस बीमारी के सामने आ चुके है लेकिन ज़रूरी इंजेक्शनो की कमी से उनकी यह बीमारी भयावह होती जा रही है।
    सरकार ने इन इंजेक्शनो की आपूर्ति को लेकर अभी तक कोई ठोस कार्ययोजना ना बनायी है और ना इसके आवश्यक इंतज़ाम किये है ?

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 18, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
Last Updated : May 18, 2021, 4:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.