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180 करोड़ रुपए बोर्ड परीक्षा की फीस छात्रों को लौटाने के लिए बीजेपी विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र - Narayan Tripathi wrote a letter to CM

सतना जिले के मैहर सीट से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 10वीं और 12वीं के छात्रों से बतौर परीक्षा शुल्क बोर्ड द्वारा लिये गये 180 करोड़ रुपए वासप दिलाने का आग्रह किया है.

shivraj singh
शिवराज सिंह, मुख्यमंत्री
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Published : Jun 17, 2021, 5:39 PM IST

भोपाल। मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने परीक्षा के नाम पर छात्रों से वसूली गई 180 करोड़ रुपए की फीस वापस कराने का जिक्र किया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं और 12वीं के छात्रों से परीक्षा फीस के रूप में यह राशि ली गई थी, लेकिन न तो परीक्षा हुई और न ही प्रश्न पत्र प्रिंट किया गया है और जब परीक्षा फीस कहीं खर्च नहीं किया गया है तो उसे छात्रों को वापस किया जाना चाहिए.

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त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में लिखा है कि प्रदेश के 10वीं और 12वीं के लगभग 700000 विद्यार्थियों की परीक्षाएं कोरोना महामारी के चलते रद्द की गई हैं, इसके पहले छात्रों से परीक्षा शुल्क लिया जा चुका था, जोकि लगभग 180 करोड रुपए माध्यमिक शिक्षा मंडल के पास जमा है. न तो परीक्षा हुई और न ही उत्तर पुस्तिकाएं और प्रश्न पत्र व अन्य व्यवस्थाओं की आवश्यकता पड़ी, जिससे मंडल पर कोई वित्तीय भार भी नहीं आया है.

letter
मुख्यमंत्री के नाम विधायक का पत्र

अब बालकों द्वारा परीक्षा शुल्क वापस दिए जाने की मांग की जा रही है, जबकि गरीब मध्यम वर्ग की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, ऐसे में सभी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. इसलिए मंडल को बच्चों से ली गई परीक्षा फीस वापस करना चाहिए. अपने पत्र में नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री से माध्यमिक शिक्षा मंडल को उक्त परीक्षा शुल्क वापस दिए जाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है.

भोपाल। मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने परीक्षा के नाम पर छात्रों से वसूली गई 180 करोड़ रुपए की फीस वापस कराने का जिक्र किया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं और 12वीं के छात्रों से परीक्षा फीस के रूप में यह राशि ली गई थी, लेकिन न तो परीक्षा हुई और न ही प्रश्न पत्र प्रिंट किया गया है और जब परीक्षा फीस कहीं खर्च नहीं किया गया है तो उसे छात्रों को वापस किया जाना चाहिए.

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त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में लिखा है कि प्रदेश के 10वीं और 12वीं के लगभग 700000 विद्यार्थियों की परीक्षाएं कोरोना महामारी के चलते रद्द की गई हैं, इसके पहले छात्रों से परीक्षा शुल्क लिया जा चुका था, जोकि लगभग 180 करोड रुपए माध्यमिक शिक्षा मंडल के पास जमा है. न तो परीक्षा हुई और न ही उत्तर पुस्तिकाएं और प्रश्न पत्र व अन्य व्यवस्थाओं की आवश्यकता पड़ी, जिससे मंडल पर कोई वित्तीय भार भी नहीं आया है.

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मुख्यमंत्री के नाम विधायक का पत्र

अब बालकों द्वारा परीक्षा शुल्क वापस दिए जाने की मांग की जा रही है, जबकि गरीब मध्यम वर्ग की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, ऐसे में सभी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. इसलिए मंडल को बच्चों से ली गई परीक्षा फीस वापस करना चाहिए. अपने पत्र में नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री से माध्यमिक शिक्षा मंडल को उक्त परीक्षा शुल्क वापस दिए जाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है.

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