ग्वालियर: शहर में आवारा कुत्तों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले पांच दिनों में मासूम बच्चों के ऊपर कुत्तों का दूसरा बड़ा हमला साल के आखिरी दिन हुआ. 5 दिन पहले घास मंडी में एक बच्चे के चेहरे को एक आवारा कुत्ते ने बुरी तरह नोच लिया था. जिससे उसके नाक और चेहरे पर गंभीर जख्म हो गए थे. इसी तरह शहर से सटे जडे़रूआ के पास जहांगीरपुर गांव में एक और दिल दहलाने देने वाला मामला सामने आया है. जहां 2 साल के बच्चे का पूरा जबड़ा ही आवारा कुत्ते ने जख्मी कर दिया.
बच्चे को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बच्चों के परिजनों ने निगम प्रशासन पर कुत्तों के आतंक पर लगाम लगाने की मांग की है. साथ ही कुत्ते पालने वालों को भी परिजनों ने घेरा है.
दो आवारा कुत्तों ने मासूम पर किया हमला
मामला शहर के मुरार स्थित जहांगीरपुर से सामने आया है. जहां घर के बाहर खेलते समय 2 साल के मासूम पर आवारा कुत्तों ने जानलेवा हमला कर दिया. बमुश्किल परिजनों ने उसे कुत्तों से बचाया और अस्पताल लेकर पहुंचे. मासूम के चेहरे पर गंभीर जख्म आने के साथ हाथ-पैर सहित अन्य जगह भी गंभीर चोटें आई है. दरअसल, 2 साल का मासूम बादल अपने घर के बाहर खेल रहा था. तभी अचानक आपस में लड़ रहे दो आवारा कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया. दोनों ही कुत्ते मासूम बादल को अपने जबड़े से नोचने लगे. देखते ही देखते आवारा कुत्तों ने मासूम को लहूलुहान कर दिया.
दहशत में पूरा इलाका
जैसे ही बच्चे की चीख पुकार उसके परिजनों ने सुनी, वह दौड़कर घर के बाहर पहुंचे और पत्थर-लाठी मार कर आवारा कुत्तों को भगाया. इस दौरान आवारा कुत्तों ने लोगों पर भी हमला करने का प्रयास किया. बादल के पिता वीरू उसे गंभीर हालत में जयारोग्य अस्पताल के पीएसएम विभाग लेकर पहुंचे. जहां एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाने के बाद मासूम का इलाज शुरू हुआ. घटना के बाद से परिवार के साथ ही पूरा इलाका दहशत में आ गया है.
कई बार शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
बादल की मां रजनी का कहना है कि "खेलने के दौरान आवारा कुत्ते ने यह जानलेवा हमला किया था. समय पर यदि बादल को नहीं बचाते तो आवारा कुत्ते उसकी जान ही ले लेते. रजनी का यह भी कहना है कि आवारा कुत्तों के आतंक की पहले भी कई बार शिकायत की जा चुकी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके कारण ही यह बड़ी घटना उनके बच्चे के साथ घटित हुई."
लगातार आ रहे डॉग बाइट के केस
वहीं पड़ोस में रहने वाली विमलेश का कहना है कि "घटना के बाद से पूरा जहांगीरपुरा दहशत में है. बच्चे और बुजुर्ग तो घर से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं. निगम अधिकारियों को आवारा डॉग्स को पकड़ने की कार्रवाई करनी चाहिए. ताकि उनका आतंक कम हो सके. इससे पहले घास मंडी इलाके में 5 साल के बच्चे को चेहरे पर बुरी तरह कुत्तों ने काट कर उसे जख्मी कर दिया था. यह घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुई थी. बच्चे की आंख और नाक के आसपास आठ टांके आए थे."
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कुत्तों की लगातार कराई जा रही नसबंदी
शहर में डॉग बाइट के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, क्योंकि मंगलवार को ही जयारोग्य अस्पताल और जिला अस्पताल में 169 मामले डॉग बाइट के पहुंचे. इनमें जयारोग्य अस्पताल में 84 तो वहीं मुरार जिला अस्पताल में 85 मामले सामने आए हैं. शहर में रोजाना आवारा कुत्ते लोगों पर हमला कर रहे हैं. जिनमें सबसे ज्यादा सॉफ्ट टारगेट मासूम बच्चे और बुजुर्ग हैं. इस मामले में नगर निगम आयुक्त अमन वैष्णव का कहना है कि "कुत्तों की संख्या रोकने उनकी नसबंदी कराई जा रही है. साथ ही रेबीज वाले कुत्तों को अलग रखा जा रहा है."