ETV Bharat / state

भोपाल में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर, कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप, मांगा महापौर का इस्तीफा

कांग्रेस मीडिया प्रभारी शोभा ओझा ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा बीजेपी शासित नगर निगम सभी मोर्चे पर पूरी तरह से फेल है और भोपाल में रहवासी दूषित पानी पीने के लिए मजबूर है. इसलिए महापौर को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.

author img

By

Published : Jun 20, 2019, 3:33 PM IST

भोपाल में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर


भोपाल। राजधानी भोपाल के रहवासी इन दिनों दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं. कांग्रेस ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि भोपाल में फिकल पॉलीफॉर्म मिला दूषित पानी बांटा जा रहा है, जो जनता के स्वास्थ्य और जीवन के लिए खतरनाक है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी शासित नगर निगम सभी मोर्चे पर पूरी तरह से फेल है, इसलिए महापौर को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.

भोपाल में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष शोभा ओझा का कहना है कि कि हाल ही में एजीएमपी के सोशल ऑडिट में खुलासा हुआ है कि राजधानी में 30 जगहों से लिए गए सैंपल में से 5 सैंपल खतरनाक अशुद्धि मिली है. जिनमें श्यामला प्लांट से जुड़े तलैया,चौक, मंगलवारा और श्यामला हिल्स के 30 हजार घरों गंदा पानी सप्लाई किया जा रहा है.

शोभा ओझा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कई इलाके ऐसे हैं, जहां मटमैला पानी सप्लाई हो रहा है. श्यामला हिल्स फिल्टर प्लांट में तो फिल्टरेशन के बाद लिए गए सैंपल में घातक बैक्टीरिया फिकल कॉलीफॉर्म पाया गया है. साफ है कि पानी में मल मूत्र मिला हुआ है. जिससे पूरी प्रक्रिया पर ही सवाल खड़ा होता है.

उन्होंने कहा कि इस खुलासे से साफ है कि इस पानी को पीने से टाइफाइड, हेपिटाइटिस और पीलिया जैसी गंभीर बीमारियां फैल सकती हैं. उन्होंने कहा है कि अगर भोपाल के पूरे वाटर सप्लाई नेटवर्क की बात की जाए तो 20 लाख की आबादी के हिसाब से तय मानकों का पालन नहीं हो रहा है. सभी फिल्टर प्लांट में बदलाव की जरूरत है।


भोपाल। राजधानी भोपाल के रहवासी इन दिनों दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं. कांग्रेस ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि भोपाल में फिकल पॉलीफॉर्म मिला दूषित पानी बांटा जा रहा है, जो जनता के स्वास्थ्य और जीवन के लिए खतरनाक है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी शासित नगर निगम सभी मोर्चे पर पूरी तरह से फेल है, इसलिए महापौर को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.

भोपाल में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष शोभा ओझा का कहना है कि कि हाल ही में एजीएमपी के सोशल ऑडिट में खुलासा हुआ है कि राजधानी में 30 जगहों से लिए गए सैंपल में से 5 सैंपल खतरनाक अशुद्धि मिली है. जिनमें श्यामला प्लांट से जुड़े तलैया,चौक, मंगलवारा और श्यामला हिल्स के 30 हजार घरों गंदा पानी सप्लाई किया जा रहा है.

शोभा ओझा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कई इलाके ऐसे हैं, जहां मटमैला पानी सप्लाई हो रहा है. श्यामला हिल्स फिल्टर प्लांट में तो फिल्टरेशन के बाद लिए गए सैंपल में घातक बैक्टीरिया फिकल कॉलीफॉर्म पाया गया है. साफ है कि पानी में मल मूत्र मिला हुआ है. जिससे पूरी प्रक्रिया पर ही सवाल खड़ा होता है.

उन्होंने कहा कि इस खुलासे से साफ है कि इस पानी को पीने से टाइफाइड, हेपिटाइटिस और पीलिया जैसी गंभीर बीमारियां फैल सकती हैं. उन्होंने कहा है कि अगर भोपाल के पूरे वाटर सप्लाई नेटवर्क की बात की जाए तो 20 लाख की आबादी के हिसाब से तय मानकों का पालन नहीं हो रहा है. सभी फिल्टर प्लांट में बदलाव की जरूरत है।

Intro:भोपाल। राजधानी भोपाल के रहवासी इन दिनों दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं। कांग्रेस ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि भोपाल में फिकल पॉलीफॉर्म मिला दूषित पानी वितरित किया जा रहा है।जो जनता के स्वास्थ्य और जीवन के लिए खतरनाक है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा शासित नगर निगम सभी मोर्चे पर पूरी तरह से फेल है। इसलिए महापौर को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।


Body:मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष शोभा ओझा का कहना है कि प्रदेश की राजधानी भोपाल में भाजपा शासित नगर पालिक निगम हर मोर्चे पर फेल साबित हो रही है। समूची राजधानी में पानी की किल्लत के साथ दूषित पानी सप्लाई किया जा रहा है। शोभा ओझा ने कहा है कि हाल ही में एजीएमपी के सोशल ऑडिट में खुलासा हुआ है कि राजधानी में 30 जगहों से लिए गए सैंपल में से 5 सैंपल खतरनाक अशुद्धि मिली है। जिनमें श्यामला प्लांट से जुड़े तलैया,चौक, मंगलवारा और श्यामला हिल्स के 30 हजार घरों गंदा पानी सप्लाई किया जा रहा है। कई इलाके ऐसे हैं,जहां मटमैला पानी सप्लाई हो रहा है। श्यामला हिल्स फिल्टर प्लांट में तो फिल्टरेशन के बाद लिए गए सैंपल में घातक बैक्टीरिया फिकल कॉलीफॉर्म पाया गया है। साफ है कि पानी में मल मूत्र मिला हुआ है। जिससे पूरी प्रक्रिया पर ही सवाल खड़ा होता है। क्योंकि पानी में भी यदि फिकल कॉलीफॉर्म पाया गया है। तो इसका मतलब है कि ट्रीटमेंट सही तरीके से नहीं हो रहा है। शोभा ओझा ने कहा है कि इस खुलासे से साफ है कि इस पानी को पीने से टाइफाइड, हेपिटाइटिस और पीलिया जैसी गंभीर बीमारियां फैल सकती हैं। उन्होंने कहा है कि यदि भोपाल के पूरे वाटर सप्लाई नेटवर्क की बात की जाए तो 20 लाख की आबादी के हिसाब से तय मानकों का पालन नहीं हो रहा है। सभी फिल्टर प्लांट में बदलाव की जरूरत है।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.