ETV Bharat / state

कैबिनेट मंत्री हर्ष यादव ने ETV BHARAT से की खास बातचीत, कमलनाथ सरकार काम करने में करती विश्वास बयानबाजी में नहीं - भोपाल न्यूज

प्रदेश की कमलनाथ सरकार 17 दिसंबर को अपने कार्यकाल का एक साल पूरे करने जा रही है. कैबिनेट मंत्री हर्ष यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और अपने विभाग का रिपोर्ट कार्ड भी पेश किया.

Minister Harsh Yadav had a special conversation
मंत्री हर्ष यादव ने की खास बातचीत
author img

By

Published : Dec 15, 2019, 5:46 PM IST

Updated : Dec 15, 2019, 7:02 PM IST

भोपाल। कमलनाथ सरकार के कार्यकाल का 17 दिसंबर को एक साल पूरे होने जा रहा है. सरकार के एक साल पूरा होने पर कमलनाथ सरकार के सभी मंत्रियों ने अपने कार्यकाल का लेखा-जोखा पेश करेगी. कैबिनेट मंत्री हर्ष यादव ने ईटीवी भारत से बात करते हुए अपने विभाग की उपलब्धियां गिनाईं. मंत्री हर्ष यादव बात करते हुए कहा कि चुनाव के वक्त जो हमारी सरकार ने प्रदेश की जनता से वादा किया था. उन सभी वचनों को पूरा करने के लिए कमलनाथ सरकार काम कर रही है.

मंत्री हर्ष यादव ने की खास बातचीत

सोलर पार्क योजना
कुटीर एवं ग्रामोद्योग तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री हर्ष यादव ने बताया कि आगर, शाजापुर और नीमच में 1500 मेगावॉट के सोलर परियोजनाएं लगाने का निर्णय लिया है. इसके लिए भूमि का आवंटन भी हो चुका है. जिसपर तुरंत कार्य प्रारंभ किया जाएगा. परियोजना की लागत लगभग 6 हजार करोड़ अनुमानित है. जिसकी राशि विकासक (डेव्हलपर) द्वारा लगाकर प्रदेश को प्रति यूनिट की दर पर 25 सालों के लिए विद्युत उपलब्ध करावेंगे.
हर्ष यादव ने कहा कि बुंदेलखण्ड और चंबल अंचल में भी नये सौर पार्क स्थापित करने की प्रकिया प्रारंभ कर दी गई है. सागर जिले के देवरी, बण्डा, केसली, जैसीनगर और मुरैना के जौरा और कैलारस में ये सोर परियोजनाएं प्रारंभ होगी. इनकी कुल क्षमता लगभग 2 हजार मेगावाट होगी.

रीवा परियोजना

हर्ष यादव ने बताया कि विश्व की सबसे बड़े स्तर की 750 मेगावाट की रीवा परियोजना का पूर्णता का दो तिहाई कार्य पिछले एक साल में किया गया है. 740 मेगावाट का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. दिसम्बर माह में 750 मेगावॉट की पूर्ण क्षमता से उत्पादन प्रारंभ हो जायेगा. प्रतिदिन 99 मेगावॉट बिजली रीवा से दिल्ली मेट्रो को दी जा रही है. शेष बिजली प्रदेश को 2.97 रुपए प्रति यूनिट से मिल रही है.

सोलर रूफ टॉप परियोजनाएं

हर्ष यादव का कहना है कि सरकार द्वारा सोलर रूफ टॉप परियोजनाओं की स्थापना पिछले एक साल में 291 शासकीय महाविद्यालयों के भवनों में पर किया गया है. वहीं 126 इंजीनियरिंग कॉलेज, आईटीआई भवनों में 13 मेडिकल कॉलेज भवनों के साथ ही पुलिस विभाग के 107 भवनों में 43 मेगावाट क्षमता के सौलर रूफ टॉप परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ कर दिया हैं. जिसमें से 8.5 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी है. अगले 4 साल में हम कम से कम 500 मेगावाट की सौलर रूफ टॉप परियोजनाएं स्थापित कर प्रदेश में क्रांति ला देंगें.

सोलर पंप

हर्ष यादव ने बताया कि सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों के लिए आगामी सालों में 2 लाख सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक हमने 18 हजार नग सोलर पंप की स्थापना की है. इस साल 25 हजार नग सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य शासन ने अभी तक 3 हार्स पावर के सोलर पंप पर 90 प्रतिशत अनुदान और 3 हार्स पावर से अधिक एवं 05 हार्स पावर से कम के पंप पर 85 प्रतिशत अनुदान देने की योजना बनाई है.
ई व्हीकल
प्रदेश में सोलर ऊर्जा से ई-व्हीकल चलाये जाने की योजना प्रारंभ की है. इसके लिए सोलर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे है. भोपाल स्थित ऊर्जा भवन मुख्यालय में यह स्थापित किया गया है.

मंत्री हर्ष यादव की एक साल की प्रमुख उपलब्धियां

  • हर्ष यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले में मृगनयनी एम्पोरियम होगा. इस समय करीब 10 जिलों में केन्द्र हैं. इस साल होशंगाबाद और बैतूल में मृगनयनी के नए विक्रय केन्द्र शुरू किए गए हैं.
  • देश में वैवाहिक साड़ियों के बाजार में द रॉयल हैरिटेज कलेक्शन के नाम से मध्यप्रदेश के बुनकरों के बनाए गये साड़ी और लहंगा वस्त्र अपना स्थान बना रहे हैं. अब चंदेरी रेशम, महेश्वरी रेशम के वस्त्र मृगनयनी में वैरायटी के साथ उपलब्ध रहेंगे.
  • नवाचार के अंतर्गत उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए मृगनयनी की वेब साईट के साथ ही अमेजन के माध्यम से उपभोक्ताओं के हित में क्रियान्वयन किया जा चुका है.
  • प्रदेश के हाथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये उनकी ब्रांडिंग के लिए गत साल योजना में मात्र 50 लाख रूपए की राशि का प्रावधान था. लेकिन कमलनाथ सरकार ने इस राशि को 9.80 करोड़ कर दिया है.
  • काष्ठ शिल्प को प्रोत्साहन देते हुए सागर, छतरपुर, बैतूल, मंडला और छिंदवाडा जिलों में फर्नीचर एवं मूर्ति उत्पादन केंद्र की स्थापना की पहल की गई है.
  • पत्थर शिल्प के क्षेत्र में रोजगार वृध्दि के लिए छतरपुर, मुरैना, ग्वालियर और जबलपुर जिले के शिल्पियों को प्रशिक्षण और मार्केटिंग की सुविधा दी जा रही है. छतरपुर जिले के खजुराहो, मुरैना जिले की मितावली, रायसेन जिले की सांची आदि के स्मारक पत्थर शिल्प की उत्कृष्टता के प्रमाण हैं.
  • हर्ष यादव ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के150वीं जयंती बापू की जीवन शैली के प्रमुख माध्यम खादी वस्त्र के प्रचार-प्रसार किया गया. कबीरा और विन्ध्यावैली के उत्पाद उपभोक्ताओं द्वारा पसंद किए जा रहे हैं. कबीरा फैशन-शो से भी खादी वस्त्रों के प्रचार का कार्य किया गया.
  • खादी उत्पादों और उसके विपणन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न एम्पोरियम पीपीपी मोड पर संचालित करने का निर्णय लिया गया है. होशंगाबाद, खंडवा, गुना, सतना, शहडोल और सागर में एम्पोरियम प्रारंभ करने के संबंध काम किया जा रहा है. छिंदवाडा एम्पोरियम का संचालन गत माह पीपीपी मोड पर प्रारंभ किया गया है.

रेशम संचालनालय
हर्ष यादव ने बताया कि निजी क्षेत्र के मलबरी हितग्राहियों के चयन, पंजीकरण और भुगतान प्रकिया को पारदर्शी बनाने के लिए ई-रेशम पोर्टल प्रारंभ किया गया. चयनित कृषकों को योजना अनुबंध में प्रावधान के अनुसार पौधरोपण कार्य, कृमि पालन भवन निर्माण कार्य, कृमि पालन उपकरण एवं सिंचाई संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए सत्यापन के बाद ई-रेशम पोर्टल पर भुगतान आदेश की व्यवस्था की गई है.
माटीकला बोर्ड
पर्यावरण की रक्षा के लिए माटीकला बोर्ड मिट्टी के कुल्हड़ और टेराकोटा कला से संबंधित बर्तनों एवं ईको फ्रेंडली मूर्तियों के निर्माण और विक्रय को बढ़ावा दे रहा है. टेराकोटा शिल्प का प्रशिक्षण देकर उत्पादन की योजना है. इस साल सागर में भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होगा. राज्य विभाजन के बाद मध्यप्रदेश की ये कला छत्तीसगढ़ तक सीमित हो गई थी.
शिल्पकार के पुरस्कार राशि में बढ़ोतरी
हाथकरघा, हस्तशिल्प एवं माटीकला शिल्प के उत्कृष्ट शिल्पियों को प्रतिवर्ष पुरस्कार दिए जाते हैं. पुरस्कार राशि को दुगुना करने का निर्णय लिया गया है. अब इन क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए 1 लाख, 50 हजार, 25 हजार के स्थान पर 2 लाख, 1 लाख और 50 हजार रूपए के प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे.

भोपाल। कमलनाथ सरकार के कार्यकाल का 17 दिसंबर को एक साल पूरे होने जा रहा है. सरकार के एक साल पूरा होने पर कमलनाथ सरकार के सभी मंत्रियों ने अपने कार्यकाल का लेखा-जोखा पेश करेगी. कैबिनेट मंत्री हर्ष यादव ने ईटीवी भारत से बात करते हुए अपने विभाग की उपलब्धियां गिनाईं. मंत्री हर्ष यादव बात करते हुए कहा कि चुनाव के वक्त जो हमारी सरकार ने प्रदेश की जनता से वादा किया था. उन सभी वचनों को पूरा करने के लिए कमलनाथ सरकार काम कर रही है.

मंत्री हर्ष यादव ने की खास बातचीत

सोलर पार्क योजना
कुटीर एवं ग्रामोद्योग तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री हर्ष यादव ने बताया कि आगर, शाजापुर और नीमच में 1500 मेगावॉट के सोलर परियोजनाएं लगाने का निर्णय लिया है. इसके लिए भूमि का आवंटन भी हो चुका है. जिसपर तुरंत कार्य प्रारंभ किया जाएगा. परियोजना की लागत लगभग 6 हजार करोड़ अनुमानित है. जिसकी राशि विकासक (डेव्हलपर) द्वारा लगाकर प्रदेश को प्रति यूनिट की दर पर 25 सालों के लिए विद्युत उपलब्ध करावेंगे.
हर्ष यादव ने कहा कि बुंदेलखण्ड और चंबल अंचल में भी नये सौर पार्क स्थापित करने की प्रकिया प्रारंभ कर दी गई है. सागर जिले के देवरी, बण्डा, केसली, जैसीनगर और मुरैना के जौरा और कैलारस में ये सोर परियोजनाएं प्रारंभ होगी. इनकी कुल क्षमता लगभग 2 हजार मेगावाट होगी.

रीवा परियोजना

हर्ष यादव ने बताया कि विश्व की सबसे बड़े स्तर की 750 मेगावाट की रीवा परियोजना का पूर्णता का दो तिहाई कार्य पिछले एक साल में किया गया है. 740 मेगावाट का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. दिसम्बर माह में 750 मेगावॉट की पूर्ण क्षमता से उत्पादन प्रारंभ हो जायेगा. प्रतिदिन 99 मेगावॉट बिजली रीवा से दिल्ली मेट्रो को दी जा रही है. शेष बिजली प्रदेश को 2.97 रुपए प्रति यूनिट से मिल रही है.

सोलर रूफ टॉप परियोजनाएं

हर्ष यादव का कहना है कि सरकार द्वारा सोलर रूफ टॉप परियोजनाओं की स्थापना पिछले एक साल में 291 शासकीय महाविद्यालयों के भवनों में पर किया गया है. वहीं 126 इंजीनियरिंग कॉलेज, आईटीआई भवनों में 13 मेडिकल कॉलेज भवनों के साथ ही पुलिस विभाग के 107 भवनों में 43 मेगावाट क्षमता के सौलर रूफ टॉप परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ कर दिया हैं. जिसमें से 8.5 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी है. अगले 4 साल में हम कम से कम 500 मेगावाट की सौलर रूफ टॉप परियोजनाएं स्थापित कर प्रदेश में क्रांति ला देंगें.

सोलर पंप

हर्ष यादव ने बताया कि सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों के लिए आगामी सालों में 2 लाख सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक हमने 18 हजार नग सोलर पंप की स्थापना की है. इस साल 25 हजार नग सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य शासन ने अभी तक 3 हार्स पावर के सोलर पंप पर 90 प्रतिशत अनुदान और 3 हार्स पावर से अधिक एवं 05 हार्स पावर से कम के पंप पर 85 प्रतिशत अनुदान देने की योजना बनाई है.
ई व्हीकल
प्रदेश में सोलर ऊर्जा से ई-व्हीकल चलाये जाने की योजना प्रारंभ की है. इसके लिए सोलर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे है. भोपाल स्थित ऊर्जा भवन मुख्यालय में यह स्थापित किया गया है.

मंत्री हर्ष यादव की एक साल की प्रमुख उपलब्धियां

  • हर्ष यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले में मृगनयनी एम्पोरियम होगा. इस समय करीब 10 जिलों में केन्द्र हैं. इस साल होशंगाबाद और बैतूल में मृगनयनी के नए विक्रय केन्द्र शुरू किए गए हैं.
  • देश में वैवाहिक साड़ियों के बाजार में द रॉयल हैरिटेज कलेक्शन के नाम से मध्यप्रदेश के बुनकरों के बनाए गये साड़ी और लहंगा वस्त्र अपना स्थान बना रहे हैं. अब चंदेरी रेशम, महेश्वरी रेशम के वस्त्र मृगनयनी में वैरायटी के साथ उपलब्ध रहेंगे.
  • नवाचार के अंतर्गत उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए मृगनयनी की वेब साईट के साथ ही अमेजन के माध्यम से उपभोक्ताओं के हित में क्रियान्वयन किया जा चुका है.
  • प्रदेश के हाथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये उनकी ब्रांडिंग के लिए गत साल योजना में मात्र 50 लाख रूपए की राशि का प्रावधान था. लेकिन कमलनाथ सरकार ने इस राशि को 9.80 करोड़ कर दिया है.
  • काष्ठ शिल्प को प्रोत्साहन देते हुए सागर, छतरपुर, बैतूल, मंडला और छिंदवाडा जिलों में फर्नीचर एवं मूर्ति उत्पादन केंद्र की स्थापना की पहल की गई है.
  • पत्थर शिल्प के क्षेत्र में रोजगार वृध्दि के लिए छतरपुर, मुरैना, ग्वालियर और जबलपुर जिले के शिल्पियों को प्रशिक्षण और मार्केटिंग की सुविधा दी जा रही है. छतरपुर जिले के खजुराहो, मुरैना जिले की मितावली, रायसेन जिले की सांची आदि के स्मारक पत्थर शिल्प की उत्कृष्टता के प्रमाण हैं.
  • हर्ष यादव ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के150वीं जयंती बापू की जीवन शैली के प्रमुख माध्यम खादी वस्त्र के प्रचार-प्रसार किया गया. कबीरा और विन्ध्यावैली के उत्पाद उपभोक्ताओं द्वारा पसंद किए जा रहे हैं. कबीरा फैशन-शो से भी खादी वस्त्रों के प्रचार का कार्य किया गया.
  • खादी उत्पादों और उसके विपणन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न एम्पोरियम पीपीपी मोड पर संचालित करने का निर्णय लिया गया है. होशंगाबाद, खंडवा, गुना, सतना, शहडोल और सागर में एम्पोरियम प्रारंभ करने के संबंध काम किया जा रहा है. छिंदवाडा एम्पोरियम का संचालन गत माह पीपीपी मोड पर प्रारंभ किया गया है.

रेशम संचालनालय
हर्ष यादव ने बताया कि निजी क्षेत्र के मलबरी हितग्राहियों के चयन, पंजीकरण और भुगतान प्रकिया को पारदर्शी बनाने के लिए ई-रेशम पोर्टल प्रारंभ किया गया. चयनित कृषकों को योजना अनुबंध में प्रावधान के अनुसार पौधरोपण कार्य, कृमि पालन भवन निर्माण कार्य, कृमि पालन उपकरण एवं सिंचाई संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए सत्यापन के बाद ई-रेशम पोर्टल पर भुगतान आदेश की व्यवस्था की गई है.
माटीकला बोर्ड
पर्यावरण की रक्षा के लिए माटीकला बोर्ड मिट्टी के कुल्हड़ और टेराकोटा कला से संबंधित बर्तनों एवं ईको फ्रेंडली मूर्तियों के निर्माण और विक्रय को बढ़ावा दे रहा है. टेराकोटा शिल्प का प्रशिक्षण देकर उत्पादन की योजना है. इस साल सागर में भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होगा. राज्य विभाजन के बाद मध्यप्रदेश की ये कला छत्तीसगढ़ तक सीमित हो गई थी.
शिल्पकार के पुरस्कार राशि में बढ़ोतरी
हाथकरघा, हस्तशिल्प एवं माटीकला शिल्प के उत्कृष्ट शिल्पियों को प्रतिवर्ष पुरस्कार दिए जाते हैं. पुरस्कार राशि को दुगुना करने का निर्णय लिया गया है. अब इन क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए 1 लाख, 50 हजार, 25 हजार के स्थान पर 2 लाख, 1 लाख और 50 हजार रूपए के प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे.

Intro:(नोट- इस खबर से संबंधित मंत्री का 121 कैमरे द्वारा भेजा गया है 13 दिसंबर को भेजा गया यह 121 का slug - MP_BH-10-BHOPAL_HARSHAVARDAN_121_15-59-27 है।)

भोपाल। कमलनाथ सरकार को 17 दिसंबर को 1 साल पूरा होने जा रहा है। सरकार के 1 साल पूरा होने पर कमलनाथ सरकार के सभी मंत्रियों ने अपने विभागों का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। इसी कड़ी में नवीन एवं नवीकरणीय योजना एवं कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री हर्ष यादव से हमारे संवाददाता कपिल तिवारी ने खास बातचीत की। जिसमें उन्होंने अपनी विभाग की उपलब्धियों के साथ अपने विभाग का लेखा-जोखा पेश किया।

मध्यप्रदेश उन सौभाग्यशाली प्रदेशों में है, जिसका कुल वन क्षेत्र 94.689 वर्ग किलोमीटर है, जो कि राज्य के भौगोलिक क्षेत्र का 30.72 प्रतिशत है।मुख्यमंत्री कमलनाथ की मान्यता है कि सर्वाधिक नवकरणीय ऊर्जा के प्रयोग से हम प्रदेश की इस विरासत को और समृद्धशाली बना सकते हैं। बीते एक वर्ष में प्रदेश में ग्रिड कनेक्टेड परियोजनाओं में 670 मेगावाट क्षमता की बृद्धि हुई है। जिसमें 645 मेगावाट की सौर परियोजनाएं एवं 25 मेगावाट क्षमता की बायोमास परियोजनाएं स्थापित की गई। अगले चार वर्षों में लगभग 6 हजार मेगावाट क्षमता की नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा आधारित परियोजना और स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

सोलर पार्क योजना:-
- आगर, शाजापुर, नीमच जिलों में 1500 मेगावाॅट के सोलर परियोजनाएं लगाने का निर्णय लिया है। भूमि का आवंटन भी विभाग को हो चुका है, जिसमें तुरंत कार्य प्रारंभ किया जावेगा। परियोजना की लागत लगभग 6 हजार करोड़ अनुमानित है। जिसकी राशि विकासक (डेव्हलपर) द्वारा लगाकर प्रदेश को प्रति यूनिट की दर पर 25 वर्षों के लिए विद्युत उपलब्ध करावेंगे।

- बुंदेलखण्ड और चंबल अंचल में भी नये सौर पार्क स्थापित करने की प्रकिया प्रारंभ कर दी है। सागर जिले के देवरी, बण्डा, केसली, जैसीनगर और मुरैना जिले के मुरैना,जौरा और कैलारस में ये सोर परियोजनाएं प्रारंभ होगी। इनकी कुल क्षमता लगभग 2000 मेगावाट होगी।

रीवा परियोजना-
विश्व की सबसे बड़े स्तर की 750 मेगावाट की रीवा परियोजना का पूर्णता का दो तिहाई कार्य पिछले एक वर्ष में किया गया है, 740 मेगावाट का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। दिसम्बर माह में 750 मेगावाॅट की पूर्ण क्षमता से उत्पादन प्रारंभ हो जायेगा। प्रतिदिन 99 मेगावाॅट बिजली रीवा से दिल्ली मेट्रो को दी जा रही है। शेष बिजली प्रदेश को रूपए 2.97 प्रतियूनिट से मिल रही है।

सोलर रूफ टाॅप परियोजनाएं

सरकार द्वारा सोलर रूफ टाॅप परियोजनाओं कीे स्थापना पिछले एक वर्ष में 291 शासकीय महाविद्यालयों के भवनों में, 126 इंजीनियरिंग काॅलेज एवं आई.टी.आई भवनों में, 13 मेडिकल काॅलेज भवनों में, पुलिस विभाग के 107 भवनों में 14 विश्वविद्यालय भवनों में और राज्य एवं केन्द्र सरकार के अनेकों भवनों में 43 मेगावाट क्षमता के सौलर रूफ टाॅप परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ कर दिया हैं जिसमें से 8.5 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित की जा चुंकी है। अगले 4 वर्षो में हम कम से कम 500 मेगावाट की सौलर रूफ टाॅप परियोजनाएं स्थापित कर प्रदेश में क्रांति ला देंगें। इस परियोजना की विशेषता यह है कि उपभोक्ता अपने घर पर आने वाली धूप से ही अपनी बिजली की आवश्यकता की पूर्ति करता है। अतिरिक्त विद्युत उत्पादन होने पर विद्युत वितरण कंपनी के लाईन में प्रवाहित होकर वापस ली जा सकती हैै।

सोलर पंप:-
सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों के लिए आगामी वर्षों में 2 लाख सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक हमने 18 हजार नग सोलर पंप की स्थापना की है। इस वर्ष 25 हजार नग सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य शासन ने अभी तक 3 हार्स पावर के सोलर पंप पर 90 प्रतिशत अनुदान एवं 3 हार्स पावर से अधिक एवं 05 हार्स पावर से कम के पंप पर 85 प्रतिशत अनुदान देने की योजना बनाई है।
         
स्टोरेज सोलर पाॅवर प्लांटः-
मुख्यमंत्री ऊर्जा के क्षेत्र में नवाचारों के हिमायती हैं। इसी परिपेक्ष्य में हमारी सरकार द्वारा स्टोरेज पाॅवर प्लांट की स्थापना करने की पहल की जा रही है। इस संबंध में प्रस्ताव का परीक्षण कर अगले वर्ष में स्टोरेज प्लांट की स्थापना प्रस्तावित है।

सोलर फ्लोटिंग पाॅवर प्लांट -
प्रदेष में तैरते हुये सोलर प्लांट शुरू करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गयी है। यह कार्य मध्यप्रदेष को नई पहचान देगें। एकचक जमीन उपलब्ध न होने की स्थिति में ओंकारेष्वर एवं इंदिरा सागर जलाषयों में 1000 मेगावाट क्षमता के फ्लोटिंग सौर संयत्र को विकसित करने की कार्यवाही प्रारंभ की गयी है।          

ई-व्हीकल -
प्रदेश में सोलर ऊर्जा से ई-व्हीकल चलाये जाने की योजना प्रारंभ की है। इसके लिए सोलर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे है। भोपाल स्थित ऊर्जा भवन मुख्यालय में यह स्थापित किया गया है।


Body:कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की एक वर्ष की प्रमुख उपलब्धियां


हस्तशिल्प विकास निगम/हाथकरघा:-
मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले में मृगनयनी एम्पोरियम होगा। इस समय करीब 10 जिलों में केन्द्र हैं। इस वर्ष होशंगाबाद एवं बैतूल में मृगनयनी के नए विक्रय केन्द्र शुरू किए गए हैं।

देश के विभिन्न प्रमुख नगरों में करीब 20 मृगनयनी केन्द्र प्रारंभ करने के प्रयास प्रारंभ हुए हैं।अन्य राज्यों में हैदराबाद (आन्ध्रप्रदेश) और केवडिया (गुजरात) एवं छत्तीसगढ के रायपुर में मृगनयनी शो-रूम शुरू किए हैं। सागर और छिंदवाडा में नए मृगनयनी शो-रूम शुरू करने की कार्यवाही अंतिम चरण में है।

- देश में वैवाहिक साड़ियों के बाजार में ’’द राॅयल हैरिटेज कलेक्शन’’ के नाम से मध्यप्रदेश के बुनकरों के बनाए गये साड़ी और लहंगा वस्त्र अपना स्थान बना रहे हैं। अब चंदेरी रेशम, महेश्वरी रेशम के वस्त्र मृगनयनी में वैरायटी के साथ उपलब्ध रहेंगे।

- नवाचार के अंतर्गत उत्पादों की आन-लाइन बिक्री के लिए मृगनयनी की वेब साईट के साथ ही अमेजन के माध्यम से उपभोक्ताओं के हित में क्रियान्वयन किया जा चुका है।

- पहली बार मध्यप्रदेश के वस्त्र शिल्पी लंदन में अध्ययन एवं भ्रमण के लिए भेजे गए। इनमें महेश्वर (खरगौन) चंदेरी (अशोकनगर) और बाघ (धार) के शिल्पी शामिल हैं।

प्रदेश के हाथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये उनकी ब्रांडिंग के लिए गत वर्ष योजना में मात्र 50 लाख रूपए की राशि का प्रावधान था। कमलनाथ सरकार ने इस राशि को 9.80 करोड़ कर दिया है।

मध्यप्रदेश सरकार की इस नई पहल के अंतर्गत आगामी अप्रैल माह में लंदन में मृगनयनी प्रदर्शनी आयोजित करने के प्रयास किए जा रहेे हैं। लंदन के पश्चात् अन्य देशों के प्रमुख नगरों में मध्यप्रदेश की कला, हुनर और विशिष्ट उत्पाद भी प्रदर्शित होंगे।

काष्ठ शिल्प को प्रोत्साहन देते हुए सागर, छतरपुर, बैतूल, मंडला तथा छिंदवाडा जिलों में फर्नीचर एवं मूर्ति उत्पादन केंद्र की स्थापना की पहल की गई।

पत्थर शिल्प के क्षेत्र में रोजगार वृध्दि के लिए छतरपुर, मुरैना, ग्वालियर और जबलपुर जिले के शिल्पियों को प्रशिक्षण और मार्केटिंग की सुविधा दी जा रही है। छतरपुर जिले के खजुराहो, मुरैना जिले की मितावली, रायसेन जिले की सांची आदि के स्मारक पत्थर शिल्प की उत्कृष्टता के प्रमाण हैं।


Conclusion:खादी एवं ग्रामोद्योग:-

यह वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म का 150 वाॅं वर्ष होने के कारण गांधी जी की जीवन शैली के प्रमुख माध्यम खादी वस्त्र के प्रचार-प्रसार का वर्ष भी है।कबीरा और विन्ध्यावैली के उत्पाद उपभोक्ताओं द्वारा पसंद किए जा रहे हैं। कबीरा फैशन-शो से भी खादी वस्त्रों के प्रचार का कार्य किया गया। नए वर्ष मेें 4 से 14 जनवरी तक गौहर महल में इसी तरह का आयोजन किया जाना है। फैम इंडिया जैसे संस्थान हम से ही खादी लेकर रेडीमेड गारमेंट के विक्रय करते रहे हैं।

खादी उत्पादों और उसके विपणन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न एम्पोरियम पी.पी.पी. मोड पर संचालित करने का निर्णय लिया गया है। होशंगाबाद, खण्डवा, गुना, सतना, शहडोल और सागर में एम्पोरियम प्रारंभ करने के संबंध में कार्यवाही की जा चुकी है। छिंदवाडा एम्पोरियम का संचालन गत माह पी.पी.पी मोड पर प्रारंभ किया गया है।


रेशम संचालनालय:-

निजी क्षेत्र के मलबरी हितग्राहियों के चयन, पंजीकरण और भुगतान प्रकिया को पारदर्शी बनाने के लिए ई-रेशम पोर्टल प्रारंभ किया गया।चयनित कृषकों को योजना अनुबंध में प्रावधान के अनुसार पौध रोपण कार्य, कृमि पालन भवन निर्माण कार्य, कृमि पालन उपकरण एवं सिंचाई संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए सत्यापन के बाद ई-रेशम पोर्टल पर भुगतान आदेश की व्यवस्था की गई है।

नवीन क्षेत्रों में रेशम गतिविधि प्रारंभ करने हेतु 2 नवीन कार्यालय की स्थापना जिला रेशम कार्यालय सागर एवं जिला रेशम कार्यालय छिंदवाड़ा की गई है।





माटीकला बोर्ड:-

पर्यावरण की रक्षा के लिए माटीकला बोर्ड मिट्टी के कुल्हड़ एवं टेराकोटा कला से संबंधित बर्तनों एवं ईको फ्रेंडली मूर्तियों के निर्माण एवं विक्रय को बढ़ावा दे रहा है। टेराकोटा शिल्प का प्रशिक्षण देकर उत्पादन की योजना है। इस वर्ष सागर में भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होगा। राज्य विभाजन के बाद मध्यप्रदेश की ये कला छत्तीसगढ़ तक सीमित हो गई थी।

बोर्ड द्वारा माटीकला उद्यमियों के उत्पादों के विक्रय हेतु भोपाल में ’’माटी की महक’’ मेले का आयोजन किया जाएगा।

पुरस्कार -
हाथकरघा, हस्तशिल्प एवं माटी कला शिल्प के उत्कृष्ट शिल्पियों को प्रतिवर्ष पुरस्कार दिए जाते हैं। पुरस्कार राशि को दुगुना करने का निर्णय लिया गया है। अब इन क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए 01 लाख, 50 हजार, 25 हजार के स्थान पर 2 लाख, 1 लाख और 50 हजार रूपए के क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
Last Updated : Dec 15, 2019, 7:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.