भोपाल। कमलनाथ सरकार के कार्यकाल का 17 दिसंबर को एक साल पूरे होने जा रहा है. सरकार के एक साल पूरा होने पर कमलनाथ सरकार के सभी मंत्रियों ने अपने कार्यकाल का लेखा-जोखा पेश करेगी. कैबिनेट मंत्री हर्ष यादव ने ईटीवी भारत से बात करते हुए अपने विभाग की उपलब्धियां गिनाईं. मंत्री हर्ष यादव बात करते हुए कहा कि चुनाव के वक्त जो हमारी सरकार ने प्रदेश की जनता से वादा किया था. उन सभी वचनों को पूरा करने के लिए कमलनाथ सरकार काम कर रही है.
सोलर पार्क योजना
कुटीर एवं ग्रामोद्योग तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री हर्ष यादव ने बताया कि आगर, शाजापुर और नीमच में 1500 मेगावॉट के सोलर परियोजनाएं लगाने का निर्णय लिया है. इसके लिए भूमि का आवंटन भी हो चुका है. जिसपर तुरंत कार्य प्रारंभ किया जाएगा. परियोजना की लागत लगभग 6 हजार करोड़ अनुमानित है. जिसकी राशि विकासक (डेव्हलपर) द्वारा लगाकर प्रदेश को प्रति यूनिट की दर पर 25 सालों के लिए विद्युत उपलब्ध करावेंगे.
हर्ष यादव ने कहा कि बुंदेलखण्ड और चंबल अंचल में भी नये सौर पार्क स्थापित करने की प्रकिया प्रारंभ कर दी गई है. सागर जिले के देवरी, बण्डा, केसली, जैसीनगर और मुरैना के जौरा और कैलारस में ये सोर परियोजनाएं प्रारंभ होगी. इनकी कुल क्षमता लगभग 2 हजार मेगावाट होगी.
रीवा परियोजना
हर्ष यादव ने बताया कि विश्व की सबसे बड़े स्तर की 750 मेगावाट की रीवा परियोजना का पूर्णता का दो तिहाई कार्य पिछले एक साल में किया गया है. 740 मेगावाट का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. दिसम्बर माह में 750 मेगावॉट की पूर्ण क्षमता से उत्पादन प्रारंभ हो जायेगा. प्रतिदिन 99 मेगावॉट बिजली रीवा से दिल्ली मेट्रो को दी जा रही है. शेष बिजली प्रदेश को 2.97 रुपए प्रति यूनिट से मिल रही है.
सोलर रूफ टॉप परियोजनाएं
हर्ष यादव का कहना है कि सरकार द्वारा सोलर रूफ टॉप परियोजनाओं की स्थापना पिछले एक साल में 291 शासकीय महाविद्यालयों के भवनों में पर किया गया है. वहीं 126 इंजीनियरिंग कॉलेज, आईटीआई भवनों में 13 मेडिकल कॉलेज भवनों के साथ ही पुलिस विभाग के 107 भवनों में 43 मेगावाट क्षमता के सौलर रूफ टॉप परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ कर दिया हैं. जिसमें से 8.5 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी है. अगले 4 साल में हम कम से कम 500 मेगावाट की सौलर रूफ टॉप परियोजनाएं स्थापित कर प्रदेश में क्रांति ला देंगें.
सोलर पंप
हर्ष यादव ने बताया कि सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों के लिए आगामी सालों में 2 लाख सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक हमने 18 हजार नग सोलर पंप की स्थापना की है. इस साल 25 हजार नग सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य शासन ने अभी तक 3 हार्स पावर के सोलर पंप पर 90 प्रतिशत अनुदान और 3 हार्स पावर से अधिक एवं 05 हार्स पावर से कम के पंप पर 85 प्रतिशत अनुदान देने की योजना बनाई है.
ई व्हीकल
प्रदेश में सोलर ऊर्जा से ई-व्हीकल चलाये जाने की योजना प्रारंभ की है. इसके लिए सोलर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे है. भोपाल स्थित ऊर्जा भवन मुख्यालय में यह स्थापित किया गया है.
मंत्री हर्ष यादव की एक साल की प्रमुख उपलब्धियां
- हर्ष यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले में मृगनयनी एम्पोरियम होगा. इस समय करीब 10 जिलों में केन्द्र हैं. इस साल होशंगाबाद और बैतूल में मृगनयनी के नए विक्रय केन्द्र शुरू किए गए हैं.
- देश में वैवाहिक साड़ियों के बाजार में द रॉयल हैरिटेज कलेक्शन के नाम से मध्यप्रदेश के बुनकरों के बनाए गये साड़ी और लहंगा वस्त्र अपना स्थान बना रहे हैं. अब चंदेरी रेशम, महेश्वरी रेशम के वस्त्र मृगनयनी में वैरायटी के साथ उपलब्ध रहेंगे.
- नवाचार के अंतर्गत उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए मृगनयनी की वेब साईट के साथ ही अमेजन के माध्यम से उपभोक्ताओं के हित में क्रियान्वयन किया जा चुका है.
- प्रदेश के हाथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये उनकी ब्रांडिंग के लिए गत साल योजना में मात्र 50 लाख रूपए की राशि का प्रावधान था. लेकिन कमलनाथ सरकार ने इस राशि को 9.80 करोड़ कर दिया है.
- काष्ठ शिल्प को प्रोत्साहन देते हुए सागर, छतरपुर, बैतूल, मंडला और छिंदवाडा जिलों में फर्नीचर एवं मूर्ति उत्पादन केंद्र की स्थापना की पहल की गई है.
- पत्थर शिल्प के क्षेत्र में रोजगार वृध्दि के लिए छतरपुर, मुरैना, ग्वालियर और जबलपुर जिले के शिल्पियों को प्रशिक्षण और मार्केटिंग की सुविधा दी जा रही है. छतरपुर जिले के खजुराहो, मुरैना जिले की मितावली, रायसेन जिले की सांची आदि के स्मारक पत्थर शिल्प की उत्कृष्टता के प्रमाण हैं.
- हर्ष यादव ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के150वीं जयंती बापू की जीवन शैली के प्रमुख माध्यम खादी वस्त्र के प्रचार-प्रसार किया गया. कबीरा और विन्ध्यावैली के उत्पाद उपभोक्ताओं द्वारा पसंद किए जा रहे हैं. कबीरा फैशन-शो से भी खादी वस्त्रों के प्रचार का कार्य किया गया.
- खादी उत्पादों और उसके विपणन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न एम्पोरियम पीपीपी मोड पर संचालित करने का निर्णय लिया गया है. होशंगाबाद, खंडवा, गुना, सतना, शहडोल और सागर में एम्पोरियम प्रारंभ करने के संबंध काम किया जा रहा है. छिंदवाडा एम्पोरियम का संचालन गत माह पीपीपी मोड पर प्रारंभ किया गया है.
रेशम संचालनालय
हर्ष यादव ने बताया कि निजी क्षेत्र के मलबरी हितग्राहियों के चयन, पंजीकरण और भुगतान प्रकिया को पारदर्शी बनाने के लिए ई-रेशम पोर्टल प्रारंभ किया गया. चयनित कृषकों को योजना अनुबंध में प्रावधान के अनुसार पौधरोपण कार्य, कृमि पालन भवन निर्माण कार्य, कृमि पालन उपकरण एवं सिंचाई संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए सत्यापन के बाद ई-रेशम पोर्टल पर भुगतान आदेश की व्यवस्था की गई है.
माटीकला बोर्ड
पर्यावरण की रक्षा के लिए माटीकला बोर्ड मिट्टी के कुल्हड़ और टेराकोटा कला से संबंधित बर्तनों एवं ईको फ्रेंडली मूर्तियों के निर्माण और विक्रय को बढ़ावा दे रहा है. टेराकोटा शिल्प का प्रशिक्षण देकर उत्पादन की योजना है. इस साल सागर में भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होगा. राज्य विभाजन के बाद मध्यप्रदेश की ये कला छत्तीसगढ़ तक सीमित हो गई थी.
शिल्पकार के पुरस्कार राशि में बढ़ोतरी
हाथकरघा, हस्तशिल्प एवं माटीकला शिल्प के उत्कृष्ट शिल्पियों को प्रतिवर्ष पुरस्कार दिए जाते हैं. पुरस्कार राशि को दुगुना करने का निर्णय लिया गया है. अब इन क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए 1 लाख, 50 हजार, 25 हजार के स्थान पर 2 लाख, 1 लाख और 50 हजार रूपए के प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे.