भोपाल | प्रदेश में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच शनिवार को निवेश संवर्धन कैबिनेट कमेटी की बैठक बुलाई गई है. मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में यह बैठक मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित की जाएगी. इस बैठक में उद्योगपति अनिल अंबानी समूह के सिंगरौली स्थित सासन पावर प्रोजेक्ट को देनदारी चुकाने के लिए 4 वर्ष की मोहलत दी जा सकती है. वहीं इसके अलावा रविवार को भी मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक आयोजित होगी. बैठक में 18 मार्च को विधानसभा में प्रस्तुत होने वाले बजट भाषण को लेकर चर्चा की जाएगी साथ ही मंजूरी दी जा सकती है. वहीं इसके अलावा 1 अप्रैल से किसानों को बीते साल के गेहूं का 160 रुपए बोनस देने पर भी विचार किया जा सकता है.
राजनीतिक उठापटक के बीच शनिवार को निवेश संवर्धन कैबिनेट कमेटी की बैठक शाम को मुख्यमंत्री निवास में बुलाई गई है .इस बैठक में अल्ट्राटेक सीमेंट ,सासन पावर प्रोजेक्ट, रमणीक मैग्नीज, मैपेक्स सहित एक अन्य कंपनी के प्रस्ताव को लेकर विचार किया जाएगा. सासन पावर प्रोजेक्ट के ऊपर कोयले की रॉयल्टी सहित अन्य करों की 400 करोड़ रुपए से ज्यादा देनदारी निकल रही है . जिन्हें हासिल करने के लिए खनिज विभाग कंपनी को पहले ही नोटिस दिया जा चुका है. सासन पावर प्रोजेक्ट से सरकार को एक रुपए 65 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली प्राप्त होती है, जिसके चलते प्रदेश सरकार को हर वर्ष करीब 1200 करोड़ रुपए की बचत होती है.
इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार का मत है कि कंपनी को बकाया चुकाने के लिए और मोहलत दी जानी चाहिए. कंपनी हर माह बकायदा ब्याज चुकाएगी, इस प्रस्ताव पर पिछली बैठक में भी विचार किया गया था पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. इसी तरह अल्ट्राटेक सीमेंट सहित अन्य कंपनियों के प्रस्ताव को निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत पैकेज देने के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाना है .
रविवार को होने वाली कैबिनेट बैठक मंत्रालय में नहीं मुख्यमंत्री निवास मे होगी. इस बैठक में पिछले साल किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे गए 73 हजार मैट्रिक टन गेहूं पर 160 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस देने के बारे में अहम निर्णय लिया जा सकता है. बताया जा रहा है कि 1अप्रैल से किसानों को गेंहू का बोनस भी दिया जा सकता है, जिसके लिए बजट में 1400 करोड़ रुपए का प्रावधान दिया गया है.
लेकिन केंद्र सरकार के 7 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उठाव नहीं करने की वजह से यह अब तक वितरित नहीं हो पा रहा था . बता दें कि केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार के ऊपर यह शर्त लगा दी है कि यदि वह बोनस देती है तो फिर सार्वजनिक वितरण में लगने वाले अलावा सेंट्रल पूल में गेहूं नहीं लिया जाएगा ,जबकि प्रदेश सरकार का मत है कि यह बोनस नहीं प्रोत्साहन राशि है जो उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को देने की योजना " जय किसान समृद्धि " के नाम से लागू की गई है . इस कैबिनेट बैठक के दौरान बजट भाषण पर चर्चा करने के बाद उसे भी मंजूरी दी जा सकती है