भोपाल। प्रियंका गांधी का ग्वालियर की जनसभा में जनता के लिए राम-राम का संबोधन और ठेठ बुंदेली लहजे में सभा में संवाद....क्या प्रियंका गांधी किसी मंजे हुए राजनेता की तरह अब ये जान गई हैं कि किस इलाके में किस अंदाज में बात गहरी पहुंचती है. इसे टीजर माने तो चालीस दिन में दूसरी सभा में अपना प्रभाव छोड़ गई प्रियंका का करिश्मा क्या वाकई इस बार ईवीएम तक पहुंच पाएगा. सवाल प्रियंका गांधी की सभा में जुटी भीड़ का भी है....ये भीड़ सिंधिया के खिलाफ ग्वालियर चंबल का गुस्सा है. प्रियंका में इंदिरा गांधी की छवि देखने वालों की भीड़ है ये या फिर तस्दीक कि कांग्रेस के अच्छे दिन आने वाले हैं.
प्रियंका बन गई ग्वालियर की मोड़ी और बोलीं राम राम: प्रियंका गांधी ने राज्य से लेकर राष्ट्र तक कोई मुद्दा नहीं छोड़ा. छोड़ा भी तो ताकीद के साथ कि जनता के मुद्दे ज्यादा जरुरी हैं. लेकिन जो उनके इस भाषण का सबसे बड़ा हाईलाइट बन गया वो उनका ठेठ बुंदेली अंदाज़ में दिया गया भाषण का हिस्सा था. जिसमें उन्होंने जनता का संबोधन भी राम-राम से किया और फिर दादी इंदिरा गांधी से सुनी रानी लक्ष्मी बाई की कहानी से लेकर ग्वालियर के अपने दौरे का भी जिक्र उन्होंने उसी ठेठ अंदाज़ में किया. कांग्रेसियों को उर्जा दी कि अब एमपी में बीजेपी जाबे बारी है और कांग्रेस आबे बारी है.
प्रियंका गांधी का देहाती अंदाज: प्रियंका गांधी ने इस लहजे और अंदाज़ के साथ एमपी के उस आम आदमी से कनेक्ट की कोशिश करती रहीं, जिसे आम आदमी ने इसी सहजता को और देहाती लहज़े को पिछले अठारह साल से एमपी में सत्ता का सिरमौर बनाया हुआ है. प्रियंका गांधी ने यहां ठेठ देहाती अंदाज में जनता का संबोधन करते हुए पहले राम-राम कहा और फिर जो दो पंक्तियां कांग्रेसियों को उर्जा दे गई वो ये कि अब एमपी में बीजेपी जाबे बारी है और कांग्रेस आबे बारी है.
प्रियंका की सभा में जुटी ये भीड़ क्या कहती है: 40 दिन के भीतर एमपी में ये दूसरी सभा थी प्रियंका गांधी की. दूसरी ही सभा में भारी भीड़ जुटी. चुनावी इम्तेहान में उतरने से पहले कांग्रेस के लिए ये भीड़ किसी संजीवनी से कम नहीं. वो भी उस इलाके में 2018 के विधानसभा चुनाव में जिस इलाके ने कांग्रेस को सत्ता की चाबी दी थी और 2020 में फिर सत्ता छीन भी ली थी. अगर ये भीड़ उन चुनावी सभाओं की तरह की ही है, जिसमें इंदिरा गांधी की छवि प्रियंका में देखते हुए लोग आते हैं. तो इस भीड़ के वोट में तब्दील होने की संभावना कमजोर है. ये भीड़ सिंधिया के खिलाफ गुस्सा है तो कांग्रेस के लिए ग्वालियर चंबल में सीन बदलने भरपूर गुंजाइश है. अगर ये कांग्रेस को मिला समर्थन है ये भीड़ तो कांग्रेस ये उम्मीद कर सकती है कि अब एमपी में कांग्रेस का सत्ता के लिए वनवास खत्म होने वाला है.
जनसैलाब बता रहा है एमपी में बीजेपी जा रही है: कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा कहते हैं प्रियंका गांधी की सभा में जो जनसैलाब उमड़ा, वो ये बता रहा है कि एमपी में बीजेपी की उल्टी गिनती शुरु हो गई है. अपनी प्रिय नेता को तो सुनने आई ही थी ये भीड़ बाकी ये गुस्सा भी था शिवराज सरकार के खिलाफ जो इस जनसैलाब में सामने आया.