भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार इन दिनों अपने ही लोगों के कारण परेशानी में घिरी हुई है. दिग्गज नेताओं के मनमुटाव तो सामने आ ही रहे हैं. अब कमलनाथ सरकार के मंत्री और सरकार का समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायक सवाल खड़े करने लगे हैं. हाल ही में मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने सरकार पर नौकरशाही हावी होने को लेकर सवाल उठाए थे, तो निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने अब तक निगम मंडल की नियुक्ति न होने पर सवाल खड़े कर दिए हैं. कांग्रेस में मचे घमासान को लेकर बीजेपी ने नेतृत्व पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है.
बीजेपी का कहना है कि जिस तरह के हालात बने हुए हैं अब तो राहुल गांधी भी इनके मालिक नहीं बचेंगे. वहीं कांग्रेस इन परिस्थितियों से पार पाने के लिए सभी को संयम बरतने की सलाह दे रही है, चाहे वो संगठन का मामला हो या फिर सरकार में निगम मंडल नियुक्तियों का मामला, इनमें हो रही देरी की वजह से कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं का मनोबल टूटने लगा है.
कांग्रेस नेताओं के सरकार के खिलाफ आ रहे बयान को लेकर मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि 'कांग्रेस की व्यथा और कथा अब हर कोई पढ़ रहा है. हर कोई बात कर रहा है, चाहे विधायक हो, वरिष्ठ हो, चाहे नए हो, चाहे मंत्री हो. सब के सब खुल्लम-खुल्ला अपने नेतृत्व को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. वो मानसिक और राजनीतिक तौर पर प्रताड़ित हैं. अब तो राहुल गांधी भी इनके मालिक नहीं बचेंगे.'
वही इन परिस्थितियों को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल कहते हैं कि 'हमारी सरकार में निर्णय तो बहुत अच्छे रहे हैं. 365 दिन में 300 कार्य पूरे हुए हैं. वहां तो घोषणा होती थी, यहां काम हो रहे हैं.' समय पर इस बारे में अध्यक्ष निर्णय लेंगे. सब विचार करना होता है, कार्यकर्ताओं को सब को देखना है. किसका क्या काम है,किसका क्या हक है,सबको मिलेगा.'