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BMHRC हॉस्पिटल के अधिग्रहण का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, आमने-सामने होंगे गैस पीड़ित और सरकार

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Published : Apr 9, 2020, 8:24 PM IST

भोपाल के गैस पीड़ितों के बीएमएचआरसी अस्पताल को प्रदेश सरकार ने कोविड-19 संक्रमित मरीजों के लिए अधिग्रहित कर लिया था. जिसके विरोध में भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एक्शन की वकील रचना ढींगरा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. अब जल्द ही मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए का जाएगी.

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BMHRC हॉस्पिटल

भोपाल। प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने भोपाल के गैस पीड़ितों के अस्पताल बीएमएचआरसी को राज्य स्तरीय कोविड-19 उपचार संस्थान बनाया था. जिसके विरोध में गैस पीड़ितों ने आवाज उठाई.इनकी तरफ से भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एक्शन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने अभियोनजन पक्ष को जबलपुर हाइकोर्ट में याचिका दायर कर कहा. जिसके बाद वकील रंजना ढींगरा ने बुधवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जल्द ही मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी.

BMHRC हॉस्पिटल के अधिग्रहण का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

ना ओपीडी चालू, ना मरीजों को किया भर्ती

याचिकाकर्ता भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एक्शन की वकील रचना ढींगरा ने बताया कि 23 मार्च मध्यप्रदेश शासन में भोपाल मेमोरियल अस्पताल को सिर्फ कोविड-19 मरीजों के लिए अधिग्रहित कर लिया था. तब से लेकर आज तक अस्पताल में ना ओपीडी चालू है और ना ही मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. सबसे बड़ी बात ये है कि पूरी तरह से सभी आपातकालीन सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. अस्पताल में भर्ती 86 गैस पीड़ित मरीजों को अस्पताल से बाहर कर दिया गया है. जिसमें से दो पीड़ितों की मौत हो गई है. इसके तुरंत बाद भोपाल ग्रुप ऑफ इंफॉर्मेशन एक्शन और गैस पीड़ित मुन्नी बी( जो अभी वेंटिलेटर पर हैं) ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि हॉस्पिटल में इमरजेंसी सेवा और ओपीडी की सेवा चालू होनी चाहिए. क्योंकि एम्स, हमीदिया अस्पताल और चिरायु में कोविड-19 के मरीजों लिए सुविधाएं शुरू की गई हैं.

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी सुनवाई

वकील रचना ढींगरा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सुनकर हमें इमरजेंसी के तौर पर जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए कहा था. बुधवार को हमने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है. जल्द ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई होगी. मुन्नी बी के अलावा दो और मरीज बीएमएचआरसी में वेंटिलेटर पर हैं. उनके परिजनों को अस्पताल प्रबंधन घर ले जाने या दूसरे अस्पताल में भर्ती करने का दबाव बना रहा है. ये बेहद दुखद है. क्योंकि बीएमएचआरसी गैस पीड़ितों के इलाज के लिए बना है. आज भोपाल गैस पीड़ितों को इलाज ना देकर उनकी जिंदगी खत्म करने के लिए जिम्मेदार है. कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई होगी. हम आशा करते हैं कि जो गैस पीड़ितों के अधिकारों का हनन हुआ है,हमें उस पर न्याय मिलेगा.

भोपाल। प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने भोपाल के गैस पीड़ितों के अस्पताल बीएमएचआरसी को राज्य स्तरीय कोविड-19 उपचार संस्थान बनाया था. जिसके विरोध में गैस पीड़ितों ने आवाज उठाई.इनकी तरफ से भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एक्शन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने अभियोनजन पक्ष को जबलपुर हाइकोर्ट में याचिका दायर कर कहा. जिसके बाद वकील रंजना ढींगरा ने बुधवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जल्द ही मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी.

BMHRC हॉस्पिटल के अधिग्रहण का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

ना ओपीडी चालू, ना मरीजों को किया भर्ती

याचिकाकर्ता भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एक्शन की वकील रचना ढींगरा ने बताया कि 23 मार्च मध्यप्रदेश शासन में भोपाल मेमोरियल अस्पताल को सिर्फ कोविड-19 मरीजों के लिए अधिग्रहित कर लिया था. तब से लेकर आज तक अस्पताल में ना ओपीडी चालू है और ना ही मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. सबसे बड़ी बात ये है कि पूरी तरह से सभी आपातकालीन सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. अस्पताल में भर्ती 86 गैस पीड़ित मरीजों को अस्पताल से बाहर कर दिया गया है. जिसमें से दो पीड़ितों की मौत हो गई है. इसके तुरंत बाद भोपाल ग्रुप ऑफ इंफॉर्मेशन एक्शन और गैस पीड़ित मुन्नी बी( जो अभी वेंटिलेटर पर हैं) ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि हॉस्पिटल में इमरजेंसी सेवा और ओपीडी की सेवा चालू होनी चाहिए. क्योंकि एम्स, हमीदिया अस्पताल और चिरायु में कोविड-19 के मरीजों लिए सुविधाएं शुरू की गई हैं.

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी सुनवाई

वकील रचना ढींगरा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सुनकर हमें इमरजेंसी के तौर पर जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए कहा था. बुधवार को हमने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है. जल्द ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई होगी. मुन्नी बी के अलावा दो और मरीज बीएमएचआरसी में वेंटिलेटर पर हैं. उनके परिजनों को अस्पताल प्रबंधन घर ले जाने या दूसरे अस्पताल में भर्ती करने का दबाव बना रहा है. ये बेहद दुखद है. क्योंकि बीएमएचआरसी गैस पीड़ितों के इलाज के लिए बना है. आज भोपाल गैस पीड़ितों को इलाज ना देकर उनकी जिंदगी खत्म करने के लिए जिम्मेदार है. कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई होगी. हम आशा करते हैं कि जो गैस पीड़ितों के अधिकारों का हनन हुआ है,हमें उस पर न्याय मिलेगा.

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