भोपाल। भारतीय जनता पार्टी में काफी दिनों से साइडलाइन चल रहे कैलाश विजयवर्गीय को आलाकमान ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है. विजयवर्गीय को 5 राज्यों का पॉलिटिकल फीडबैक पार्टी हाईकमान को देने की जिम्मेदारी मिली है. साथ में योग्य उम्मीदवारों के चयन का काम भी विजयवर्गीय करेंगे. खास बात यह है कि विजयवर्गीय ये सारा काम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की निगरानी में काम करेंगे. इस तरह की जिम्मेदारी कैलाश विजयवर्गीय को 2018 में भी सौंपी गई थी.
अनुभवी नेता बनेंगे प्रदेश संयोजक: बीजेपी की प्लानिंग के मुताबितक जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है, वहां अनुभवी नेताओं को प्रदेश संयोजक बनाया जाएगा. जो हर विधानसभा के जातिगत समीकरण से लेकर अन्य समीकरणों का फीडबैक केंद्रीय संगठन को देंगे. पार्टी को ग्राउंड रिपोर्ट सही मिले, इसलिए बनाई पॉलिटिकल विंग टीम का गठन किया गया है. ये पॉलिटिकल विंग मध्यप्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों का दौरा करेगी और वहां के समीकरण को समझकर रिपोर्ट तैयार करेगी. इस टीम में अनुभवी और पार्टी के नाराज नेताओं को भी शामिल किया जाएगा.
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प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ से बाहर : इस जिम्मेदारी के बाद अब जो अटकलें लगाई जा रही थी कि कैलाश विजयवर्गीय को प्रदेश संगठन की कमान दी जा सकती है, उन पर पूरी तरह से विराम लग गया है, लेकिन इस बीच प्रदेश में भी हलचल तेज हो गयी है. कैलाश विजयवर्गीय गुट तेजी से सक्रिय हो गया है. दरअसल, इस जिम्मेदारी के पीछे बड़ी वजह यह है कि कैलाश विजयवर्गीय मैनेजमेंट में माहिर माने जाते हैं. मध्यप्रदेश के मालवा अंचल में उनकी गहरी पकड़ है. नरेंद्र सिंह तोमर के साथ ही शिवराज सिंह से भी उनकी पटरी बैठने लगी है. बता दें कि पश्चिम बंगाल का प्रभार लेने के बाद उनको कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई थी.