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IIFA अवॉर्ड के आयोजन पर बीजेपी ने उठाए सवाल, कहा- खजाना खाली है तो क्यों हो रहा है आयोजन ?

इंटरनेशनल इंडियन फिल्म अकादमी अवॉर्ड के आयोजन को लेकर बीजेपी का कहना है कि एक तरफ तो सरकार खजाना खाली होने का रोना रोकर किसानों को पैसे नहीं दे रही है और दूसरी तरफ राज्य सरकार कैसे इस तरह के महंगे आयोजन कर रही है.

BJP leader Narottam Mishra - Public Relations Minister PC Sharma
IIFA अवॉर्ड के आयोजन पर BJP ने उठाए सवाल
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Published : Dec 21, 2019, 9:53 PM IST

भोपाल। इंटरनेशनल इंडियन फिल्म अकादमी अवॉर्ड (IIFA) का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन को लेकर बीजेपी और राज्य सरकार अब आमने-सामने आ गए हैं, साथ ही आयोजन को लेकर भी राजनीति शुरु हो गई है. IIFA के आयोजन को लेकर बीजेपी का कहना है कि एक तरफ तो सरकार खजाना खाली होने का रोना रोकर किसानों को पैसे नहीं दे रही है और दूसरी तरफ कैसे इस प्रकार के महंगे आयोजन कर रही है.

IIFA अवॉर्ड के आयोजन पर BJP ने उठाए सवाल

वहीं कांग्रेस ने बीजेपी के जबाव पर पलटवार करते हुए कहा है कि ये आयोजन संस्कृति, पर्यटन और जनसंपर्क विभाग प्रायोजक है. आयोजन से मध्यप्रदेश का पूरी दुनिया में नाम होगा और यहां के कलाकारों को और फिल्म तकनीशियन को रोजगार और स्किल डेवलपमेंट का मौका मिलेगा.

आयोजन पर नरोत्तम मिश्रा ने उठाए सवाल
नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि खजाना खाली है, केंद्र मदद नहीं कर रही है. ये सरकार ध्यान बांटने के लिए इस तरह की बातें करती है. अगर खजाना खाली है तो कोका-कोला और अंबानी को देने के लिए कहां से पैसे आ रहे हैं. आईफा अवॉर्ड में 700 करोड़ देने और मंत्रियों के बंगलों की साज-सज्जा के लिए कहां से पैसा आ रहा है. आप हवाई जहाज भी खरीदो और आईफा अवॉर्ड भी कराओ. अभी अगर खजाना खाली है, तो ये पैसा कहां से आ रहा है. किसानों को पहले दे दो, गरीब और मजदूरों को पहले दे दो. उसके बाद आईफा अवॉर्ड करा लेना.

जनसंपर्क मंत्री ने दिया बीजेपी को जबाव
पीसी शर्मा का कहना है कि इस आयोजन से मध्यप्रदेश को पूरी दुनिया में जाना जाएगा. इस आयोजन को सरकार स्किल डेवलपमेंट से जोड़ेगी. साउंड, लाइट, फोटोग्राफी, फिल्म, विजुअल इफेक्ट्स के माध्यम से प्रदेश के कलाकारों का स्किल डेवलप कर ट्रेनिंग और रोजगार की व्यवस्था की जाएगी. 700 करोड़ रुपए इस कार्यक्रम का मूल्य होता है. इसमें इतना खर्च नहीं होता है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर जनसंपर्क, संस्कृति और पर्यटन विभाग प्रायोजक होंगे. इसके अलावा कई और प्रायोजक भी होते हैं.

कर्जमाफी पर विपक्ष के आरोपों का जवाब
जनसंपर्क मंत्री ने कहा कि 21 लाख किसानों का कर्जा पहले माफ कर दिया है. दूसरे चरण में 12 लाख किसानों की कर्ज माफी शुरू हो गई है. ये कमलनाथ की सरकार है. 230 करोड़ जो माइनिंग का पैसा आता था, मुख्यमंत्री कमलनाथ की वजह से 1300 करोड़ रुपए आ रहा है. हीरे की नीलामी में टाटा, बिड़ला भाग ले रहे हैं. ये कमलनाथ का मैनेजमेंट है. सब का एक-एक पैसा दिया जाएगा.

खजाना खाली के सवाल पर दिया जवाब
खजाना खाली होने के सवाल पर जनसंपर्क मंत्री ने कहा कि खजाना खाली था, जब इनकी सरकार गई थी. उस समय बीजेपी के वित्त मंत्री ने कहा था. ये बात अलग है कि दिल्ली की सरकार जो आपदा का 16 हजार करोड़ की जगह एक हजार करोड़ रुपए दे रहे हैं. इन सबके बाद कमलनाथ का मैनेजमेंट है कि ये सब होगा और मध्यप्रदेश दुनिया में जाना जाएगा.

अवॉर्ड पर भी हो रही है सियासत

आइफा अवॉर्ड का आयोजन अब तक मुंबई में ही आयोजित होता था. साथ ही लंदन, सिंगापुर और दुनिया के बड़े-बड़े शहरों में इसका आयोजन किया जा चुका है. मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रयासों से मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल में आईफा अवॉर्ड का आयोजन मार्च और अप्रैल में होने जा रहा है. हिंदुस्तान में इस अवॉर्ड को ऑस्कर अवॉर्ड की तरह माना जाता है. कार्यक्रम का ऐलान होते ही इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है.

भोपाल। इंटरनेशनल इंडियन फिल्म अकादमी अवॉर्ड (IIFA) का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन को लेकर बीजेपी और राज्य सरकार अब आमने-सामने आ गए हैं, साथ ही आयोजन को लेकर भी राजनीति शुरु हो गई है. IIFA के आयोजन को लेकर बीजेपी का कहना है कि एक तरफ तो सरकार खजाना खाली होने का रोना रोकर किसानों को पैसे नहीं दे रही है और दूसरी तरफ कैसे इस प्रकार के महंगे आयोजन कर रही है.

IIFA अवॉर्ड के आयोजन पर BJP ने उठाए सवाल

वहीं कांग्रेस ने बीजेपी के जबाव पर पलटवार करते हुए कहा है कि ये आयोजन संस्कृति, पर्यटन और जनसंपर्क विभाग प्रायोजक है. आयोजन से मध्यप्रदेश का पूरी दुनिया में नाम होगा और यहां के कलाकारों को और फिल्म तकनीशियन को रोजगार और स्किल डेवलपमेंट का मौका मिलेगा.

आयोजन पर नरोत्तम मिश्रा ने उठाए सवाल
नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि खजाना खाली है, केंद्र मदद नहीं कर रही है. ये सरकार ध्यान बांटने के लिए इस तरह की बातें करती है. अगर खजाना खाली है तो कोका-कोला और अंबानी को देने के लिए कहां से पैसे आ रहे हैं. आईफा अवॉर्ड में 700 करोड़ देने और मंत्रियों के बंगलों की साज-सज्जा के लिए कहां से पैसा आ रहा है. आप हवाई जहाज भी खरीदो और आईफा अवॉर्ड भी कराओ. अभी अगर खजाना खाली है, तो ये पैसा कहां से आ रहा है. किसानों को पहले दे दो, गरीब और मजदूरों को पहले दे दो. उसके बाद आईफा अवॉर्ड करा लेना.

जनसंपर्क मंत्री ने दिया बीजेपी को जबाव
पीसी शर्मा का कहना है कि इस आयोजन से मध्यप्रदेश को पूरी दुनिया में जाना जाएगा. इस आयोजन को सरकार स्किल डेवलपमेंट से जोड़ेगी. साउंड, लाइट, फोटोग्राफी, फिल्म, विजुअल इफेक्ट्स के माध्यम से प्रदेश के कलाकारों का स्किल डेवलप कर ट्रेनिंग और रोजगार की व्यवस्था की जाएगी. 700 करोड़ रुपए इस कार्यक्रम का मूल्य होता है. इसमें इतना खर्च नहीं होता है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर जनसंपर्क, संस्कृति और पर्यटन विभाग प्रायोजक होंगे. इसके अलावा कई और प्रायोजक भी होते हैं.

कर्जमाफी पर विपक्ष के आरोपों का जवाब
जनसंपर्क मंत्री ने कहा कि 21 लाख किसानों का कर्जा पहले माफ कर दिया है. दूसरे चरण में 12 लाख किसानों की कर्ज माफी शुरू हो गई है. ये कमलनाथ की सरकार है. 230 करोड़ जो माइनिंग का पैसा आता था, मुख्यमंत्री कमलनाथ की वजह से 1300 करोड़ रुपए आ रहा है. हीरे की नीलामी में टाटा, बिड़ला भाग ले रहे हैं. ये कमलनाथ का मैनेजमेंट है. सब का एक-एक पैसा दिया जाएगा.

खजाना खाली के सवाल पर दिया जवाब
खजाना खाली होने के सवाल पर जनसंपर्क मंत्री ने कहा कि खजाना खाली था, जब इनकी सरकार गई थी. उस समय बीजेपी के वित्त मंत्री ने कहा था. ये बात अलग है कि दिल्ली की सरकार जो आपदा का 16 हजार करोड़ की जगह एक हजार करोड़ रुपए दे रहे हैं. इन सबके बाद कमलनाथ का मैनेजमेंट है कि ये सब होगा और मध्यप्रदेश दुनिया में जाना जाएगा.

अवॉर्ड पर भी हो रही है सियासत

आइफा अवॉर्ड का आयोजन अब तक मुंबई में ही आयोजित होता था. साथ ही लंदन, सिंगापुर और दुनिया के बड़े-बड़े शहरों में इसका आयोजन किया जा चुका है. मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रयासों से मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल में आईफा अवॉर्ड का आयोजन मार्च और अप्रैल में होने जा रहा है. हिंदुस्तान में इस अवॉर्ड को ऑस्कर अवॉर्ड की तरह माना जाता है. कार्यक्रम का ऐलान होते ही इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है.

Intro:भोपाल। मप्र की व्यवसायिक राजधानी इंदौर में पहली बार इंडियन टेलिविजन अकैडमी अवॉर्ड का आयोजन नवंबर माह में किया गया था। यह पहला मौका था कि मुंबई के बाहर आईटा अवार्ड का आयोजन किया गया था। अब मप्र को एक और ऐसे ही आयोजन का मौका मिलने जा रहा है। जी हां इंटरनेशनल इंडियन फिल्म अकादमी अवार्ड (iifa) का आयोजन किया जा रहा है। राजधानी भोपाल और इंदौर में होने वाले आयोजन को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। बीजेपी का आरोप है कि एक तरफ सरकार खजाना खाली होने का रोना रोकर किसानों को पैसे नहीं दे रही है और दूसरी तरफ पैसे महंगे आयोजन करा रही है। वहीं दूसरी तरफ कमलनाथ सरकार का कहना है कि इस आयोजन में संस्कृति, पर्यटन और जनसंपर्क विभाग प्रायोजक है और इस आयोजन से मप्र का पूरी दुनिया में नाम होगा और यहां के कलाकारों को और फिल्म तकनीशियन को रोजगार और स्किल डेवलपमेंट का मौका मिलेगा।


Body:जहां तक इस आयोजन की बात करें तो जिस तरह से इंदौर में आईफा अवार्ड का आयोजन नवंबर माह में हुआ था। जिसमें पूरे हिंदुस्तान के टेलीविजन कलाकार और फिल्म इंडस्ट्री के लोग इंदौर आए थे और कार्यक्रम के मंच पर मध्यप्रदेश के कलाकारों को गायन और नृत्य का मौका मिला था। उसके माध्यम से मध्य प्रदेश की संस्कृति पूरी दुनिया में पहुंची थी। इसी तरह से इंडियन फिल्म अकैडमी अवॉर्ड (आइफा) का आयोजन भोपाल और इंदौर में होने जा रहा है। खास बात यह है कि यह आयोजन अब तक देश में सिर्फ मुंबई में आयोजित हुआ है।इसके अलावा लंदन, सिंगापुर और दुनिया के बड़े-बड़े शहरों में इसका आयोजन किया जाता है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रयासों से मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल में आईफा अवार्ड का आयोजन मार्च और अप्रैल माह में होने जा रहा है। हिंदुस्तान में इस अवार्ड को ऑस्कर अवार्ड की तरह माना जाता है। कार्यक्रम का ऐलान होते ही इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है।


Conclusion:बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि खजाना खाली है,केंद्र मदद नहीं कर रहा है। यह सरकार ध्यान बांटने के लिए इस तरह की बातें करती है।अगर खजाना खाली है तो कोका कोला और अंबानी को देने कहां से पैसा आ रहा है। आईफा अवार्ड में 700 करोड़ देने और मंत्रियों के बंगलों की साज-सज्जा के लिए कहां से पैसा आ रहा है।आप हवाई जहाज भी खरीदो और आईफा अवार्ड भी कराओ। अभी अगर खजाना खाली है, तो यह पैसा कहां से आ रहा है।किसानों को पहले दे दो गरीब और मजदूरों को पहले दे दो। उसके बाद आईफा अवार्ड करा लेना।

वहीं बीजेपी के सवालों को लेकर मप्र सरकार के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि इस आयोजन से मप्र को पूरी दुनिया में जाना जाएगा। इस आयोजन को सरकार स्किल डेवलपमेंट से जोड़ेगी। साउंड, लाइट, फोटोग्राफी, फिल्म,विजुअल इफैक्ट्स के माध्यम से प्रदेश के कलाकारों का स्किल डेवलप कर ट्रेनिंग और रोजगार की व्यवस्था की जाएगी। 700 करोड़ इस कार्यक्रम का मूल्य होता है, इसमें इतना खर्च नहीं होता है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जनसंपर्क, संस्कृति और पर्यटन विभाग प्रायोजक होंगे। इसके अलावा कई और प्रायोजक भी होते हैं। वहीं विपक्ष के आरोपों पर उनका कहना है कि 21 लाख किसानों का कर्जा पहले माफ कर दिया है. दूसरे चरण में 12 लाख किसानों की कर्ज माफी शुरू हो गई है। यह कमलनाथ की सरकार है। 230 करोड़ जो माइनिंग का पैसा आता था, मुख्यमंत्री कमलनाथ की वजह से 13 सौ करोड़ आ रहा है. हीरे की नीलामी में टाटा, बिड़ला भाग ले रहे हैं। यह कमलनाथ का मैनेजमेंट है। सब का एक-एक पैसा दिया जाएगा। खजाना खाली होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि खजाना खाली था, जब इनकी सरकार गई थी। तो इनके वित्त मंत्री ने कहा था. यह बात अलग है कि दिल्ली की सरकार जो आपदा का 16 हजार करोड़ की जगह एक हजार करोड़ रुपए दे रहे हैं। इन सबके बाद कमलनाथ का मैनेजमेंट है कि यह सब होगा और मध्यप्रदेश दुनिया में जाना जाएगा।
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