भोपाल। 21 सितंबर को हुए विधानसभा के एक दिवसीय सत्र में सीएजी रिपोर्ट पेश की गई. इस सीएजी रिपोर्ट के आधार पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने शिवराज सरकार के कार्यकाल में हुए घोटालों को उजागर करते हुए आरोप लगाया है कि शिवराज सरकार के समय आंगनबाड़ी में बांटे जाने वाले फ्लेवर्ड दूध में भारी भ्रष्टाचार हुआ है. साथ ही कांग्रेस ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के वेतन में की गई गड़बड़ी को लेकर शिवराज सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस के इन आरोपों को लेकर बीजेपी का कहना है कि कमलनाथ सरकार में हुए घोटालों को दबाने के लिए सीएजी रिपोर्ट की गलत व्याख्या करके निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं.
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने विधानसभा में प्रस्तुत की गई सीएजी रिपोर्ट में मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के घोटालों की सूची बताते हुए और मध्य प्रदेश की जनता को आगाह करते हुए कहा है कि विगत कई सालों से शिवराज सरकार भ्रष्टाचार और घूसखोरी का समंदर बनी हुई थी. उसका सीएजी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया है.
सीएजी की रिपोर्ट में बच्चों को दिए जाने वाले फ्लेवर्ड दूध को भी भ्रष्ट प्रशासन ने लूट लिया. बच्चों के फ्लेवर्ड दूध के एक ही बिल पर दो-दो बार भुगतान हो गए. ये भी सीएजी की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है और जनता के पैसे को चूना लगाया गया है. उन्होंने कहा कि न्यूनतम मानदेय पर काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका का मानदेय भी लूट लिया गया. उनका मानदेय 89 संदिग्ध खातों में जमा करके लगभग तीन करोड़ 90 लाख रुपए का खेल हो गया.
देवास जिले में तो 361 तालाब गायब हैं. इन बलराम तालाबों को बनाने के लिए वहां के कलेक्टर का शिवराज सिंह ने सम्मान किया था. उन्होंने बताया कि कलेक्टरों ने सहायक ग्रेड तीन और भृत्यों की भर्तियों की नियुक्तियों में जमकर धांधली की है. जनता के मन में ये स्वभाविक सवाल उठ रहा है कि क्या ऐसे ही लूट के धन से जन्नत की खरीद-फरोख्त हुई है और मध्य प्रदेश को एक अनैतिक सरकार का बोझा उठाना पड़ रहा है. भूपेंद्र गुप्ता ने मांग की है कि सरकार तत्काल सीएजी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करें और अधिकारियों को जेल भेजे.
कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया का कहना है कि कांग्रेस उपचुनाव के ठीक पहले आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर रही है. सीएजी की रिपोर्ट के संबंध में उन्होंने कहा कि उसकी गलत तरीके से व्याख्या करके जनता को गुमराह करने का काम किया जा रहा है. वास्तविकता ये है कि कांग्रेस की सरकार के अंदर जिस प्रकार से खाद्यान्न घोटाले हुए और इंदौर के महू के कांग्रेसी नेता पकड़े गए हैं, तो उनके ऊपर पर्दा डालने के लिए ये काम कांग्रेस के नेता कर रहे हैं.