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बिजली और पेट्रोल-डीजल की मूल्यवृद्धि के खिलाफ बीजेपी का हल्लाबोल, प्रदेश सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप - भोपाल

बिजली और पेट्रोल डीजल की मूल्यवृद्धि पर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं. जहां बीजेपी ने कांग्रेस पर वचन पत्र के वादे न निभाने का आरोप लगाया है.

सीएम कमलनाथ
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Published : Aug 10, 2019, 11:15 PM IST

भोपाल। विधानसभा चुनाव के वक्त अपने वचन पत्र में बिजली और पेट्रोल डीजल सस्ता करने का वादा करने वाली कांग्रेस महंगाई के मुद्दे पर घिरती नजर आ रही है. बीजेपी ने प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर हमला बोला है.

बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में उपभोक्ताओं को वचन दिया था कि बिजली बिल आधा करेंगे. कांग्रेस ने बिजली बिल आधा तो नहीं बल्कि बढ़ाने का काम किया है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि घरेलू और व्यवसायिक दोनों श्रेणियों में दाम बढ़ाने का काम किया है. जिसके चलते निम्न और निम्न मध्यम वर्ग पर बोझ बढ़ा है.

बीजेपी का कांग्रेस पर आरोप


वहीं इस मामले में कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है, कि पार्टी वचन पत्र के साथ चल रही है. उन्होंने कहा कि 100 रूपए में 100 यूनिट बिजली देने का वादा किया गया था. अब हमनें डेढ़ सौ यूनिट कर दिया है. अब डेढ़ सौ यूनिट तक सिर्फ 100 रूपये ही बिजली का बिल आएगा. भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि जितने भी आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग और मध्यम वर्ग के लोग डेढ़ सौ यूनिट तक बिजली उपयोग करते हैं, इससे ज्यादा नहीं करते हैं. उनके लिए बिजली की दरें फिक्स कर दी गई हैं. इसमें कम ज्यादा का कोई सवाल नहीं है.

भोपाल। विधानसभा चुनाव के वक्त अपने वचन पत्र में बिजली और पेट्रोल डीजल सस्ता करने का वादा करने वाली कांग्रेस महंगाई के मुद्दे पर घिरती नजर आ रही है. बीजेपी ने प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर हमला बोला है.

बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में उपभोक्ताओं को वचन दिया था कि बिजली बिल आधा करेंगे. कांग्रेस ने बिजली बिल आधा तो नहीं बल्कि बढ़ाने का काम किया है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि घरेलू और व्यवसायिक दोनों श्रेणियों में दाम बढ़ाने का काम किया है. जिसके चलते निम्न और निम्न मध्यम वर्ग पर बोझ बढ़ा है.

बीजेपी का कांग्रेस पर आरोप


वहीं इस मामले में कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है, कि पार्टी वचन पत्र के साथ चल रही है. उन्होंने कहा कि 100 रूपए में 100 यूनिट बिजली देने का वादा किया गया था. अब हमनें डेढ़ सौ यूनिट कर दिया है. अब डेढ़ सौ यूनिट तक सिर्फ 100 रूपये ही बिजली का बिल आएगा. भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि जितने भी आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग और मध्यम वर्ग के लोग डेढ़ सौ यूनिट तक बिजली उपयोग करते हैं, इससे ज्यादा नहीं करते हैं. उनके लिए बिजली की दरें फिक्स कर दी गई हैं. इसमें कम ज्यादा का कोई सवाल नहीं है.

Intro:भोपाल। विधानसभा चुनाव के समय अपने वचन पत्र में बिजली और पेट्रोल डीजल सस्ता करने का वचन देने वाली कांग्रेस पर वचन तोड़ने के आरोप लग रहे हैं।दरअसल पिछले दिनों जहां पेट्रोलियम पदार्थों में ढाई रुपए तक की वृद्धि की गई। वहीं गुरुवार को बिजली के दामों में 7 फ़ीसदी तक की वृद्धि कर दी गई। रोजाना उपयोग की इन चीजों के दाम बढ़ने पर बीजेपी ने कमलनाथ सरकार पर वचन ना निभाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इससे अच्छे प्रदेश की जनता को जहर देकर मार दे। वहीं कांग्रेस ने इन परिस्थितियों के लिए बीजेपी की 15 साल की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस का कहना है कि 15 साल की गलतियों का खामियाजा हमें भरना पड़ रहा है।इसलिए दामों में वृद्धि की गई है।


Body:बिजली और पेट्रोलियम पदार्थों में मूल्यवृद्धि को लेकर मप्र बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में उपभोक्ताओं को वचन दिया था कि बिजली बिल हाफ करेंगे, नारे भी लगाते थे, वचन भी दिया था। होर्डिंग और तमाम बैनर पर भी यही लिखा करते थे। लेकिन सरकार में आने के बाद इन्होंने बिजली के दाम बढ़ाने का काम किया।घरेलू और व्यवसायिक दोनों श्रेणियों में दाम बढ़ाने का काम किया। इसमें निश्चित तौर पर निम्न वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग पर बोझ बढ़ा है। उनको लगातार तिल तिल कर मारने का काम कांग्रेस कर रही है। इससे अच्छा तो यह है कि इकट्ठा जहर दे दे। क्योंकि डीजल पेट्रोल के दाम घटने का वचन पत्र में वचन देने वाली कांग्रेस ने सरकार में आने के बाद दोनों का दाम बढ़ाने का काम किया है।


Conclusion: इस मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि हम वचन पत्र के साथ चल रहे हैं। हमने कहा था कि हम 100 रूपए में 100 यूनिट बिजली देंगे। अब हमने डेढ़ सौ यूनिट कर दिया है।अब डेढ़ सौ यूनिट तक सिर्फ 100 रूपये ही बिजली का बिल आएगा। जितने भी आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग और मध्यम वर्ग के लोग डेढ़ सौ यूनिट तक बिजली उपयोग करते हैं, इससे ज्यादा नहीं करते हैं, उनके लिए बिजली की दरें फिक्स कर दी गई है। इसमें कम ज्यादा का कोई सवाल नहीं है। वहीं बिजली दरें बढ़ाना मजबूरी इसलिए है। क्योंकि भाजपा की पिछली सरकार ने इतने डाके डालें, कि 3000 करोड़ रुपए हमें बिना बिजली खरीदे,उन लोगों को देना पड़ रहे हैं। जिन से इन्होंने समझौते करे थे और यह समझौते 1 दिन के नहीं 25-25 साल के किए गए हैं।आज हम उनसे बिजली नहीं खरीद सकते हैं। क्योंकि महंगी दरों पर बिजली के सौदे किए गए हैं। बिजली नहीं खरीदते हैं तो हमें हर्जाना देना होता है।प्रदेश की जनता के 3000 करोड़ रुपए की हर साल की लूट भाजपा वाले तय करके गए हैं। इसमें इनका कितना हिस्सा था, इन्हें प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि आखिर ऐसे समझौते क्यों किए गए। अगर हमें कंपनियों का पैसा चुकाना है तो ऐसे में कोई ना कोई प्रभावित होगा। इसको जनता को समझना होगा,जनता को असुविधा है तो उसे पिछली सरकार के मुखिया से जवाब मांगना चाहिए कि आप ने समझौते क्यों किए थे। जिसमें हमारी गाढ़ी कमाई के 3000 करोड़ रूपए मुफ्त में जा रहे हैं।
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