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नहीं थम रहा नकली रेमडेसिविर का कारोबार: पुलिस टीम जगह जगह मार रही छापे

भोपाल में नकली रेमडेसिविर का धंधा जोरों से फल फूल रहा है. भोपाल पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच और पुलिस की इंटेलिजेंस की टीमें, इस कारोबार में शामिल अपराधों के पीछे पड़ी है.

Fake Remeddivir
नकली रेमडेसिविर
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Published : May 14, 2021, 10:38 AM IST

Updated : May 14, 2021, 10:43 AM IST

भोपाल। कोविड महामारी में भी माफिया और बदमाश आपदा में भी अवसर तलाश रहे हैं. कुछ लोग कोरोना मरीजों के लिए जीवन रक्षक दवाई रेमडेसिविर की कालाबाजारी के साथ, नकली रेमडेसिविर भी बाजार में उपलब्ध करा रहे हैं. यह सिलसिला पिछले एक महीने से चल रहा है. सरकार प्रयास करके रेमडेसिविर की आपूर्ति सामान्य करने का प्रयास कर रही है. फिर भी लोगों को रेमडेसिविर के लिये इधर-उधर भटकते पड़ रहा है. पुलिस भी इस मामले में सतत प्रयास कर रही है ताकि नकली रेमडेसिविर की बिक्री में लिप्त आरोपियों को पकड़ा जा सके.

नकली रेमडेसिविर के मामले में ब्रेक कब?

सीएम के सख्त निर्देश

हालांकि प्रशासन इस तरह के लोगों पर रासुका के तहत कार्रवाई कर रही है. फिर भी ये मामले थमने का नाम नही ले रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, तो यहां तक कह चुके हैं कि यदि गुजरात से नकली रेमडेसिविर आ रहे हैं, तो पुलिस वहां से अपराधियों को उठा लाए और उन पर मध्यप्रदेश में मामला चलाया जाए.

कालाबाजारी रोकने के लिए पोर्टल

भोपाल में भी नकली रेमडेसिविर का धंधा जोरों से फल फूल रहा है. भोपाल पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच और पुलिस की इंटेलिजेंस की टीमें, इस कारोबार को करने वाले लोगों के पीछे पड़ी है. कुछ लोग जनता को इस आपदा में भी लोग धोखा देने से बाज नहीं आ रहे हैं. रेमडेसिविर की कालाबाजारी रोकने के लिये प्रशासन ने हॉस्पिटल और अपने बीच एक पोर्टल बनाया है, जिसके तहत भर्ती मरीज को यदि रेमडेसिविर लगना है, तो अस्पताल प्रबंधन उसकी जानकारी पोर्टल पर अपलोड कर देता है और प्रशासन मरीज को रेमडेसिविर का अलॉटमेंट कर देता है और फिर परिजन उसे जिला चिकित्सालय से शुल्क जमा करके प्राप्त कर सकता है.

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बदमाशों को धरपकड़

इसके बाद भी कई लोगों को रेमडेसिविर की अचानक जरूरत पड़ती है, तो यह सिस्टम उनकी मदद नहीं कर पाता है. ऐसे में शुरू होता है कालाबाजारी और नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने वालो का खेल. इंदौर, जबलपुर और रतलाम में नकली इंजेक्शन बेचने वाले बदमाशों को पकड़ा गया है. पिछले दिनों तो एक युवक रेमडेसिविर शीशी में ग्लूकोज का पानी भरकर उसे असली इंजेक्शन बताकर 20 हजार रुपए तक में बेचते पकड़ा गया था.

अब तक 11 आरोपियों से 14 इंजेक्शन जब्त

इंदौर के विजय नगर थाना पुलिस ने रेमडेसिविर के नकली इंजेक्शन की कालाबाजारी करते दो आरोपियों को पकड़ा था. ये लोग गुजरात के मोरबी से नकली इंजेक्शन लेकर आते थे. विजय नगर थाना पुलिस अब तक 11 आरोपियों से 14 इंजेक्शन बरामद कर चुकी है. गुजरात में नकली फैक्ट्री चलाने वाले आरोपी को गुजरात पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. इसके साथ ही कुछ लोग संपर्क कर महंगे दाम में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचते हैं. हालांकि कि प्रदेश की सायबर क्राइम इन पर नजर बनाए हुए है.

बाकी आरोपियों की तलाश जारी

भोपाल डीआईजी इरशाद वली ने बताया कि जहां से भी इस तरह की सूचना मिल रही है. उन पर पुलिस कार्रवाई कर रही है. साथ ही कालाबाजारी करने वालों और रेमडेसिविर का स्टॉक या होल्डिंग करने का प्रयास कर रहा है, तो उस पर भी पुलिस एक्शन ले रही है. इसके साथ ही क्राइम ब्रांच, इंटेलीजेंस की टीम गठित कर नकली रेमडेसिविर बेचने वालों की तलाश कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी है. इंदौर से नकली रेमडेसिविर आने के मामले में डीआईजी ने बताया कि अभी इस मामले में इन्वेस्टिगेशन चल रही है, इसलिये वे अभी इस मामले में कुछ नहीं बता सकते है.

भोपाल। कोविड महामारी में भी माफिया और बदमाश आपदा में भी अवसर तलाश रहे हैं. कुछ लोग कोरोना मरीजों के लिए जीवन रक्षक दवाई रेमडेसिविर की कालाबाजारी के साथ, नकली रेमडेसिविर भी बाजार में उपलब्ध करा रहे हैं. यह सिलसिला पिछले एक महीने से चल रहा है. सरकार प्रयास करके रेमडेसिविर की आपूर्ति सामान्य करने का प्रयास कर रही है. फिर भी लोगों को रेमडेसिविर के लिये इधर-उधर भटकते पड़ रहा है. पुलिस भी इस मामले में सतत प्रयास कर रही है ताकि नकली रेमडेसिविर की बिक्री में लिप्त आरोपियों को पकड़ा जा सके.

नकली रेमडेसिविर के मामले में ब्रेक कब?

सीएम के सख्त निर्देश

हालांकि प्रशासन इस तरह के लोगों पर रासुका के तहत कार्रवाई कर रही है. फिर भी ये मामले थमने का नाम नही ले रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, तो यहां तक कह चुके हैं कि यदि गुजरात से नकली रेमडेसिविर आ रहे हैं, तो पुलिस वहां से अपराधियों को उठा लाए और उन पर मध्यप्रदेश में मामला चलाया जाए.

कालाबाजारी रोकने के लिए पोर्टल

भोपाल में भी नकली रेमडेसिविर का धंधा जोरों से फल फूल रहा है. भोपाल पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच और पुलिस की इंटेलिजेंस की टीमें, इस कारोबार को करने वाले लोगों के पीछे पड़ी है. कुछ लोग जनता को इस आपदा में भी लोग धोखा देने से बाज नहीं आ रहे हैं. रेमडेसिविर की कालाबाजारी रोकने के लिये प्रशासन ने हॉस्पिटल और अपने बीच एक पोर्टल बनाया है, जिसके तहत भर्ती मरीज को यदि रेमडेसिविर लगना है, तो अस्पताल प्रबंधन उसकी जानकारी पोर्टल पर अपलोड कर देता है और प्रशासन मरीज को रेमडेसिविर का अलॉटमेंट कर देता है और फिर परिजन उसे जिला चिकित्सालय से शुल्क जमा करके प्राप्त कर सकता है.

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बदमाशों को धरपकड़

इसके बाद भी कई लोगों को रेमडेसिविर की अचानक जरूरत पड़ती है, तो यह सिस्टम उनकी मदद नहीं कर पाता है. ऐसे में शुरू होता है कालाबाजारी और नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने वालो का खेल. इंदौर, जबलपुर और रतलाम में नकली इंजेक्शन बेचने वाले बदमाशों को पकड़ा गया है. पिछले दिनों तो एक युवक रेमडेसिविर शीशी में ग्लूकोज का पानी भरकर उसे असली इंजेक्शन बताकर 20 हजार रुपए तक में बेचते पकड़ा गया था.

अब तक 11 आरोपियों से 14 इंजेक्शन जब्त

इंदौर के विजय नगर थाना पुलिस ने रेमडेसिविर के नकली इंजेक्शन की कालाबाजारी करते दो आरोपियों को पकड़ा था. ये लोग गुजरात के मोरबी से नकली इंजेक्शन लेकर आते थे. विजय नगर थाना पुलिस अब तक 11 आरोपियों से 14 इंजेक्शन बरामद कर चुकी है. गुजरात में नकली फैक्ट्री चलाने वाले आरोपी को गुजरात पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. इसके साथ ही कुछ लोग संपर्क कर महंगे दाम में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचते हैं. हालांकि कि प्रदेश की सायबर क्राइम इन पर नजर बनाए हुए है.

बाकी आरोपियों की तलाश जारी

भोपाल डीआईजी इरशाद वली ने बताया कि जहां से भी इस तरह की सूचना मिल रही है. उन पर पुलिस कार्रवाई कर रही है. साथ ही कालाबाजारी करने वालों और रेमडेसिविर का स्टॉक या होल्डिंग करने का प्रयास कर रहा है, तो उस पर भी पुलिस एक्शन ले रही है. इसके साथ ही क्राइम ब्रांच, इंटेलीजेंस की टीम गठित कर नकली रेमडेसिविर बेचने वालों की तलाश कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी है. इंदौर से नकली रेमडेसिविर आने के मामले में डीआईजी ने बताया कि अभी इस मामले में इन्वेस्टिगेशन चल रही है, इसलिये वे अभी इस मामले में कुछ नहीं बता सकते है.

Last Updated : May 14, 2021, 10:43 AM IST
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