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पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने उठाए संगठन में आपसी संवाद को लेकर सवाल

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Published : Oct 25, 2019, 7:05 PM IST

झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद पूर्व राज्यसभा सांसद रघुनंदन शर्मा ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पर जमकर हमला किया.

बीजेपी वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने उठाए संगठन में आपसी संवाद को लेकर सवाल

भोपाल। झाबुआ विधानसभा के उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद बीजेपी की अंदरूनी कलह सामने आने लगी है. सीधी विधायक केदार शुक्ला के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद रघुनंदन शर्मा ने भी नेतृत्व के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है.

पूर्व राज्यसभा सांसद रघुनंदन शर्मा का कहना है अगर जीत का सेहरा जिम्मेदार पदाधिकारी के सर पर बनता है तो हार की जिम्मेदारी भी उन्हीं को उठानी चाहिए. शर्मा ने खास तौर पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि 13 साल सीएम रहे. प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में मामा के नाम से जाने जाते हैं. खासतौर से झाबुआ में मामा शब्द आत्मीयता के लिए जाना जाता है. ऐसे में झाबुआ की जनता ने मामा को ही नकार दिया तो जरूर कहीं कमी रह गई है. इसके साथ ही रघुनंदन शर्मा ने वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा का आरोप भी संगठन पर लगाया है. उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं संगठन में आप संवाद की कमी है.

बीजेपी वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने उठाए संगठन में आपसी संवाद को लेकर सवाल

यह पहला मौका नहीं है जब वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने नेतृत्व के खिलाफ के आवाज उठाई हो. विधानसभा चुनाव की हार के बाद भी रघुनंदन शर्मा ने पार्टी नेताओं पर उपेक्षा का आरोप लगाया था और कहा था कि पार्टी के कुछ नेता अपने आप को ही सर्वश्रेष्ठ मानते हैं. ऐसे नेता एकला चलो की नीति पर चल रहे हैं और नतीजा उनके सामने हैं. अब एक बार फिर झाबुआ चुनाव की हार के बाद शर्मा ने विरोध के स्वर उठाने शुरू कर दिए हैं. उनका कहना है कि वह इस मामले को लेकर प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे से भी चर्चा करेंगे.

भोपाल। झाबुआ विधानसभा के उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद बीजेपी की अंदरूनी कलह सामने आने लगी है. सीधी विधायक केदार शुक्ला के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद रघुनंदन शर्मा ने भी नेतृत्व के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है.

पूर्व राज्यसभा सांसद रघुनंदन शर्मा का कहना है अगर जीत का सेहरा जिम्मेदार पदाधिकारी के सर पर बनता है तो हार की जिम्मेदारी भी उन्हीं को उठानी चाहिए. शर्मा ने खास तौर पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि 13 साल सीएम रहे. प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में मामा के नाम से जाने जाते हैं. खासतौर से झाबुआ में मामा शब्द आत्मीयता के लिए जाना जाता है. ऐसे में झाबुआ की जनता ने मामा को ही नकार दिया तो जरूर कहीं कमी रह गई है. इसके साथ ही रघुनंदन शर्मा ने वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा का आरोप भी संगठन पर लगाया है. उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं संगठन में आप संवाद की कमी है.

बीजेपी वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने उठाए संगठन में आपसी संवाद को लेकर सवाल

यह पहला मौका नहीं है जब वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने नेतृत्व के खिलाफ के आवाज उठाई हो. विधानसभा चुनाव की हार के बाद भी रघुनंदन शर्मा ने पार्टी नेताओं पर उपेक्षा का आरोप लगाया था और कहा था कि पार्टी के कुछ नेता अपने आप को ही सर्वश्रेष्ठ मानते हैं. ऐसे नेता एकला चलो की नीति पर चल रहे हैं और नतीजा उनके सामने हैं. अब एक बार फिर झाबुआ चुनाव की हार के बाद शर्मा ने विरोध के स्वर उठाने शुरू कर दिए हैं. उनका कहना है कि वह इस मामले को लेकर प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे से भी चर्चा करेंगे.

Intro:झाबुआ विधानसभा के उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद बीजेपी के अंदरूनी कलह सामने आने लगी है सीधी विधायक केदार शुक्ला के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद रघुनंदन शर्मा ने भी नेतृत्व के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है शर्मा का कहना है अगर जीत का सेहरा जिम्मेदार पदाधिकारी के सर पर बनता है तो हार की जिम्मेदारी भी उन्हीं को उठानी चाहिए शर्मा ने खास तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि 13 साल मुख्यमंत्री रहे प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में मामा के नाम से जाने जाते हैं और खासतौर से झाबुआ में मामा शब्द आत्मीयता के लिए जाना जाता है ऐसे में झाबुआ की जनता ने मामा को ही नकार दिया तो जरूर कहीं कमी रह गई है इसके साथ ही शर्मा ने वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा का आरोप भी संगठन पर लगाया है कहां है कि कहीं न कहीं संगठन में आप संवाद की कमी है...


Body:यह पहला मौका नहीं है जब वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने नेतृत्व के खिलाफ ने आवाज उठाई हो विधानसभा चुनाव की हार के बाद भी रघुनंदन शर्मा ने पार्टी नेताओं पर उपेक्षा का आरोप लगाया था और कहा था कि पार्टी के कुछ नेता अपने आप को ही सर्वश्रेष्ठ मानते हैं और एकला चलो की नीति पर चल रहे हैं और नतीजा उनके सामने हैं अब एक बार फिर झाबुआ चुनाव की हार के बाद शर्मा ने विरोध के स्वर उठाने शुरू कर दिए हैं उनका कहना है कि वह इस मामले को लेकर प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे से भी चर्चा करेंगे


Conclusion:आखिर क्या वजह है संगठन के खिलाफ आवाज उठाने की या संवाद हीनता संगठन में हो रही है उसको लेकर क्या कुछ कहना रघुनंदन शर्मा का उनसे खास बातचीत की हमारे संवाददाता सूरज शर्मा ने 121- रघुनंदन शर्मा, पूर्व राज्य सभा सदस्य
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