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MP NIA Raid: प्रदेश के कई हिस्सों में छापामार कार्रवाई, रतलाम से सूफा संगठन के 6 लोग गिरफ्तार

एनआईए (National Investigation Agency) ने एक बार फिर मप्र में पीएफआई (popular front of india) के ठिकानों पर छापे मारे हैं. प्रदेश के रतलाम में भी एक टीम पहुंची है, यहां पूर्व में पकड़े गए सदस्यों की प्रॉपर्टी की जांच की जा रही है.

nia raid
एनआईए छापेमारी
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Published : Apr 25, 2023, 10:22 AM IST

Updated : Apr 25, 2023, 1:50 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तरप्रदेश में एक बार फिर एनआईए ने पीएफआई के खिलाफ बड़ी छापेमारी कार्रवाई शुरू कर दी है. इसी के तहत मंगलवार सुबह से एनआईए की टीम मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों में डेरा डाले हुए है. एक बड़ी जानकारी है सामने आई कि रतलाम जिले में सूफा संगठन के सदस्यों को पकड़ने के लिए एनआईए की टीम पहुंची है. सूफा संगठन वही है, जो पूर्व में बम बनाने के आरोप में रडार पर था और फरवरी व मार्च माह में इसके 6 सदस्यों को चित्तौड़गढ़ से पकड़ा गया था. सफा संगठन भी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की तर्ज पर काम करता था, इस संगठन का नेटवर्क मध्यप्रदेश और राजस्थान के बॉर्डर बिल वाले जिलों में सबसे अधिक देखा गया है.

एमपी में कहां-कहां पड़ा छापा: रतलाम जिले के एडिशनल एसपी सुनील पाटीदार ने बताया कि "सूफा संगठन के पूर्व में जो सदस्य पकड़े गए हैं, उन्हीं की प्रॉपर्टी की जांच के लिए एनआईए की टीम रतलाम आई है." रतलाम के अलावा शाजापुर और आगर-मालवा में भी सर्चिंग की बात सामने आई है, साथ ही प्रदेश के उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन और इंदौर के बॉर्डर वाले हिस्से में सर्चिंग की बात पता चल रही है, क्योंकि यहां से भी पीएफआई के सदस्य पकड़े गए थे. सूत्रों ने बताया कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र बॉर्डर के इलाकों में कुछ गांव को चिन्हित किया गया है और एनआईए की टीम यहां भी पहुंच सकती है.

सिस्टम से दुखी लोगों को बनाते हैं टारगेट: एनआईए ने पहले जिन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, वह सिस्टम से दुखी लोगों को टारगेट करते थे. यानी ऐसे लोग जो अपनी परेशानियों को लेकर सरकारी सिस्टम में जाते हैं और उन्हें राहत नहीं मिलती है. पीएफआई के सदस्यों में प्रोफेसर डॉक्टर एडवोकेट शमिल हैं.

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ओवरग्राउंड वर्कर्स ने संभाली कमान: NIA की टीम यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश की 17 लोकेशन पर एक साथ सर्चिंग कर रही है. जांच एजेंसियों को जानकारी मिली है कि इन 17 जगहों पर अभी भी पीएफआई संगठन गैरकानूनी तरीके से देश विरोधी मुहिम चला रहा है. सूत्रों ने बताया कि पीएफआई के बड़े नेताओं के जेल जाने के बाद से ओवरग्राउंड वर्कर्स ने कमान संभाल ली है, यह लोग बेहद गोपनीय ढंग से फंड जमा कर रहे हैं और देश विरोधी मुहिम में जुड़े हैं. अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इसमें किसी की गिरफ्तारी हुई है कि नहीं.

मप्र में अब तक 22 सदस्य गिरफ्तार: मप्र में 7 महीने पहले बार्डर वाले 7 जिलों में एटीएस मप्र ने पीएफआई के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी, इनमें इंदौर, बुरहानुपर, शाजापुर, उज्जैन, खंडवा, खरगोन, धार जिले शामिल हैं. ये 7 जिले प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की गतिविधियों का केंद्र बनते जा रहे हैं, इस बात का खुलासा महाराष्ट्र और मप्र से पकड़े गए आरोपियों ने किया था. भोपाल एटीएस (Anti-Terrorism Squad) थाने में 4 फरवरी को पीएफआई (popular front of india) से जुड़े 4 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, इनको मिलाकर मप्र में कुल 22 पीएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. एफआईआर के बाद गिरफ्तारी और फिर मार्च में 5000 पेज की एक चार्जशीट भी इस मामले में पेश की गई है.

भोपाल। मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तरप्रदेश में एक बार फिर एनआईए ने पीएफआई के खिलाफ बड़ी छापेमारी कार्रवाई शुरू कर दी है. इसी के तहत मंगलवार सुबह से एनआईए की टीम मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों में डेरा डाले हुए है. एक बड़ी जानकारी है सामने आई कि रतलाम जिले में सूफा संगठन के सदस्यों को पकड़ने के लिए एनआईए की टीम पहुंची है. सूफा संगठन वही है, जो पूर्व में बम बनाने के आरोप में रडार पर था और फरवरी व मार्च माह में इसके 6 सदस्यों को चित्तौड़गढ़ से पकड़ा गया था. सफा संगठन भी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की तर्ज पर काम करता था, इस संगठन का नेटवर्क मध्यप्रदेश और राजस्थान के बॉर्डर बिल वाले जिलों में सबसे अधिक देखा गया है.

एमपी में कहां-कहां पड़ा छापा: रतलाम जिले के एडिशनल एसपी सुनील पाटीदार ने बताया कि "सूफा संगठन के पूर्व में जो सदस्य पकड़े गए हैं, उन्हीं की प्रॉपर्टी की जांच के लिए एनआईए की टीम रतलाम आई है." रतलाम के अलावा शाजापुर और आगर-मालवा में भी सर्चिंग की बात सामने आई है, साथ ही प्रदेश के उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन और इंदौर के बॉर्डर वाले हिस्से में सर्चिंग की बात पता चल रही है, क्योंकि यहां से भी पीएफआई के सदस्य पकड़े गए थे. सूत्रों ने बताया कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र बॉर्डर के इलाकों में कुछ गांव को चिन्हित किया गया है और एनआईए की टीम यहां भी पहुंच सकती है.

सिस्टम से दुखी लोगों को बनाते हैं टारगेट: एनआईए ने पहले जिन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, वह सिस्टम से दुखी लोगों को टारगेट करते थे. यानी ऐसे लोग जो अपनी परेशानियों को लेकर सरकारी सिस्टम में जाते हैं और उन्हें राहत नहीं मिलती है. पीएफआई के सदस्यों में प्रोफेसर डॉक्टर एडवोकेट शमिल हैं.

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ओवरग्राउंड वर्कर्स ने संभाली कमान: NIA की टीम यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश की 17 लोकेशन पर एक साथ सर्चिंग कर रही है. जांच एजेंसियों को जानकारी मिली है कि इन 17 जगहों पर अभी भी पीएफआई संगठन गैरकानूनी तरीके से देश विरोधी मुहिम चला रहा है. सूत्रों ने बताया कि पीएफआई के बड़े नेताओं के जेल जाने के बाद से ओवरग्राउंड वर्कर्स ने कमान संभाल ली है, यह लोग बेहद गोपनीय ढंग से फंड जमा कर रहे हैं और देश विरोधी मुहिम में जुड़े हैं. अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इसमें किसी की गिरफ्तारी हुई है कि नहीं.

मप्र में अब तक 22 सदस्य गिरफ्तार: मप्र में 7 महीने पहले बार्डर वाले 7 जिलों में एटीएस मप्र ने पीएफआई के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी, इनमें इंदौर, बुरहानुपर, शाजापुर, उज्जैन, खंडवा, खरगोन, धार जिले शामिल हैं. ये 7 जिले प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की गतिविधियों का केंद्र बनते जा रहे हैं, इस बात का खुलासा महाराष्ट्र और मप्र से पकड़े गए आरोपियों ने किया था. भोपाल एटीएस (Anti-Terrorism Squad) थाने में 4 फरवरी को पीएफआई (popular front of india) से जुड़े 4 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, इनको मिलाकर मप्र में कुल 22 पीएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. एफआईआर के बाद गिरफ्तारी और फिर मार्च में 5000 पेज की एक चार्जशीट भी इस मामले में पेश की गई है.

Last Updated : Apr 25, 2023, 1:50 PM IST
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