भोपाल। राजधानी में पिछले कुछ सालों में बीपीएल कार्ड धारक परिवारों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इसकी जांच के लिए शुरू किया गया सर्वे अभी 12% ही पूरा हो पाया है. अक्टूबर महीने में शुरू हुए सर्वे को नवंबर में पूरा करना था लेकिन इसकी रफ्तार इतनी स्लो है कि सर्वे की टाइम लिमिट बढ़कर फरवरी तक कर दी गई है.
बीपीएल कार्ड धारकों के सर्वे के लिए राशन मित्र एप बनाया गया था जिसकी मदद से 19 विभागों के 1675 कर्मचारियों को सर्वे की जिम्मेदारी सौंपी गई थी जिन्हें जिले के तीन लाख 15 हजार राशन उपभोक्ताओं का क्रॉस वेरिफिकेशन करना है, इसकी जिम्मेदारी सीईओ जिला पंचायत को सौंपी गई है. राशन मित्र एप में कर्मचारियों को लोगों के नाम डालकर जांच करना है और अपात्र लोगों को पकड़कर उन्हें सूची से बाहर करना है.
जिला प्रशासन को अपात्र लोगों द्वारा बीपीएल कार्ड बनवाने की शिकायतें लगातार प्राप्त हो रही थीं. बीपीएल परिवारों की संख्या तेजी से बढ़ती देख खाद्य विभाग ने सर्वे कराकर ऐसे उपभोक्ताओं की जानकारी जुटाई है अब जिनके नाम इसमें से हटाए जाएंगे. अब तक ऐसे आठ हजार अपात्र लोगों के नाम हटाए जा चुके हैं. जो पिछले चार-पांच माह से राशन नहीं ले रहे थे और इन्हें सूचना देने के बाद भी इनकी तरफ से को कार्रवाई नहीं की गई थी.
कैसे होगा सर्वे और क्या जानकारी जुटानी है -
* परिवार बताए गए पते पर रहता है या नहीं.
* पात्रता पर्ची की श्रेणी के अनुसार वैध दस्तावेजों की जांच.
* परिवार के सभी सदस्य साथ रहते हैं या नहीं.
* एक ही परिवार में एक से अधिक कार्डधारक तो नहीं.
* वाहनों की संख्या.
* शासकीय व अर्धशासकीय सेवा श्रेणी के ऊपर और आयकर दाता तो नहीं.
* मकान 3 कमरों से अधिक का या स्वयं का पक्का मकान तो नहीं.
* मोबाइल ऐप में दिए गए परिवार के विवरण का सत्यापन हितग्राही के निवास पर जाकर किया जाएगा.
* परिवार के निवास का फोटो मोबाइल ऐप में अपलोड किया जाएगा.