भोपाल। डॉक्टर बाला सरस्वती सुसाइड मामले में अब पुलिस की करवाई शंका के घेरे में है. पीड़ित माता-पिता के बाद अब जूनियर डॉक्टर्स ने पुलिस पर एफआईआर दर्ज नहीं करने के आरोप लगाए हैं. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन भोपाल के प्रवक्ता कुलदीप का कहना है कि इस मामले में न जाने पुलिस प्रशासन पर क्या दबाव है. अभी तक एफआईआर नहीं हुई है. जबकि बाला सरस्वती के परिजन नामजद आवेदन दे चुके हैं. इसमें बाला सरस्वती को प्रताड़ित करने वाली पूर्व एचओडी अरुणा कुमार के साथ अन्य सीनियर डॉक्टर के नाम हैं.
जूडा ने की थी हड़ताल : बता दें कि 31 जुलाई को गांधी मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती ने आत्महत्या की थी. जिसके बाद जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर बैठ गए थे. प्रदेश भर में स्वास्थ्य सेवाएं अस्त-व्यस्त हो गई थीं. इसके बाद आरोपों की घेरे में आई पूर्व एचओडी अरुणा कुमार को गांधी मेडिकल कॉलेज से हटकर स्वास्थ्य संचालनालय में ट्रांसफर कर दिया गया. इस दौरान बाल सरस्वती के माता-पिता भी भोपाल पहुंचे थे और उन्होंने इसे आत्महत्या नहीं बल्कि मर्डर करार दिया था.
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परिजनों के ये हैं आरोप : बाला सरस्वती के परिजनों ने गायनिक विभाग की एचओडी के साथ बाला की थीसिस करवा रही सीनियर डॉक्टर्स पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. बाला की बहन लक्ष्मी का कहना था कि ये सुसाइड का मामला नहीं है, उसका मर्डर किया गया है. लक्ष्मी ने कहा था कि बाला सरस्वती को विभाग की डॉ. पल्लवी और अरुणा कुमार व अन्य डॉक्टर परेशान कर रही थीं. उस पर इतना मानसिक दबाव बनाया गया कि उसकी जान चली गई. लक्ष्मी ने बताया था कि उनकी बहन बाला सरस्वती पिछले 3 महीने से लगातार उनसे फोन पर संपर्क में थी. उसने बार-बार एचओडी अरुणा कुमार और थीसिस करवाने वाली पल्लवी और अन्य एक सीनियर डॉक्टर्स पर प्रताड़ना की बात बताई थी.