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ऑनलाइन दवा डिलीवरी के नाम पर ठगी करने वाले तीनों शातिर गिरफ्तार, कंपनी ने पीड़ित महिला को फ्री में दीं दवाएं - भोपाल महिला को ऑनलाइन दवा डिलीवरी का झांसा दिया

भोपाल में ऑनलाइन दवाओं की डिलीवरी में ठगी करने वाले 3 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, ठगी का शिकार हुई महिला को 1MG कंपनी ने दवाओं का पैकेट फ्री में दिया है.

bhopal online medicine home delivery fraud
होम डिलीवरी मामले में धोखाधड़ी
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Published : Mar 18, 2023, 10:02 PM IST

दवा होम डिलीवरी मामले में धोखाधड़ी

भोपाल। राजधानी में कुछ दिनों पहले ऑनलाइन दवाओं की डिलीवरी के नाम पर एक महिला से ठगी की गई थी. अब पुलिस ने मामले के आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. बता दें कि ईटीवी भारत ने ठगी के इस मामले को प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद कोलार पुलिस ने तेजी से जांच करते हुए डिलीवरी ब्वॉय और उसके 2 अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया है. उधर, 1MG कंपनी ने ठगी की शिकार महिला को दवाओं का असली पैकेट बिना कोई पैसा लिए डिलीवर किया है.

योजना बनाकर ठगा: ऑनलाइन दवाओं की डिलीवरी करने के नाम पर ठगी करने वालों में कुल 3 आरोपी शामिल थे. कोलार थाना प्रभारी जय सिंह के अनुसार मुख्य आरोपी डिलीवरी ब्वॉय उमाशंकर जोशी (39) है. इस साजिश में कृष्णा चौधरी (24) और सुनील रैकवार भील (36) भी शामिल थे. इनमें से सुनील और कृष्णा ई-कॉम एक्सप्रेस कंपनी में डिलिवरी ब्वॉय का काम करते हैं. ये कंपनी भोपाल में 1MG के लिए दवाओं की होम डिलीवरी संभालती है. उमाशंकर इनका दोस्त है, जो पहले जेपी हॉस्पिटल में लिफ्ट ऑपरेटिंग का काम करता था और इन दिनों बेरोजगार है. इन्हें पहले से पता था कि पैलेस आर्चेड में मीना शुक्ला अकेली रहती हैं और इनकी दवाइयां अक्सर ऑनलाइन ही आती हैं. इनको ये भी पता था कि मीना शुक्ला के घर में सीसीटीवी नहीं लगे हैं.

उमाशंकर ने तैयार किया था पैकेट: मीना शुक्ला के घर डिलीवरी करने का जिम्मा कृष्णा के पास था. कृष्णा ने सुनील को बताया और योजना बनाई. कृष्णा ने मीना शुक्ला की डिटेल सुनील को और उसने उमाशंकर को फॉरवर्ड कीं. एक डमी पैकेट तैयार किया गया और उसमें हाजमोला की बोतल रखी गई. योजना के अनुसार उमाशंकर और सुनील डिलीवरी देने गए थे. सुनील कॉलोनी के बाहर खड़ा रहा और उमाशंकर मीना शुक्ला के घर गया था. उसी ने पूरी घटना को अंजाम दिया था. पुलिस ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर कोर्ट में पेश कर दिया है.

ठगी से संबंधित इन खबरों पर डालें एक नजर

ऐसे पकड़े गए आरोपी: पुलिस ने ईटीवी भारत द्वारा दर्शाए तथ्यों के आधार पर जांच की. इसमें मीना शुक्ला के घर के पड़ोसी द्वारा दिए गए सीसीटीवी फुटेज और फोटो का इस्तेमाल किया गया. शुक्रवार को बाइक नंबर के आधार पर साउथ टीटी नगर पुलिस सुनील रैकवार के घर पहुंची और उसको गिरफ्तार कर लिया. सुनील के बयान के आधार पर बाकी दोनों आरोपी उमाशंकर जोशी और कृष्णा चौधरी को भी गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि यह इनकी पहली वारदात है. इनमें से सबसे अधिक पढ़ा-लिखा कृष्णा चौधरी है, जिसने ग्रेजुएशन किया है. वहीं, उमाशंकर जोशी 11वीं और कृष्णा रैकवार 10वीं तक पढ़ा है. उमाशंकर जेपी हॉस्पिटल में लिफ्ट ऑपरेटर का काम करता था.

महिला को दवाइयों का असली पैकेट फ्री में मिला: इस मामले में पुलिस टीम की तत्परता से जहां आरोपी पकड़े गए, तो वहीं 1MG कंपनी ने भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए दवाओं का असली पैकेट महिला को देने का फैसला किया. कंपनी के कर्मचारियों ने पुलिस की मौजूदगी में मीना के घर जाकर असली दवाओं का पैकेट फ्री में डिलीवर किया. मीना शुक्ला ने ईटीवी भारत से कहा कि अगर पुलिस और कंपनियां अपनी जिम्मेदारी को इसी तरह से निभाएं और मीडिया तत्परता से ऐसे मामले उठाए तो कोई भी बुजुर्ग खुद को असुरक्षित महसूस नहीं करेगा.

दवा होम डिलीवरी मामले में धोखाधड़ी

भोपाल। राजधानी में कुछ दिनों पहले ऑनलाइन दवाओं की डिलीवरी के नाम पर एक महिला से ठगी की गई थी. अब पुलिस ने मामले के आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. बता दें कि ईटीवी भारत ने ठगी के इस मामले को प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद कोलार पुलिस ने तेजी से जांच करते हुए डिलीवरी ब्वॉय और उसके 2 अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया है. उधर, 1MG कंपनी ने ठगी की शिकार महिला को दवाओं का असली पैकेट बिना कोई पैसा लिए डिलीवर किया है.

योजना बनाकर ठगा: ऑनलाइन दवाओं की डिलीवरी करने के नाम पर ठगी करने वालों में कुल 3 आरोपी शामिल थे. कोलार थाना प्रभारी जय सिंह के अनुसार मुख्य आरोपी डिलीवरी ब्वॉय उमाशंकर जोशी (39) है. इस साजिश में कृष्णा चौधरी (24) और सुनील रैकवार भील (36) भी शामिल थे. इनमें से सुनील और कृष्णा ई-कॉम एक्सप्रेस कंपनी में डिलिवरी ब्वॉय का काम करते हैं. ये कंपनी भोपाल में 1MG के लिए दवाओं की होम डिलीवरी संभालती है. उमाशंकर इनका दोस्त है, जो पहले जेपी हॉस्पिटल में लिफ्ट ऑपरेटिंग का काम करता था और इन दिनों बेरोजगार है. इन्हें पहले से पता था कि पैलेस आर्चेड में मीना शुक्ला अकेली रहती हैं और इनकी दवाइयां अक्सर ऑनलाइन ही आती हैं. इनको ये भी पता था कि मीना शुक्ला के घर में सीसीटीवी नहीं लगे हैं.

उमाशंकर ने तैयार किया था पैकेट: मीना शुक्ला के घर डिलीवरी करने का जिम्मा कृष्णा के पास था. कृष्णा ने सुनील को बताया और योजना बनाई. कृष्णा ने मीना शुक्ला की डिटेल सुनील को और उसने उमाशंकर को फॉरवर्ड कीं. एक डमी पैकेट तैयार किया गया और उसमें हाजमोला की बोतल रखी गई. योजना के अनुसार उमाशंकर और सुनील डिलीवरी देने गए थे. सुनील कॉलोनी के बाहर खड़ा रहा और उमाशंकर मीना शुक्ला के घर गया था. उसी ने पूरी घटना को अंजाम दिया था. पुलिस ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर कोर्ट में पेश कर दिया है.

ठगी से संबंधित इन खबरों पर डालें एक नजर

ऐसे पकड़े गए आरोपी: पुलिस ने ईटीवी भारत द्वारा दर्शाए तथ्यों के आधार पर जांच की. इसमें मीना शुक्ला के घर के पड़ोसी द्वारा दिए गए सीसीटीवी फुटेज और फोटो का इस्तेमाल किया गया. शुक्रवार को बाइक नंबर के आधार पर साउथ टीटी नगर पुलिस सुनील रैकवार के घर पहुंची और उसको गिरफ्तार कर लिया. सुनील के बयान के आधार पर बाकी दोनों आरोपी उमाशंकर जोशी और कृष्णा चौधरी को भी गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि यह इनकी पहली वारदात है. इनमें से सबसे अधिक पढ़ा-लिखा कृष्णा चौधरी है, जिसने ग्रेजुएशन किया है. वहीं, उमाशंकर जोशी 11वीं और कृष्णा रैकवार 10वीं तक पढ़ा है. उमाशंकर जेपी हॉस्पिटल में लिफ्ट ऑपरेटर का काम करता था.

महिला को दवाइयों का असली पैकेट फ्री में मिला: इस मामले में पुलिस टीम की तत्परता से जहां आरोपी पकड़े गए, तो वहीं 1MG कंपनी ने भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए दवाओं का असली पैकेट महिला को देने का फैसला किया. कंपनी के कर्मचारियों ने पुलिस की मौजूदगी में मीना के घर जाकर असली दवाओं का पैकेट फ्री में डिलीवर किया. मीना शुक्ला ने ईटीवी भारत से कहा कि अगर पुलिस और कंपनियां अपनी जिम्मेदारी को इसी तरह से निभाएं और मीडिया तत्परता से ऐसे मामले उठाए तो कोई भी बुजुर्ग खुद को असुरक्षित महसूस नहीं करेगा.

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