भोपाल। परिवार को टूटने से बचाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई ऑनलाइन ई-मीडिएशन (Online E Mediation) के बेहतर नतीजे मिले हैं, प्रोजेक्ट के रिजल्ट को देखते हुए इसे प्रदेश भर में लागू करने की तैयारी है, पर इसके लिए अभी भी बजट का इंतजार है. तीन जिलों में लागू किए गए इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत करीब 37 फीसदी परिवारों को टूटने से बचाया गया. फिलहाल इसको लेकर बजट की व्यवस्था नहीं हो सकी है. इस पायलेट प्रोजेक्ट को ग्वालियर, जबलपुर और भोपाल में लागू किया गया था.
ई-मीडिएशन उम्मीद की नई किरण! तीन माह में 4215 शिकायतें, 910 परिवारों को टूटने से बचाया
तीन जिलों में मिली 4215 शिकायतें
मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने एमपी पुलिस महिला अपराध शाखा, लीगल वालंटियर्स और ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क के साथ मिलकर ऑनलाइन ई-मीडिएशन प्रोजेक्ट शुरू किया था, इसे इसी साल 10 जुलाई से शुरू किया गया था. ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर में परिवार टूटने से बचाने के लिए ऑनलाइन 4215 शिकायतें मिली थीं, जिसमें से 37 फीसदी मामलों में परिवार को टूटने से बचा लिया गया. इसमें भोपाल में 1062 शिकायतें मिली थी, जिसमें से 215 मामले सुलझा लिए गए, ग्वालियर में 1258 में से 217 और जबलपुर में 1895 में से 478 मामलों में दोनों पक्षों (Online E Mediation Family Counseling) ने आपसी सहमति से राजीनामा कर लिया. महिला अपराध शाखा की एडीजी प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव के मुताबिक इसके माध्यम से फिजिकल और ऑनलाइन माध्यम से दोनों पक्षों की घरेलू विवाद में काउंसलिंग कराई गई, जिसकी वजह से कई परिवारों को टूटने से बचाया है.
राज्य में लागू करने के लिए बजट नहीं
तीन जिलों में बेहतर नतीजों को देखते हुए अब इसे प्रदेश के सभी जिलों में लागू किए जाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय के महिला अपराध शाखा ने प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन को भेजा है, एक जिले में इसे लागू करने में करीब 16 हजार रुपए के बजट की जरूरत है. हालांकि, अभी तक इसके लिए वित्त विभाग (Madhya Pradesh Finance Department) से मंजूरी नहीं मिलने (No Budget for Online E Mediation) की वजह से फिलहाल यह प्रोजेक्ट अटका पड़ा है. एडीजी प्रज्ञा ऋचा के मुताबिक उन्होंने प्रस्ताव भेज दिया है, बजट मिलने पर इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा.